एशिया कप से पहले फिर बढ़ीं मोहमद शमी की मुश्किलें, पत्नी हसीन जहां मामले में कोर्ट ने दिया ये आदेश

ADVERTISEMENT

एशिया कप से पहले फिर बढ़ीं मोहमद शमी की मुश्किलें, पत्नी हसीन जहां मामले में कोर्ट ने दिया ये आदेश
कोर्ट के आदेश के बाद दोनों भाइयों को 30 दिन के अंदर जमानत लेनी होगी.
social share
google news

Mohammed Shami and Hasin Jahan Case: भारतीय क्रिकेट टीम के तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी के लिए चुनौतियां एक बार फिर बढ़ गई हैं क्योंकि उनकी पत्नी हसीन जहां के साथ कानूनी परेशानियां जारी हैं. इस मामले में कोर्ट ने उन्हें 30 दिन के अंदर जमानत लेने का आदेश दिया है. इस मामले में हसीन जहां ने शमी और उनके भाई मोहम्मद हसीब पर आरोप लगाया था. कोर्ट के आदेश के बाद दोनों भाइयों को 30 दिन के अंदर जमानत लेनी होगी.

आगामी 30 अगस्त से शुरू होने वाले एशिया कप में टीम इंडिया का हिस्सा बनकर हिस्सा लेने को लेकर मोहम्मद शमी की मुश्किलें बढ़ गई हैं, इसके अलावा, वह ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एक दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय (ODI) श्रृंखला और विश्व कप में टीम इंडिया के लिए महत्व रखते हैं. नतीजतन, शमी को अब निर्धारित 30 दिन की अवधि के भीतर अदालत से जमानत लेनी होगी.

Mohammed Shami and Hasin Jahan Case

2011 में हुई उनकी मुलाकात: मोहम्मद शमी और हसीन जहां की पहली मुलाकात 2011 में हुई थी. मॉडल और कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR) टीम की चीयरलीडर हसीन जहां उनके साथ जुड़ी थीं. इसी दौरान शमी और हसीन जहां के बीच प्रेम कहानी शुरू हुई, जो 2014 में शादी तक पहुंच गई. इसके बाद, हसीन जहां ने अपनी मॉडलिंग और प्रोफेशनल लाइफ को पीछे छोड़ दिया.

ADVERTISEMENT

हसीन जहां की 1 करोड़ रुपये की डिमांड: 2018 में हसीन जहां अपने प्रोफेशनल करियर में लौट आईं. उसने 10 लाख रुपये के भरण-पोषण भत्ते की मांग करते हुए अदालत में मामला दायर किया. इस राशि में उनके व्यक्तिगत खर्चों के लिए 700,000 रुपये और उनकी बेटी के पालन-पोषण के लिए 300,000 रुपये शामिल थे. हसीन के वकील मृगांका मिस्त्री ने कोर्ट में दावा किया कि साल 2022 तक शमी की सालाना आय 7 करोड़ रुपये रही है.

इसे देखते हुए 10 लाख रुपये का मासिक भरण-पोषण भत्ता ज्यादा नहीं लगता. शमी के वकील सलीम रहमान ने दलील दी कि हसीन जहां खुद भी पैसा कमा रही हैं. वह एक पेशेवर फैशन मॉडल हैं. इसलिए, उसका भरण-पोषण भत्ता उतना महत्वपूर्ण नहीं है. इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए कोर्ट ने 1.30 करोड़ रुपये मासिक भरण-पोषण भत्ता देने का फैसला सुनाया.

ADVERTISEMENT

    follow on google news
    follow on whatsapp

    ADVERTISEMENT

    यह भी पढ़ें...

    ऐप खोलें ➜