KALA JATHEDI WEDDING ANURADHA CHAUDHARY : बीते कुछ दिनों से हर कोई बस एक ही नाम का जिक्र कर रहा है और वो नाम है काला जठेड़ी का। आखिरकार जिस शादी का बेसब्री से इंतजार किया जा रहा था वो 12 मार्च को हो ही गई। लेकिन शादी के मौके पर ही गैंग्स्टर को संदीप उर्फ काला जठेड़ी को कोर्ट ने तोहफे में एक जबरदस्त झटका दिया। उसकी 13 मार्च को गृह प्रवेश करने वाली पैरोल कैंसल कर दी। यानी काला जठेड़ी अब अपनी दुल्हन के साथ गृह प्रवेश नहीं कर पाएगा। पहले कोर्ट ने बुधवार को उसके सोनीपत के झठेड़ी गांव में गृह प्रवेश के लिए 2 घंटे की परोल दी थी। मगर, सोनीपत पुलिस को लगा कि कहीं कुछ गड़बड़ हो गई तो लेने के देने पड़ जाएंगे। लिहाजा कानून व्यवस्था का हवाला देकर सोनीपत पुलिस ने अपने हाथ खड़े कर लिए, जिसे देखते हुए कोर्ट ने काला जठेडी की पैरोल खत्म कर दी।
तोहफे में गैंग्स्टर को गच्चा, 6 घंटे बाद ऐसे हुई दूल्हे की ‘विदाई’
GANGSTERS MARRIAGE: गैंग्स्टर काला जठेड़ी और लेडी डॉन अनुराधा की शादी जिस तरह से हुई वो अपने आप में अनोखी थी। लेकिन शादी वाले रोज ही कोर्ट ने गैंग्स्टर को तगड़ा झटका भी दिया
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काला जठेड़ी और अनुराधा की शादी हो गई
13 Mar 2024 (अपडेटेड: Mar 13 2024 8:25 AM)
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मोहलत के वो 360 मिनट
12 मार्च को शादी के लिए मिली 6 घंटे की कस्टडी पैरोल के लिए पैरोल की मोहलत से एक घंटा पहले काला जठेड़ी की बारात यानी गैंग्स्टर के साथ पुलिस का पूरा दस्ता काफिले की शक्ल में जेल से बाहर निकला। इस शादी के लिए दिल्ली की अदालत ने ही 6 घंटे की कस्टडी पैरोल दी थी जबकि गृह प्रवेश के लिए भी 13 मार्च को उसे 6 घंटे की पैरोल दी गई थी। लेकिन बाद में उसे रद्द कर दिया गया। 12 मार्च यानी शादी वाले दिन दिल्ली के संतोष गार्डन में शादी का हर काम हर रस्म कोर्ट से मिली मोहलत के मुताबिक ही किया गया। काला जठेड़ी और अनुराधा के लिए हर लम्हा क़ीमती था। इस कीमती वक्त में उनके हिस्से में थे सिर्फ 360 मिनट।
जेल से निकली गैंंग्स्टर की बारात
जेल स्टाफ और पुलिस को भी इस बात का अहसास था। ऊपर से अदालत का आदेश। लिहाजा, पेरोल की मियाद शुरू होने से करीब एक घंटे पहले यानी सुबह के 10 बजने से 60 मिनट पहले 9 बजे ही मंडोली जेल के गेट पर दिल्ली पुलिस की कैदी वैन तैनात कर दी गई। ठीक 9 बजे काला जठेड़ी यानी दूल्हा कैदी वैन में बैठ गया। उस वक़्त काला जठेड़ी ने नीले रंग की कमीज और जींस पहन रखी थी। हाथों में कलावा और कड़े की जगह दोनों हाथों में हथकड़ियां थीं। कैदी वैन के आगे और पीछे पूरा काफिला था दिल्ली पुलिस का। दिल्ली पुलिस की स्वाट टीम की एक गाड़ी के साथ पुलिस की छह गाड़ियां पहले से ही तैनात कर दी गई थीं। इन छह गाड़ियों में करीब 30 पुलिसवाले वाले ऑटोमेटिक हथियारों के साथ तैनात थे।
सवा घंटे में पहुँची बारात
दूल्हे की बारात यानी पुलिस का काफिला जेल से ठीक 9 बजे निकला। तिहाड़ की मंडोली जेल से द्वारका सेक्टर तीन के संतोष गार्डन तक इस काफिले को पहुंचने में करीब सवा घंटा लगा। यानी तिहाड़ की मंडोली जेल से निकलने के ठीक एक घंटा और 17 मिनट बाद काला जठेड़ी का कारवां बैंक्वेट हॉल पहुंचा। इससे शादी के लिए जो 6 घंटे दिए हैं, वो करीब पूरे छह घंटे उसे मिल गए। पुलिस को भी एहसास था कि शादी में मीडिया जमावड़ा होगा, लिहाजा, बैंक्वेट हॉल के पिछले रास्ते से गाड़ी में ही जठेड़ी को अंदर पहुंचा दिया गया था।
दुल्हन खुद गाड़ी ड्राइव करके आई
दूल्हे की बारात से दुल्हन का काफिला बिल्कुल जुदा था। दुल्हन अनुराधा यानी काला जठेड़ी की रिवॉल्वर रानी जमानत पर बाहर है, लिहाजा वो खुद ही अपनी काले रंग की स्कॉर्पियो को ड्राइव करते हुए जठेड़ी गांव से निकली। शादी के मंडप यानी संतोष गार्डन पहुंचने के लिए। अनुराधा की गाड़ी के साथ डॉन और लेडी डॉन के बाकी रिश्तेदार 8 अलग-अलग गाड़ियों में घर से निकले थे।
अनुराधा के हाथों में काला के हाथ की मेहंदी
अनुराधा लाल रंग के सूट में शादी के मंडप में पहुंची थी. हाथों में मेहंदी सजी थी. मेहंदी से ही उसने अपनी दोनों हथेलियों पर खुद की और जठेड़ी की तस्वीर बनवाई थी। साथ ही दोनों का नाम लिखवाया था. अनुराधा चौधरी और संदीप। अनुराधा सुबह ठीक साढ़े नौ बजे तमाम रिश्तेदारों के साथ शादी के मंडप में पहुंच चुकी थी। मीडिया की भीड़ से वो थोड़ी नाराज भी थी और मीडिया के इन बिन बुलाए मेहमानों पर गुस्सा भी हुई।
चप्पे चप्पे पर पुलिस का पहरा
शादी के लिए बुक बैंक्वेट हॉल यानी संतोष गार्डन में पुलिस की सुरक्षा पहले से मौजूद थी। एंट्री के लिए बाकायदा मेटल डिटेक्टर लगाए गए थे। बिना आईडी कार्ड के किसी भी मेहमान को एंट्री नहीं दी जा रही थी। यहां तक कि बच्चों की भी तलाशी ली जा रही थी और मेहमानों के जूते तक उतरवाए जा रहे थे। फूलों के गुलदस्तों की पत्तियों तक को बिना टटोले भीतर नहीं जाने दिया जा रहा था। जिन मेहमानों के लिस्ट में नाम थे, केवल उन्हीं को एंट्री दी जा रही थी। बैंक्वेल हॉल के स्टाफ को भी कई सुरक्षा घेरे से गुजरना पड़ रहा था।
शादी में मीडिया बिन बुलाए मेहमान
शादी में मीडिया को तो कार्ड दिया नहीं गया था लिहाजदा इन बिन बुलाए मेहमानों को मंडप तक जाने की भी इजाजत नहीं मिली। अंदर जो भी हो रहा था, वो दूल्हा दुल्हन के रिश्तेदार या फिर खुद पुलिसवाले अपने कैमरों में रिकॉर्ड कर रहे थे। शादी की रिकॉर्डिंग के लिए अनुराधा ने बाकायदा एक प्रोफेशनल कैमरामैन को पहले से ही बुला रखा था।
दूल्हा जब दूल्हे की तरह तैयार हुआ
शादी के शामियाने में पहुंचने के बाद काला जठेड़ी की हथकड़ी खोल दी गई थी। ताकि वो पूरी तरह से दूल्हा के तौर पर तैयार हो सके और दूल्हा दिख भी सके। काला जठेड़ी ने जेल के कपड़े बदले। उसने क्रीम कलर का कुर्ता, नीली जैकेट और लाल रंग का सेहरा पहना। जबकि अनुराधा ने लाल गुलाबी रंग की साड़ी पहनी थी। बैंक्वेट हॉल के अंदर पूरे मंडप में चप्पे चप्पे पर तैनात पुलिस वाले हर पल दूल्हा दुल्हन के बिल्कुल नजदीक बने रहे।
तीन बजे तक शादी पूरी
मंडप पहले से ही तैयार था लिहाजा पंडित पवन अग्निहोत्री ने अपना काम शुरू किया और दूल्हा दुल्हन की मौजूदगी में मंत्रोच्चारण के बीच शादी की रस्में शुरू हुईं। अगले दो घंटे तक शादी की रस्में जारी रही। इस दौरान जयमाला के साथ-साथ दोनों सात फेरे लेकर एक दूसरे के हो गए। समाज के सामने। ठीक एक बजे शादी संपन्न हो गई। . इसके बाद मेहमानों का बधाई देने का सिलसिला शुरू हुआ। खाना भी तैयार हो चुका था। क्योंकि सब कुछ तो वक़्त पर ही करना था, मोहलत ही सिर्फ 360 मिनट की थी। घड़ी की सुई लगातार भाग रही थी। शादी में आए मेहमानों ने दूल्हा दुल्हन को तोहफे दिए और आशीर्वाद और फिर खाना खाया। तीन बजे तक खाना-पीना भी पूरा हो गया।
दूल्हे की ऐसे हुई विदाई
शाम को चार बजने से काफी पहले ही पुलिस और पुलिस की गाड़ियों की हलचल फिर शुरू हो गई। घड़ी में जैसे ही शाम के चार बजे तीन घंटे पुराने दूल्हा दुल्हन फिर से जुदा हो गए। शादी में दुल्हन की विदाई नहीं बल्कि दूल्हे को विदा होना पड़ा। दूल्हा पहले विदा हुआ और सरकारी ससुराल गया जबकि दुल्हन अकेले अपनी ससुराल गई।
दुल्हन ने संभाला मोर्चा
कड़े पहरे में शादी की सारी रस्में पूरी होने के बाद दूल्हा काला जठेड़ी पुलिस की सुरक्षा में ठीक 4 बजे वापस जेल के लिए रवाना हुआ जबकि शादी के बाद जठेड़ी की दुल्हन अनुराधा चौधरी कुछ देर तक मैरिज हॉल में ही रुकी और बाकी जिम्मेदारियों को पूरा करती रही। इस दौरान लड़का-लड़की दोनों के घर वाले भी मौके पर मौजूद थे
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