बोलेरो कार, नीली बत्ती, मजिस्ट्रेट का स्टीकर और बनाई रील.. गाजियाबाद पुलिस ने लिया ये एक्शन, देखें वीडियो

Ghaziabad Bolero Car Viral Video News: गाजियाबाद में दो लड़कों को Reel बनाने के लिए मेजिस्ट्रेट की सरकारी गाड़ी का इस्तेमाल करना महंगा पड़ गया। जैसे ही रील सोशल मीडिया पर वायरल हुई। पुलिस ने गाड़ी के नंबर के जरिये लड़कों को ट्रेस कर लिया। इसके बाद जो हुआ वो ये लड़के शायद जिंदगी भर नहीं भुला पाएंगे।

CrimeTak

05 Sep 2024 (अपडेटेड: Sep 5 2024 2:39 PM)

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न्यूज़ हाइलाइट्स

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सरकारी गाड़ी का बेजा इस्तेमाल

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बोलेरो कार से स्टंट कर बनाई रील

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पुलिस ने किया आरोपियों को गिरफ्तार

मयंक गौड़ के साथ चिराग गोठी की रिपोर्ट

Ghaziabad News: गाजियाबाद में नेशनल हाईवे पर मेजिस्ट्रेट की प्लेट लगी बोलेरो कार से स्टंटबाजी की गई। इसका वीडियो भी वायरल हो रहा है। वीडियो में नजर आ रहा है कि एक लड़का गाड़ी का हूटर बजाकर खिड़की से बाहर लटका हुआ है और आगे चल रही दूसरी गाड़ी में बैठा उसका साथी वीडियो बना रहा है। वीडियो वायरल हुआ तो ट्रैफिक पुलिस ने भी इसका संज्ञान लिया और अब कार का 21 हजार रुपए का चालान किया गया है। दोनों आरोपियों को भी गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस की पूछताछ में पता लगा कि गाड़ी चलाने वाला शख्स इस गाड़ी के ड्राइवर का बेटा था जबकि गाड़ी से लटक कर वीडियो बना रहा नाबालिग उसका दोस्त था। 

सरकारी गाड़ी का बेजा इस्तेमाल

ये वाकया गाजियाबाद में नेशनल हाईवे नंबर- 9 पर 3 सितंबर को हुआ। रात के वक्त दोनों दोस्तों को शरारत सूझी और ड्राइवर पिता की मजिस्ट्रेट लिखी बोलेरो कार लेकर सड़क पर निकल गये। रील बनाने के शौकीन लड़कों ने गाड़ी का हूटर बजाया, फ्लैश लाइट ऑन की और एक लड़का कार की खिड़की पर लटक गया। आगे वाली गाड़ी में चल रहा दूसरा लड़का इस स्टंटबाजी का वीडियो बनाने लगा। हद तो तब हो गई जब इन नासमझ लड़कों ने इस वीडियो को सोशल मीडिया पर अपलोड कर दिया। बस अगले कुछ घंटों में ये वीडियो तेजी से वायरल हो गया। 

जैसे ही ये मामला पुलिस के संज्ञान में आया। उन्होंने जांच शुरू की। बोलेरो गाड़ी सफेद रंग की थी जिस पर मेजिस्ट्रेट की प्लेट भी लगी हुई थी। गाड़ी के ऊपर लाल-नीले रंग की फ्लैश लाइट भी लगी हुई थी। गाड़ी के नंबर प्लेट से पुलिस को पता चल गया कि ये डीजल से चलने वाली गाड़ी है और इसके 10 साल पूरे हो चुके हैं, इसलिए इस गाड़ी की दिल्ली-एनसीआर में चलाने की मियाद भी खत्म हो गई है। जाहिर है ऐसी गाड़ी सड़कों पर खुलेआम चलाना साफ तौर पर नियमों का उल्लंघन है। 

क्या कहना है गाजियाबाद पुलिस का?

आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद डीसीपी सिटी राजेश कुमार ने बयान दिया- यह सरकारी कार हैं, जिसका इस्तेमाल गाजियाबाद विकास प्राधिकरण द्वारा किया जा रहा था और यह कार फिलहाल तहसील सदर से संबद्ध है। तहसीलदार सदर इस कार का इस्तेमाल सरकारी ड्यूटी के लिये करते हैं। पुलिस ने जब इस रील के बारे में सरकारी कार के ड्राइवर संजय से पूछताछ की तो पता चला की ड्राइवर कार को अपने घर ले गया था, जहां से उसका बेटा आशु और उसका दोस्त अंशु इस कार को चलाने के लिए ले गए थे। इस मामले में विजय नगर थाना पुलिस ने दोनों लड़कों को गिरफ्तार कर लिया। अब दोनों के खिलाफ नियम के मुताबिक कानूनी कार्रवाई की जा रही है। 

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