All eyes on Rafah क्यों हो रहा है Social Media पर Trend? फिल्मी सितारे भी कर रहे वायरल, जानिए इसका मतलब

सोशल मीडिया पर लगातार एक स्टोरी ट्रैंड हो रही है जहां लोग "All Eyes on Rafah" लिखे स्लोगन की पोस्ट Instagram पर लगा रहे हैं। बॉलीवुड और हॉलीवुड के कई फिल्मी सितारे भी इसे वायरल कर रहे हैं। आखिर क्या है इस नारे का मतलब जानिए इस रिपोर्ट में.

CrimeTak

29 May 2024 (अपडेटेड: May 29 2024 4:20 PM)

follow google news

All Eyes on Rafah: इजरायल और हमास की जंग रुकने का नाम नहीं ले रही है. गाजा में लगातार हमले हो रहे हैं, ऐसे में सोशल मीडिया पर एक स्टोरी ट्रैंड (trend) हो रही है जहां लोग "All Eyes on Rafah" लिखे स्लोगन पोस्ट करते नजर आ रहे हैं. आखिर क्या है इसका मतलब? दरअसल गाजा में इजरायली सेना के ऑपरेशन के बाद से ही ये Topic ट्रेंड हो रहा है. राफा में रिफ्यूजी कैंप पर इजरायल की तरफ से हुए हवाई हमले के बाद से ये हो रहा है. भारत समेत दुनियाभर में कई लोग इससे जुड़ी स्टोरी Instagram पर पोस्ट कर रहे हैं. बॉलीवुड से लेकर हॉलीवुड तक की बड़ी हस्तियों ने इसे Social Media पर शेयर किया. 

रिफ्यूजी कैंप पर इजरायली हमला

और पढ़ें...

राफा के Refugee camp पर हुए हवाई हमले में 45 लोगों की मौत हो चुकी है. इस हमले में 200 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं. इनमें ज्यादातर बच्चे, महिलाएं और बुजुर्ग शामिल हैं. रिपोर्ट के मुताबिक फिलिस्तीन रेड क्रिसेंट सोसाइडटी ने कहा कि हमला रिफ्यूजी कैंप पर किया गया. ये वो क्षेत्र है जिसे सेना ने सेफ ज़ोन घोषित किया था इसके बावजूद यहां शरण लेकर रह रहे विस्थापितों पर हमला किया गया. इस हमले की कई ऐसी वीडियो भी सामने आई हैं जिन्हें देखकर किसी भी इंसान की रूह कांप जाए. इजरायल और हमास की जंग रूकने का नाम नहीं ले रही है. लगातार हवाई हमले देखे गए हैं जिनमें लोगों ने अपनी जान गंवाई है. 

All Eyes on Rafah का क्या है मतलब? 

इस स्लोगन का मतलब और मकसद है दुनियाभर के लोगों से ये अपील करना कि फिलिस्तीन में हो रही घटनाओं से मुंह न मोड़ा जाए. रिफ्यूजी कैंप पर हुए हमलों को गंभीरता से लिया जाए. इजरायल-हमास की जंग से डरकर भागे करीब 14 लाख गाजावासियों ने राफा में शरण ले रखी है, इतनी बड़ी संख्या में वहां रहने वाले शरणार्थियों पर हवाई हमले करना इंसानियत का गला घोंटने जैसा है. रिफ्यूजी कैंप पर हमले के बाद से ‘All Eyes on Rafah’ का ये स्लोगन तेजी से सोशल मीडिया पर फैल रहा है. ये कैंपेन ज्यादातर यूरोप, ऑस्ट्रेलिया और भारत जैसे देशों में इजरायल-हमास जंग को लेकर जागरुकता  फैलाने के लिए चलाया जा रहा है. ये कैंपेन सामाजिक कार्यकर्ता और Human Rights Activists की ओर से चलाया जा रहा है जिसे अब लोगों का  बड़ी संख्या में समर्थन मिल रहा है. 

    यह भी पढ़ें...
    follow google newsfollow whatsapp