कहां है नीट पेपर लीक का असली प्रोफेसर 'लीक'? चिंटू और पिंटू ने किए कई खुलासे!

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NEET Exam Patna Paper Leak: नीट पेपर लीक की गुत्थी अब सुलझने को है। बस पुलिस के हाथ मास्टरमाइंट संजीव मुखिया और प्रोफेसर साहब लग जाएं। बिहार पुलिस इस वक्त दोनों की सरगर्मी से तलाश कर रही है। जगह-जगह छापेमारी की जा रही हैं। लेकिन तस्वीर अब साफ हो गई है। पता चला है कि नीट का पेपर हजारी बाग से लीक हुआ था। इसके बाद क्वेस्चन पेपर संजीव मुखिया तक पहुंचा। जहां से इसे पटना के सिकंदर यादवेंदु तक पहुंचाया गया। इसीलिये पुलिस अब पेपर लीक माफिया संजीव मुखिया की तलाश में छापेमारी कर रही है। EOU ने पटना, नालंदा, गया और नवादा जिले की पुलिस को अलर्ट किया है। नगरनौसा में संजीव मुखिया के पैतृक गांव में भी पुलिस ने दबिश दी है। 

ऐसे हुए पेपर लीक! जले हुए पेपर से हुआ खुलासा

EOU ने पुष्टि की है कि हजारीबाग के ओएसिस स्कूल से पेपर लीक का कनेक्शन है। जांच में पाया गया कि प्रश्नपत्र की पैकिंग संदिग्ध थी और बुकलेट बॉक्स से छेड़छाड़ हुई थी। हजारीबाग के जिस ओएसिस स्कूल का नाम सामने आया है और जो बुकलेट नंबर  6136488 जांच के दौरान मिली है, वो ओएसिस स्कूल को मिली थी। इसी स्कूल के प्रोफेसर साहब पर शक की सुई घूम रही है। कैसे प्रोफेसर के जरिये पटना और रांची के पेपर माफिया तक पेपर पहुंचा ? इसकी जांच जारी है। सूत्रों की मानें तो उसी प्रोफेसर ने पेपर को परीक्षा माफिया तक पहुंचाया था। पटना में जो जला हुआ पेपर मिला था, उस पर बुकलेट का नंबर  भी 6136488 लिखा था। इसी से कड़ियां जुड़ती चली गई और हजारीबाग का ओएसिस स्कूल शक के घेरे में आ गया। 

पिंटू और चिंटू का कारनामा

प्रोफेसर ने सबसे पहले संजीव मुखिया को पेपर दिए, जिसके बाद ये पेपर पिंटू और चिंटू तक पहुंचे। चिंटू ने नीट के पेपर अभ्यार्थियों तक पहुंचाए थे। कैसे, आपको बताते हैं। 13 आरोपियों से पूछताछ के बाद चिंटू के बारे में बिहार पुलिस को एक इनपुट मिला। इसके बाद झारंखड के देवघर में देवीपुर थानाक्षेत्र के एक फॉर्म हाउस से कुछ संदिग्धों को पकड़ा गया। वहां चिंटू भी मौजूद था। उसे गिरफ्तार किया गया। उसके साथी पिंटू को भी अरेस्ट किया गया। बालदेव कुमार उर्फ चिंटू प्रश्न-पत्र लीक कांड के पेशेवर अपराधी संजीव कुमार उर्फ लुटन मुखिया गिरोह से जुड़ा हुआ है। 5 जून को हुए NEET UG - 2024 परीक्षा के सॉल्वड प्रश्न पत्र उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर इसे इसी गिरोह द्वारा मोबाइल पर प्राप्त हुए थे। चिन्टू को 5 मई को सुबह मोबाइल पर सॉल्वड प्रश्न पत्र की पीडीएफ फाइल मिली थी।

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बिहार पुलिस की अब तक की जांच!

इनसे रामकृष्णा नगर थानाक्षेत्र के नंदलाल छपरा अवस्थित Learn Boys Hostel and Play School में रखे प्रिंटर से प्रतियां निकाल कर अभ्यर्थियों के ग्रुप बनाकर उन्हें रटवाया था। इसने अभ्यर्थियों को लाने एवं ले जाने की भी व्यवस्था की थी। गिरोह के द्वारा अभ्यर्थियों को Learn Boys Hostel and Play School में ले जाने के लिए इस स्कूल से करीब 2 किलोमीटर दूर एक Drop off Point निर्धारित किया गया था। इस Drop off Point पर गिरोह के सदस्य उपस्थित थे। इस Drop off Point से Learn Boys Hostel and Play School में अभ्यर्थियों को ले जाने एवं वापस लाने के लिए गिरोह के सदस्यों ने एक टैक्सी गाड़ी का इस्तेमाल किया था। संबंधित टैक्सी ड्राइवर मुकेश कुमार को भी गिरफ्तार किया गया। कार को भी जब्त किया गया। बिहार पुलिस को N.T.A से अब तक 15 संदिग्ध अभ्यर्थियों के रोल कोड की जानकारियां मिली हैं, जिनमें से 4 अभ्यर्थियों से पूछताछ की जा चुकी है। शेष अभ्यर्थी अभी पूछताछ के लिए उपस्थित नहीं हुए हैं।

चिंटू का कनेक्शन संजीव गैंग से और संजीव गैंग को पेपर मिला प्रोफेसर से!

इस बीच N.T.A द्वारा Learn Boys Hostel and Play School से जब्त जले हुए प्रश्न पत्र से संबंधित Reference Question paper की प्रति उपलब्ध करवाई गई। प्रारंभिक जांच के दौरान इसका मिलान जब्त जले हुए पेपर से हो गया है। इसके बाद बिहार पुलिस ने देवघर से पूछताछ के लिए लाये गये 3 और आरोपियों राजीव कुमार, पंकु कुमार और परमजीत सिंह गिरफ्तार किया। यानी कुल 6 आरोपी और गिरफ्तार किए गए। यहां कई सवाल हैं - 

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सवाल है कैसे प्रोफेसर का संबंध संजीव गैंग से था? ये पेपर उसने संजीव को कितने में दिया? प्रोफेसर को ये पेपर कहां से मिला? जांच जारी है

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नीट पेपर लीक का 'सिंकदर'?

नीट पेपर लीक का एक और किरदार है सिकंदर। सिकंदर का नेटवर्क बिहार से पटना तक फैला था। वो पहले रांची में ठेकेदार था फिर सरकारी जेई बना। उसने रांची में काली कमाई से काफी जायदाद बनाई। अवधेश सिंकदर का सहयोगी है, जो रांची में कभी उसके साथ था। वो इस मामले का दूसरा आरोपी है। सिकंदर जेई बना तो अवधेश जमीनों के कारोबार में उतर गया। सिकंदर की काली कमाई को उसने रांची में इनेस्ट किया। सिकंदर को बिहार पुलिस पहले ही अरेस्ट कर चुकी है। इस मामले के दूसरे आरोपी अमित आनंद और नीतीश कुमार सॉल्व पेपर बच्चों को रटवाते थे। इनको चार बच्चे सिकंदर ने भेजे थे। इस मामले का एक और आरोपी है अखिलेश कुमार, जिसने नीट का पेपर दे रहे अपने बेटे के लिए सिकंदर के साथ डील की थी। इस मामले में एक महिला भी गिरफ्तार हुई है। उसका नाम रीना कुमारी है। वो सिंकदर के साले की पत्नी है। उसका बेटा अनुराग परीक्षा दे रहा था। 

सीबीआई के सामने हैं कई चुनौतियां!

शनिवार को शिक्षा मंत्रालय ने अलग अलग राज्यों में धांधली के सभी मामलों की जिम्मेदारी सीबीआई को सौंप दी थी। इस फैसले के बाद जांच एजेंसी ने रविवार को FIR दर्ज कर ली थी। सीबीआई ने अज्ञात आरोपियों के खिलाफ IPC की धारा 120 B यानी आपराधिक साजिश और धारा 420 यानी फर्जीवाड़ा के आरोपों के तहत केस दर्ज किया है। गुजरात के गोधरा में धांधली कनेक्शन का खुलासा होने के बाद वहां भी तफ्तीश चल रही है। सीबीआई उम्मीदवारों, संस्थानों और बिचौलियों की साजिश की जांच करेगी। साथ ही परीक्षा आयोजन में शामिल सरकारी कर्मचारियों की भूमिका की जांच भी होगी। अनियमितताओं की पूरी साजिश की व्यापक जांच का अनुरोध शिक्षा मंत्रालय ने किया था। धांधली की व्यापक जांच किए अब सीबीआई अलग-अलग राज्यों में दर्ज FIR को टेकओवर करेगी। साथ ही, जो आरोपी गिरफ्तार किए गए हैं,उन्हें भी कस्टडी में लेकर जांच को आगे बढ़ाएगी। 

नीट पेपर लीक का लातूर से कनेक्शन!

बिहार, झारखंड और गुजरात के बाद अब महाराष्ट्र में भी नीट पेपर लीक को लेकर खुलासा हुआ है। महाराष्ट्र के लातूर ज़िले में 22 जून को नांदेड की ATS टीम ने दो शिक्षकों को शक की बिनाह पर हिरासत में लेकर पूछताछ की थी। इसके बाद इनपुट मिला था। बीती रात धराशिव जिले में रहने वाले इरन्ना मष्णाजी कोनगलवार और दिल्ली के गंगाधर नाम के आरोपियों के खिलाफ लातूर शहर के शिवाजी नगर पुलिस स्टेशन में FIR दर्ज की गई। लातूर के डीसीपी भागवत फुंदे के नेतृत्व में SIT का गठन किया गया है।

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