क्यों मिल गई बाबा राम रहीम को जेल से छुट्टी? हरियाणा चुनाव और राम रहीम को मिली फरलो का ये है कनेक्शन..

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क्यों मिल गई बाबा राम रहीम को जेल से छुट्टी? हरियाणा चुनाव और राम रहीम को मिली फरलो का ये है कनेक्शन..
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न्यूज़ हाइलाइट्स

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राम रहीम पर सरकार मेहरबान!

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डेरा प्रमुख को फिर मिली फरलो

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चुनाव से पहले मिली फरलो

Ram Rahim: राम रहीम जो चाह रहा है, वो हो रहा है। उसे फिर फरलो मिल गई है। इस बार हाईकोर्ट से मिली हरी झंडी के बाद ये संभव हो पाया है। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर ये किस तरह की सजा है, जिसके दौरान वो जब चाहता है फरलो लेकर बाहर आ जाता है। जाहिर है सबसे पहले सरकार पर उंगली उठनी लाजमी है। मगर हरियाणा सरकार का अलग ही पक्ष है। सरकार का कहना है कि ये अधिकार हर कैदी को मिलता है। सरकार के मुताबिक, हत्या और बलात्कार जैसे संगीन मामलों में सजा काट रहे 80 से अधिक कैदियों को इसी तरह से नियमों के मुताबिक पैरोल या फरलो की सुविधा का लाभ दिया गया है। इस बात पर हाईकोर्ट ने भी मोहर लगाई है। इसी के बाद राम रहीम की जेल से फरलो पर रिहाई का रास्ता साफ हुआ। 

क्या चुनाव की वजह से मिली फरलो?

कोर्ट से हरी झंडी मिलने के बाद हरियाणा सरकार ने डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम को 21 दिनों की फरलो दे दी। वह मंगलवार को सुनारिया जेल से बाहर आ गया। राम रहीम को हनीप्रीत भी सुनारिया जेल में लेने पहुंची थी। कई गाड़ियों का काफिला था, लेकिन जेल परिसर की पार्किंग तक केवल एक ही गाड़ी पहुंची। हरियाणा की सुनारिया जेल से राम रहीम को मंगलवार सुबह लगभग 6.30 बजे पुलिस सुरक्षा में रिहा किया गया। वह फरलो की अवधि उत्तर प्रदेश के बागपत जिले में बरनावा आश्रम में बिताएगा। इससे पहले उसे 19 जनवरी को 50 दिन की पैरोल दी गई थी।

इसलिए देरी से मिली फरलो

डेरा प्रमुख राम रहीम ने जून 2024 में ही फरलो की मांग की थी। ये मामला इसलिए करीब दो महीनों तक अटका रहा, क्योंकि हाईकोर्ट शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की याचिका पर सुनवाई कर रहा था। कमेटी राम रहीम को फरलो दिए जाने का विरोध कर रही थी। हालांकि हाईकोर्ट ने कमेटी के तर्क नहीं माने, जिसके बाद राम रहीम की रिहाई संभव हो पाई है।

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एक संगीन केस में दोषी, दूसरे में बरी हो चुका है राम रहीम

ये कोई पहली मर्तबा नहीं है, जब वो जेल से बाहर आया हो। बता दें कि मर्डर के एक मुकदमे में अदालत ने उसे बरी कर दिया था, लेकिन एक संगीन मामला अब भी उसके खिलाफ चल रहा है। राम रहीम को सिरसा में बने अपने आश्रम में दो महिला अनुयायियों से बलात्कार के एक मामले में 20 साल की सजा मिली है। उसे पंचकुला की एक विशेष सीबीआई अदालत ने अगस्त 2017 में दोषी करार दिया था। 

8 अक्टूबर 2021 को रणजीत सिंह के मर्डर में CBI कोर्ट ने डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम समेत 5 आरोपियों को दोषी करार दिया था। आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी, लेकिन इस फैसले को हाईकोर्ट ने पलट दिया। 28 मई 2024 को पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने CBI की जांच पर सवाल उठाते हुए राम रहीम समेत सभी दोषियों को बरी कर दिया था। हालांकि राम रहीम के खिलाफ अभी कुछ और मामले भी चल रहे हैं।

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सरकार ने कहा- हर कैदी को मिलती है ये सुविधा

राम रहीम ने 21 दिन की फरलो के लिए पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल की थी। फरवरी में हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार से कहा था कि वह डेरा सच्चा सौदा प्रमुख को उसकी अनुमति के बिना आगे पैरोल न दे, लेकिन बाद में याचिका खारिज होने के बाद राम रहीम की रिहाई का रास्ता साफ हो गया। हरियाणा सरकार ने हाईकोर्ट में सफाई दी थी कि सिर्फ राम रहीम ही नहीं बल्कि हत्या और बलात्कार जैसे मामलों में सजा काट रहे 80 से अधिक कैदियों को इसी तरह से नियमों के मुताबिक पैरोल या फरलो की सुविधा का लाभ दिया गया है।

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कई बार जेल से बाहर आ चुका है राम रहीम

24 अक्टूबर 2020: राम रहीम को पहली बार अस्पताल में भर्ती मां से मिलने के लिए एक दिन की पैरोल मिली। 

21 मई 2021: मां से मिलने के लिए दूसरी बार 12 घंटे की पैरोल दी गई। 

7 फरवरी 2022: परिवार से मिलने के लिए डेरा प्रमुख को 21 दिन की फरलो मिली। ये पहला मौका था, जब राम रहीम को 21 दिनों की रिहाई मिली थी। 

जून 2022: 30 दिन की पैरोल मिली। यूपी के बागपत आश्रम भेजा गया। 

14 अक्टूबर 2022: राम रहीम को 40 दिन की लिए पैरोल दी गई। वो बागपत आश्रम में रहा और इस दौरान म्यूजिक वीडियो भी जारी किए। 

21 जनवरी 2023: छठी बार 40 दिन की पैरोल मिली। वो शाह सतनाम सिंह की जयंती में शामिल होने के लिए जेल से बाहर आया। 

20 जुलाई 2023: सातवीं बार 30 दिन की पैरोल पर जेल से बाहर आया। 

21 नवंबर 2023: राम रहीम  21 दिन की फरलो लेकर बागपत आश्रम गया। 

19 जनवरी 2024 - 50 दिन की पैरोल

यानी 2022 और 2023 में 91-91 दिनों की रिहाई मिली थी। राम रहीम को अब फिर 21 दिनों की फरलो मिली है। ऐसा कहा जाता है कि फरलो और पैरोल नियमों के बदलाव की वजह से ऐसा संभव हो पाया है। ये पहल हरियाणा सरकार की तरफ से की गई थी।  

क्या होती है फरलो और पैरोल?

फरलो एक तरह से छुट्टी की तरह होती है, जिसमें कैदी को कुछ दिन के लिए रिहा किया जाता है। फरलो की अवधि को कैदी की सजा में छूट और उसके अधिकार के तौर पर देखा जाता है। यह सिर्फ सजा पा चुके कैदी को ही मिलती है। जेल राज्य का विषय है, इसलिए हर राज्य में फरलो को लेकर अलग-अलग नियम है। प्रिजन एक्ट 1894 में फरलो और पैरोल दोनों का जिक्र है। फरलो सिर्फ सजा पा चुके कैदी को ही मिलती है, जबकि पैरोल पर किसी भी कैदी को थोड़े दिन के रिहा किया जा सकता है। पैरोल के लिए कोई कारण होना जरूरी है। फरलो उस कैदी को दी जा सकती है जिसे 5 साल से अधिक वर्षों के लिए सख्त सजा दी गई हो और वह दोषसिद्धि के बाद तीन साल की सजा काट चुका हो। खबर है कि राम रहीम इस बार 15 अगस्त को अपना जन्मदिन उत्तर प्रदेश के बागपत स्थित बरनावा आश्रम में अनुयायियों के साथ मनाएगा। इसके बाद 19 अगस्त को रक्षाबंधन पर अनुयायियों के साथ ही बागपत डेरे में मौजूदा रहेगा।

400 भक्तों ने की थी शिकायत

राम रहीम पर 400 भक्तों को कथित तौर पर नपुंसक बनाने का आरोप है। उसके खिलाफ 2015 में हंस राज चौहान नाम के एक पीड़ित की शिकायत पर पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया था। सीबीआई ने 1 फरवरी 2018 को गुरमीत राम रहीम के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था। मामले में एमपी सिंह और पंकज गर्ग समेत दो डॉक्टर भी आरोपी हैं।

सिखों की धार्मिक भावनाओं को पहुंचाई थी ठेस

राम रहीम पर 2007 में एक केस दर्ज हुआ था। इसमें उस पर सिख समुदाय की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाया गया था। उसने बठिंडा जिले में एक समारोह के दौरान कथित तौर पर गुरु गोबिंद सिंह की नकल की थी। 2014 में बठिंडा की एक निचली अदालत ने उसे मामले से बरी कर दिया था, लेकिन 2015 में निचली अदालत के आदेश के खिलाफ एक पुनरीक्षण याचिका दायर की गई थी।

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