'मेरी बच्ची को बचाओ', शहजादी के पिता नहीं झेल सके सदमा, बेटी के गम में आया हार्टअटैक, दुबई सरकार ने नहीं लिया अभी तक कोई फैसला!

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'मेरी बच्ची को बचाओ', शहजादी के पिता नहीं झेल सके सदमा, बेटी के गम में आया हार्टअटैक, दुबई सरकार ने नहीं लिया अभी तक कोई फैसला!
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न्यूज़ हाइलाइट्स

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शहजादी के पिता को आया हार्टअटैक

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क्या दुबई सरकार फांसी के फैसले को बदलेगी?

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दुबई सरकार ने नहीं लिया अभी तक कोई फैसला

UP, Banda News:  एक तरफ दुबई में 20 सितंबर के बाद यूपी के बांदा की रहने वाली शहजादी को फांसी (Death Sentence)दी जाएगी, दूसरी तरफ इस सदमे को उनके पिता झेल नहीं पाए। शहजादी के पिता को दिल का दौरा पड़ा है। उनके परिजन उन्हें आनन फानन में जिला अस्पताल लेकर पहुँचे। डॉक्टरों ने प्राथमिक इलाज के बाद शहजादी के पिता को कानपुर हृदय रोग संस्थान रेफर कर दिया है। जांच रिपोर्ट के बाद पता चला है कि उनके हार्ट में समस्या है। उनका इलाज किया जा रहा है। अभी उनकी हालत स्थिर है।

उधर, शहजादी को फांसी देने के मामले में दुबई सरकार (Dubai) ने संज्ञान ले रखा है। दुबई सरकार ने ईमेल और नम्बर के जरिये सभी डॉक्यूमेंट भेजने के निर्देश दिए थे। शहजादी के पिता ने सभी संबंधित दस्तावेज भेज दिए हैं। दुबई के बादशाह ने इस मामले में संज्ञान लिया था। दुबई से आये मैसेज में यह भी लिखा है कि डॉक्यूमेंट भेजने के बाद जल्द ही इस मामले का निस्तारण किया जाएगा। साथ ही एक टोल फ्री नम्बर भी जारी किया गया था।

दरअसल बांदा जिले के मटौंध थाना क्षेत्र के गोयरा मुगली गांव की रहने वाली शहजादी को एक बच्चे के कत्ल के इल्जाम में दुबई की अदालत ने फांसी की सजा सुनाई थी। उसके पिता के मुताबिक, शहजादी को 20 सितंबर के बाद किसी भी दिन दी जा सकती है। 

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क्या था पूरा मामला?

बांदा के मटौंध थाना क्षेत्र के गोयरा मुगली गांव में सब्बीर खां रहते हैं। उनकी तीन बेटियां हैं, जिनमें सबसे छोटी बेटी का नाम शहजादी है। शहजादी जब 8 साल की थी तो खाना बनाने के दौरान उसका चेहरा जल गया था। उसके पिता ने बताया कि शहजादी बांदा में एक सामाजिक संस्था में काम करती थी। फेसबुक के जरिए उसकी दोस्ती आगरा के रहने वाले उजैल नाम के लड़के से हो गई थी। दोनों में बातचीत शुरू तो उजैल को शहजादी के जले हुए चेहरे के बारे में पता चला। बातों-बातों में उसने शहजादी से कहा कि उसके फूफा दुबई में रहते हैं। वो वहां उसका इलाज करा सकता है। ये सोचकर शहजादी तैयार हो गई।

2021 में शहजादी इलाज के लिए दुबई पहुंच गई। वो उजैल की बुआ के घर में रहने लगी। शहजादी के पिता का आरोप है कि उजैल ने अपनी बुआ से कहा कि शहजादी को आने नहीं देना। शहजादी जहां रहती थी, वहां एक और परिवार रहता था। फैज अपनी पत्नी नाजिया के साथ यहां रहता था। दोनों का एक 4 महीने का छोटा बच्चा था, जो दिन भर शहजादी के पास रहकर खेलता कूदता था। अचानक बच्चा बीमार हो गया। बीमारी की वजह से कुछ दिनों के बाद बच्चे की मौत हो गई और इसका इल्जाम लगा शहजादी पर। परिवार का आरोप है कि आरोपियों ने उसे 4 महीने के एक बच्चे की मौत के जुल्म में फंसा दिया। यहां तक शहजादी को डेढ़ लाख रुपए में बेच दिया गया। इसके बाद ये मामला कोर्ट में चला और दुबई कोर्ट में शहजादी को मौत की सजा सुना दी। शहजादी ने कोर्ट में अपील भी की, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया।

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शहजादी के पिता ने राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने की हैं अपील

इधर, भारत में पीड़िता के पिता सब्बीर ने कोर्ट में शिकायती पत्र देकर आरोपी युवक उजैर और उसके रिश्तेदारों सहित 4 लोगों के खिलाफ थाना मटौंध में मुकदमा दर्ज करने का अनुरोध किया, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया। पुलिस ने इस बाबत मुकदमा दर्ज कर लिया है। इस संबंध में पीड़िता के पिता ने कोर्ट के अलावा राष्ट्रपति, पीएम मोदी और सीएम योगी से गुहार लगाई थी। सब्बीर ने कहा था - मेरी बेटी को फांसी होने वाली है। हम लोग विदेश मंत्रालय (दिल्ली) गए थे। हमें आश्वासन मिला था। बीते दिनों बेटी का फोन आया था। उसने बताया कि 20 सितंबर के बाद कभी भी फांसी दी जा सकती है। हम चाहते हैं कि सरकार इसमें हमारी मदद करे। अब सबकी निगाहें दुबई सरकार पर है।

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ऐसे में देखना होगा कि क्या वाकई दुबई सरकार फांसी के इस फैसले को पलटती है या नहीं? (Shahjadi Story Dubai government took cognizance of Shehzadi's case) 

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