Ladies Black Commando Brigade क्यों रखते हैं हाथरस वाले बाबा? इसलिये नहीं दी जाती थी सतसंग में पुलिस को एंट्री

04 Jul 2024 (अपडेटेड: Jul 4 2024 12:54 PM)

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Baba Army News: बाबा सूरजपाल उर्फ भोले बाबा की आर्मी के चर्चें अब हर जगह हो रहे हैं। बाबा के पास सेवादारों की लंबी-चौड़ी फौज तो है ही, साथ ही बाबा की एक स्पेशल 'महिला ब्लैक कमांडो बिग्रेड' भी हैं।

Hathras: बाबा सूरजपाल उर्फ भोले बाबा की आर्मी के चर्चें अब हर जगह हो रहे हैं। बाबा के पास सेवादारों की लंबी-चौड़ी फौज तो है ही, साथ ही बाबा की एक स्पेशल 'महिला ब्लैक कमांडो बिग्रेड' (Ladies Black Commando Brigade) भी है। ये ब्रिगेड बाबा की सेवा और सिक्योरिटी मैनेजमेंट में रहती हैं। इसे गोपिका यूनिट भी कहा जाता है, जिसमें सिर्फ महिलाएं रह सकती हैं। महिलाओं की ये फोर्स न सिर्फ बाबा के आयोजनों में भीड़ को नियंत्रित करने का काम करती हैं बल्कि ये भी देखती हैं कि कोई भी शख्स आयोजन के दौरान मोबाइल फोन का इस्तेमाल न करे। बाबा की ये प्राइवेट आर्मी प्रोग्राम में पुलिस को भी दाखिल होने नहीं देती। इस बात की तस्दीक कल ही यूपी के सीएम योगी आदित्यानाथ ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में की थी। उन्होंने कहा कि कमांडो ब्रिगेड प्रशासन को आयोजन स्थल के भीतर जाने की इजाजत नहीं देती थी। क्राउड का सारा मैनेजमेंट यही कमांडो यूनिट करती थी। इसके अलावा  नारायणी, गरुड़ और हरिवाहक नाम से बाबा की तीन और आर्मी यूनिट हैं। 

महिला कमांडोज को दिए जाते हैं कोड वर्ड

भोले बाबा के हर सत्संग में ये महिला ब्लैक कमांडो बिग्रेड नजर आती है। इन महिला कमांडोज के साथ कुछ और महिलाएं भी सुरक्षा में तैनात की जाती हैं। भीड़ को मैनेज करना, पानी, भोजन से लेकर ट्रैफिक की व्यवस्था सुचारू रूप से चले, ये देखने का काम भी समिति के सेवादार और महिला कमांडो बिग्रेड ही करती हैं। बाबा चौबीसों घंटे ब्लैक कमांडोज से घिरा रहता है। ऐसा भी कहा जाता है कि बाबा ने अपने आश्रम में एक गुप्त कमरा बना रखा है। पुलिस की पूछताछ में ये भी पता चला है कि बाबा के सिक्योरिटी अधिकारियों को कोर्ड वर्ड दिए जाते हैं। बाबा की सुरक्षा में लगे हरेक सुरक्षा दस्ते के लिये अलग-अलग ड्रेस कोड है। 

बाबा के पास हैं तीन सेनाएं

भोले बाबा की इन सेनाओं के नाम हैं नारायणी सेना, गरुड़ योद्धा और हरि वाहक। बताया जाता है कि नारायणी सेना के सुरक्षा गार्ड गुलाबी रंग की पोशाक पहनते हैं। गरुड़ सेना काली ड्रेस पहनती है। इन्हें ही ब्लैक कमांडो भी कहा जाता है। हरि वाहक दस्ते के सुरक्षा गार्ड भूरे रंग की ड्रेस पहनते हैं। ब्लैक कमांडो दस्ता बाबा के काफिले के साथ चलता है। नारायणी सेना में 50, जब कि हरिवाहक सेना की टुकड़ी में 25 से 30 सिक्योरिटी अधिकारी होते हैं। इसके अलावा कार्यक्रम स्थल के आसपास बाबा के सेवादार सफेद रंग की पोशक में भी होते हैं। हरेक दस्ते में महिलाएं और पुरुष दोनों सुरक्षा अधिकारी के तौर पर तैनात रहते हैं। जहां बाबा का सत्संग होता है उसके बाहरी घेरे में ये सेना तैनात होती है। इसके अलावा सेना की टुकड़ियां सत्संग आयोजन स्थल के अंदर भी तैनात होती हैं। बाबा के आसपास भी ब्लैक कमांडोज तैनात रहते हैं, ताकि कोई अप्रिय घटना न होने पाए। 

बाबा ने बांटे हैं सेनाओं के काम

बाबा के पास कई लग्जरी कारें हैं। कहां आयोजन होगा, कितने लोग आएंगे, वो कहां बैठेंगे, उनके अंदर प्रवेश करने, बैठने और वापस जाने तक का मैनेजमेंट बाबा की आर्मी संभालती है। बाबा की फौज पुलिस को कार्यक्रम स्थल के अंदर आने नहीं देती। लेकिन बाहरी घेरे में पुलिस और प्रशासन के साथ ट्रैफिक व्यवस्था में सहयोग का दावा जरूर करती है। हर मंगलवार को होने वाले कार्यक्रम की पूरी कमान यही सेवादार संभालते हैं। सेवादार देश से आने वाले श्रद्धालुओं के पानी, भोजन से लेकर ट्रैफिक की व्यवस्था करते हैं। बहादुरनगर में 30 बीघे में भोले बाबा का आश्रम तो पांच बीघे में अनुयायी विश्राम गृह बना है। जहां भी कथा का आयोजन होता है, वहां मैदान की सफाई का कार्य महिला सेवादारों के द्वारा किया जाता है, लेकिन महिला सेवादार और महिला कमांडो की जिम्मेदारियों में अंतर है। पुरुष हाथ में बेंत लेकर सीटी बजाते हुए परिवहन और सुरक्षा की व्यवस्था सुनिश्चित करते हैं। 

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