जिस जगह पर हादसा हुआ, वहां कीचड़ था। लोग किचड़ में फिसले और पीछे से आने वाले लोग भीड़ के दबाव के चलते उनपर गिरते गए। ये सिलसिला देर तक चलता रहा क्योंकि उसी वक्त सतसंग खत्म हुआ था और हजारों लोगों की भीड़ आयोजन स्थल से बाहर की ओर निकल रही थी। ज्यादातर मृतकों के मुंह, नाक, कान और शरीर के दूसरे हिस्सों में मिट्टी घुस गई थी। अभी तक 6 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। दूसरी ओर मामले की न्यायिक जांच जारी है। हालांकि बाबा भोले अभी तक फरार बताया जा रहा है। सिकंदरारऊ थाने में एफआईआर दर्ज की गई थी। एफआईआर में सबसे खास बात ये है कि बाबा नारायण साकार हरि के सत्संग के बाद भगदड़ का तो जिक्र है लेकिन आरोपी के तौर पर उनका नाम नहीं है।