Morbi Bridge Collapse : गुजरात के मोरबी में रविवार शाम को अचानक चीख पुखार मच गई। यहां मच्छु नदी पर बना केबल ब्रिज अचानक टूट जाने से कई लोग नदी में गिर गए। इस हादसे में 141 लोगों की मौत हो गई।
Morbi bridge collapse : क्यों गिरा मोरबी केबल ब्रिज ? कौन है इसके लिए जिम्मेदार ? क्या बनेगा राजनीतिक मुद्दा ?
Morbi Bridge Collapse: गुजरात के मोरबी में रविवार शाम को अचानक चीख पुखार मच गई। यहां मच्छु नदी पर बना केबल ब्रिज अचानक टूट जाने से कई लोग नदी में गिर गए। इस हादसे में 141 लोगों की मौत हो गई। Crime Tak
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31 Oct 2022 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:29 PM)
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Morbi bridge collapse : गुजरात के मोरबी में हुए ब्रिज हादसे का मुजरिम कौन है ? आखिर ये ब्रिज क्यों गिर गया ? बताया जा रहा है कि ये ब्रिज 100 सालों से भी पुराना था। यह ब्रिटिश शासन के दौरान बनाया गया था। राजा-महाराजाओं के समय का यह पुल ऋषिकेश के राम-झूला और लक्ष्मण झूला पुल की तरह झूलता था, इसलिए इसे झूलता पुल भी कहते थे। इसे गुजराती नव वर्ष पर महज 5 दिन पहले ही रिनोवेशन के बाद चालू किया गया था। यह ब्रिज 7 महीने से बंद था। अब सवाल उठता है कि अगर इसे रिनोवेट किया गया था, तो फिर ये कैसे गिर गया ?
क्या ज्यादा भीड़ की वजह से ब्रिज गिरा ?
क्यों प्रशासन ने इतने लोगों को एक साथ ब्रिज पर जाने दिया ?
इसका जिम्मेदार कौन है ? स्थानीय प्रशासन या पुलिस ?
जब पुल ढंग से रिनोवेट ही नहीं हुआ था तो फिर कैसे ये चालू हो गया ?
क्या ये कह कर प्रशासन पल्ला झाल सकता है कि कंपनी ने खुद ही ब्रिज शुरू कर दिया ?
आखिर प्रशासन क्या सो रहा था, जब ब्रिज चालू हुआ ?
पुल भारी भीड़ के चलते टूटा। ब्रिज टूटने के बाद लोग एक दूसरे पर गिरने लगे। 100 लोगों की क्षमता वाले पुल पर करीब 300-400 लोग मौजूद थे। इस सिलसिले में कंपनी पर केस दर्ज कर लिया गया है। ब्रिज का मैनेजमेंट करने वाली कंपनी पर गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज किया गया है। जांच के लिए कमेटी बना दी गई है। कंपनी पर 304, 308 और 114 के तहत क्रिमिनल केस दर्ज किया गया है।
फिटनेस सर्टिफिकेट लिए बिना ही ब्रिज को शुरू कर दिया गया था। कम्पनी ने रेनोवेशन खत्म किया है या नहीं किया, इसकी जानकारी दिए बगैर ही ब्रिज छुट्टियों में शुरू कर दिया। नगर पालिका से फिटनेस सर्टिफिकेट भी नहीं लिया गया।
अब तक 141 लोगों की मौत हो गई। पिछले 15 घंटे से रेस्क्यू अभियान जारी है। रेस्क्यू के लिए सेना, नेवी, एयरफोर्स एनडीआरएफ, फायर ब्रिगेड, एसडीआरएफ की टीमें जुटी हुई हैं। अब तक 177 लोगों को रेस्क्यू किया जा चुका है।
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