जिसकी आने वाली थी बारात, आई उसकी मौत की खबर! मध्य प्रदेश के गुना की ये घटना रोंगटे खड़े कर देगी! 

Groom dies in police custody: गुना में पुलिस कस्टडी में एक आरोपी की मौत को लेकर हंगामा मच गया। ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट भी मामले की जांच में जुट गए हैं। 

CrimeTak

15 Jul 2024 (अपडेटेड: Jul 15 2024 12:29 PM)

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न्यूज़ हाइलाइट्स

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गुना में पुलिस कस्टडी में मौत

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मृतक पर था चोरी का आरोप

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मामले की न्यायिक जांच बैठाई गई

Guna: गुना में एक घर में शादी थी। तैयारियां जोर-शोर से चल रही थीं। दूल्हे देवा को हल्दी लगाई गई। उसने शेरवानी पहनी। फोटो खिंचवाई। बारात बस थोड़ी देर में निकलने वाली थी। उधर, दुल्हन भी तैयार थी, लेकिन अचानक शादी की तैयारियों के बीच देवा के घर पुलिस आ धमकी। वो देवा और उसके चाचा को अपने साथ ले गई। घर में मौजूद लोग सकते में थे कि अगले ही दिन देवा की मौत की खबर आई। घटना मध्य प्रदेश के गुना की है। गुना में एक जगह है बीलाखेड़ी। यहां देवा पारदी नाम का शख्स रहता था। उसकी शादी तय हुई। उसकी बारात भिड़रा गांव (बीलाखेड़ी के अंतर्गत एक गांव है भिड़रा) से गुना शहर के गोकुल सिंह चक्क पर आने वाली थी, लेकिन इस बीच रविवार शाम पुलिस उसके घर पर पहुंच गई। शाम 4.30 बजे पुलिस गांव में पहुंची। जिस ट्रैक्टर पर बारात जाना थी, उसी पर देवा और उसके चाचा गंगाराम को म्याना पुलिस ले गई। घरवाले परेशान हो गए। और इसी बीच हैरान कर देने वाली खबर आई। पता चला कि देवा की मौत हो गई है। ये सुनकर घरवाले सीधा अस्पताल पहुंचे। पता चला कि देवा की मौत पुलिस कस्टडी में हुई है। घरवाले अस्पताल में हंगामा करने लगे। पता चला कि देवा और उसके चाचा गंगाराम उर्फ गंगू पारदी को किसी डकैती के केस में पूछताछ के लिए पकड़ा गया था। इसके बाद म्याना पुलिस कस्टडी की दौरान उसकी हालत बिगड़ी। पुलिसवाले उसे अस्पताल ले आए, जहां उसकी मौत हो गई।

दुल्हन ने की खुदकुशी की कोशिश, आरोपी की चाची ने खुद को आग लगाई

मृतक के शव को पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भेजा गया। परिजनों ने अस्पताल के मर्चुरी रूम को तोड़कर शव को बाहर निकालने की कोशिश भी की। इस दौरान अस्पताल में युवक की होने वाली दुल्हन ने खुद पर पेट्रोल डालकर आग लगाने की कोशिश की। उसकी चाची सूरज बाई ने पेट्रोल डालकर आग लगा ली। बचाने में एसडीओपी युवराज सिंह झुलस गए। परिजनों की मांग थी कि देवा का पोस्टमॉर्टम भोपाल में कराया जाए। भीड़ की वजह से 8 थानों की पुलिस फोर्स को जिला अस्पताल में तैनात किया गया। तीन डॉक्टरों का पैनल देवा का पोस्टमॉर्टम करेगा। उधर ज्यूडिशियल मेजिस्ट्रेट भी मामले की जांच में जुट गए हैं। 

पारदी गिरोह ने किया था पुलिस पर हमला, इसलिए पुलिस ने दी थी दबिश

दरअसल, 13 जुलाई की रात में पुलिस टीम पर पारदी गिरोह ने हमला कर दिया था। ये वाकया धरनावदा थाने से महज 8 किमी दूर हुआ था। इस हमले में 10 पुलिसकर्मी घायल हुए थे। इसको लेकर FIR दर्ज की गई। पुलिस के मुताबिक, भोपाल और राजगढ़ की पुलिस टीम अपने जिले में हुई चोरी के आरोपियों की तलाश में झागर चौकी आई। रूठियाई चौकी और धरनावदा थाने का पुलिस बल भी झागर चौकी पहुंचा। सभी पुलिसवालों ने गांव में दबिश दी। इस दौरान पारदियों ने पुलिस टीम पर हमला किया। आरोप है कि पारदियों ने पुलिस पर गोलियां चलाईं और पत्थर फेंके। इस हमले में कई पुलिसवाले जख्मी हुए थे।  

इसी वजह से पुलिस गांव में आरोपियों को पकड़ने के लिए रेड करने पहुंची थी। रविवार शाम दोनों को चोरी हुए सामान की रिकवरी के लिए ले जा रहे थे। इसी दौरान देवा के सीने में दर्द उठा। उसे तत्काल म्याना के अस्पताल ले जाया गया। वहां से जिला अस्पताल लाया गया। यहां लगभग 45 मिनट तक उसका इलाज चला। सीपीआर भी दिया गया, लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका। इसके बाद उसके परिजनों ने जिला अस्पताल पर हंगामा किया। मौके पर शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिये पुलिस बल तैनात किया गया है।

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