Delhi (PTI News) : संसद सुरक्षा चूक मामले की 40 से ज्यादा दिन से जांच कर रही दिल्ली पुलिस ने मंगलवार को कहा कि छह आरोपी प्रसिद्धि पाने के वास्ते 'कुछ बड़ा' करने के लिए 'स्व-वित्त पोषित और स्व-प्रेरित' थे। पुलिस ने कहा कि आरोपियों का यह भी मानना था कि वे कोई 'गंभीर अपराध' नहीं कर रहे हैं और गिरफ्तार होने पर भी उन्हें छोड़ दिया जाएगा। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, मनोरंजन डी के मास्टरमाइंड होने का संदेह है और उसने ही सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक पर ‘भगत सिंह फैन क्लब’ पेज बनाया था जिसका इस्तेमाल 'समान विचारधारा वाले' लोगों को प्रसिद्धि के लिए 'कुछ बड़ा' करने के वास्ते उकसाने के लिए किया गया।
13 दिसंबर को संसद में कलर बम से हंगामा करने वाले सिर्फ फेमस होना चाहते थे, पुलिस ने खुलासे में कहा., वो कुछ बड़ा कर...
Delhi News : 13 दिसंबर को संसद में सुरक्षा में चूक के पीछे क्या थी साजिश. जानिए दिल्ली पुलिस ने क्या कहा. बोले वो बस फेमस होना चाहते थे.
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Delhi Police reveals what the accused wanted to do in the security lapse in Parliament
23 Jan 2024 (अपडेटेड: Jan 23 2024 10:20 PM)
अधिकारी ने कहा, ''आरोपी पिछले चार साल से एक-दूसरे को जानते थे लेकिन संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने की साजिश को एक साल पहले रचा गया था।” हालांकि, फैन क्लब पेज में हर कोई संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने जैसा कुछ भी गैरकानूनी हरकत करने के विचार से सहमत नहीं था। पुलिस ने कहा कि नतीजतन 13 दिसंबर की घटना से पहले कई अन्य सदस्यों ने समूह छोड़ दिया। वहीं, एक अन्य अधिकारी ने कहा, “चूंकि मनोरंजन की पहुंच मैसूरु के भाजपा सांसद तक थी, इसलिए उसने संसद में घुसने और स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह जैसा काम दोहराने का फैसला किया, जो ब्रिटिश शासन के दौरान दिल्ली की केंद्रीय विधानसभा में किया गया था।”
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अधिकारी ने कहा, “उनके पास व्यक्तिगत बैठकें करने के लिए पर्याप्त पैसे नहीं थे, इसलिए उन्होंने सोशल मीडिया और सिग्नल ऐप के माध्यम से संपर्क में रहने का फैसला किया।” उन्होंने कहा, 'पैसे की कमी के कारण, वे 13 दिसंबर 2023 को अपराध करने से पहले गुरुग्राम में विक्की शर्मा के आवास पर रुके थे।' विक्की शर्मा भी फेसबुक पर फैन क्लब का हिस्सा था और पुलिस ने पूछताछ के बाद उसे छोड़ दिया। जांच के दौरान संसद की दर्शक दीर्घा से सदन में कूदने वाले मनोरंजन और सागर शर्मा ने जांचकर्ताओं को बताया कि पुराने संसद भवन की तुलना में नए संसद भवन में कम सुरक्षाकर्मी थे।
मनोरंजन ने पुलिस को यह भी बताया कि उसने मानसून सत्र के दौरान पुराने भवन की टोह ली थी। संसद पर हुए आतंकी हमले की बरसी के दिन पिछले साल 13 दिसंबर को लोकसभा में शून्यकाल के दौरान दर्शक दीर्घा से सागर शर्मा और मनोरंज डी सदन में कूद गए थे और कैन से पीले रंग का धुआं फैला दिया तथा नारे लगाए लेकिन सांसदों ने उन्हें पकड़ लिया। इसी वक्त संसद परिसर के बाहर दो अन्य लोगों-अमोल शिंदे और नीलम आज़ाद ने कैन से धुआं फैलाया तथा ‘तानाशाही नहीं चलेगी’ जैसे नारे लगाए। दो अन्य लोगों-ललित झा और महेश कुमावत ने घटना के एक दिन बाद दिल्ली पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था। उन्होंने राजस्थान में स्वयं और अन्य चार आरोपियों के मोबाइल फोन कथित तौर पर नष्ट कर दिए थे। सभी छह आरोपियों के खिलाफ दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ ने कड़े गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) तथा आपराधिक साजिश के तहत मामला दर्ज किया है।
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