संजय शर्मा, कनु शारदा के साथ चिराग गोठी की रिपोर्ट
Delhi CM Arvind Kejriwal: आप देश को लूट लेंगे लेकिन कोई आपको छू नहीं सकता क्योंकि चुनाव आ रहे हैं? ...जब केजरीवाल के खिलाफ अदालत में बोले सरकारी वकील!
Delhi CM Arvind Kejriwal: दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की अर्जी पर सुनवाई करते हुए केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी और ASG राजू ने अलग-अलग दलीलें दी।
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Delhi CM Arvind Kejriwal
03 Apr 2024 (अपडेटेड: Apr 3 2024 4:03 PM)
Delhi CM Arvind Kejriwal: दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की अर्जी पर सुनवाई करते हुए केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी और ASG राजू ने अलग-अलग दलीलें दी। एएसजे राजू ने केजरीवाल को लेकर यहां तक कहा दिया कि मैं देश को लूट लूंगा लेकिन मुझे मत छुओ क्योंकि चुनाव हैं, ये किस तरह की बहस है। इससे कैसे बुनियादी ढांचा प्रभावित हो रहा है?
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ASG राजू ने कहा - एक आतंकवादी का मामला लीजिए जो एक राजनेता भी है। उसने सेना के वाहन को उड़ा दिया और कहा कि मैं चुनाव में भाग लेने जा रहा हूं, इसलिए तुम मुझे छू नहीं सकते? ये कैसा तर्क है? ये कहते हैं कि अगर मैने कुछ किया तो मेरे घर से कुछ नहीं मिला, लेकिन आपने तो धन किसी और को दे दिया तो आपके घर में कैसे मिलेगा?
ASG राजू ने कहा कि केजरीवाल के प्रति गवाहों के बयान हमारे पास हैं। इनके अलावा व्हाट्सएप चैट और हवाला ऑपरेटरों के बयान भी हैं। ऐसा नहीं है कि हम अंधेरे में तीर चला रहे हैं। हमारे पास आयकर विभाग का बहुत सारा डेटा भी है।
केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने सुनवाई की शुरुआत करते हुए कहा - गिरफ्तारी का एकमात्र उद्देश्य मुझे अपमानित करना है। गिरफ्तारी का असली उद्देश्य मुझे अक्षम बनाना है। क्या केजरीवाल के भागने की आशंका थी? क्या उन्होंने डेढ़ साल में किसी गवाह को प्रभावित करने की कोशिश की। क्या उन्होंने पूछताछ से इंकार किया? मैंने ईडी के हर समन का विस्तार से जवाब दिया है।
सिंघवी ने कहा - केस दर्ज होने के 2 साल बाद केजरीवाल की भूमिका की जांच के लिए ईडी को कस्टडी चाहिए। यह गिफ्तारी का आधार कैसे हो सकता है? प्रवर्तन निदेशालय की ये दलीलें बेमानी है कि चूंकि निचली अदालत में केजरीवाल ने रिमांड पर भेजे जाने का विरोध नहीं किया, इसलिए अब इस केस में गिरफ्तारी/रिमांड को चुनौती देने वाली उनकी याचिका निष्प्रभावी हो गई है। ED की ये दलील तो कानून की समझ से भी परे है।
सिंघवी ने कहा - सबसे पहले कई आरोपियों के बयानों में मेरे खिलाफ कुछ भी नहीं कहा गया। सबसे पहले राघव रेड्डी, मगुंटा रेड्डी और शरत रेड्डी हैं। उसके बाद उनमें से कुछ को गिरफ्तार किया जाता है। फिर पहली बार वे मेरे खिलाफ बयान देते हैं। चौथा चरण में उन आरोपियों की पीठ में बहुत दर्द होने की वजह से ईडी विरोध नहीं करती और उन्हें जमानत मिल जाती है।
सिंघवी ने कहा कि राघव मगुंटा ने जब मेरे खिलाफ बयान दिया। उसके 10 दिन बाद ही उसे जमानत मिल जाती है। यह आपराधिक कानून का सरासर मजाक है। ईडी पर आरोप लगाते हुए सिंघवी बोले कि ईडी केजरीवाल के खिलाफ प्रोसीड आफ क्राइम का पता नहीं लगा पाई, जिन पैसे की बात ईडी कर रही है वो धन कहां गया? किसे मिला? ईडी वो भी नहीं पता कर पा रही है। अब सवाल यह है कि क्या केजरीवाल की गिरफ्तारी की मंशा कुछ और थी? ईडी ने पीएमएलए की धारा 70 के तहत गिरफ्तारी की। ये उचित नहीं, क्योंकि यह इस मामले में बिल्कुल भी नहीं हो सकता, क्योंकि यह धारा तो कंपनियों के लिए है, जबकि आम आदमी पार्टी जैसी राजनीतिक पार्टी जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत पंजीकृत पार्टी है तो पीएमएलए में एक अलग क़ानून को शामिल नहीं किया जा सकता है।
ASG एसवी राजू ने कहा - केजरीवाल ने पहले रिमांड आदेश को चुनौती दी है, जो 26 मार्च को हुई थी। आज 3 अप्रैल हैं। 28 मार्च को दूसरा रिमांड आदेश पारित किया गया, उसे चुनौती नहीं दी गई है। न्यायिक हिरासत के तीसरे रिमांड आदेश को चुनौती नहीं दी गई है, इसलिए आज उनकी हिरासत या गिरफ्तारी पहले रिमांड आदेश के अनुसार नहीं है। यह 1 अप्रैल के आदेश के अनुसार है, जिसे चुनौती नहीं दी गई है।
ASG ने अरविंद केजरीवाल की तरफ से दी जा रही दलील पर कहा है कि ऐसा लग रहा है कि यह जमानत की मांग पर दी जाने वाली दलीले हैं न कि गिरफ्तारी रद्द करने की याचिका पर दी जाने वाली दलीलें।
ASG राजू ने कहा - निचली अदालत में केजरीवाल खुद कह चुके हैं कि कोर्ट चाहे तो उन्हें रिमांड पर भेज दे, लेकिन यहां पर वो ख़ुद रिमांड पर भेजे जाने के आदेश को चुनौती दे रहे हैं । यह अरविंद केजरीवाल का दोहरा रवैया है। ये इस याचिका की आड़ में एक ज़मानत याचिका है। यह कुछ और नहीं बल्कि धारा 45 PMLA से बचने के लिए ज़मानत याचिका है।
ASG राजू ने कहा - अगर रिमांड पर भेजे जाने के पहले आदेश को और इसमें गिरफ्तारी को हाई कोर्ट रद्द भी कर दे तब भी ऐसी सूरत में निचली अदालत के रिमांड पर भेजे जाने के बाद के दो आदेश कायम रहेंगे क्योंकि उन्हें यहां चुनौती नहीं दी गई है।
राजू ने कहा - मनी लॉन्ड्रिंग हुई है, कोर्ट ने संज्ञान भी लिया है कि आरोपियों ने स्वीकार भी किया है, लेकिन कुछ लोगों के बयानों के कुछ हिस्सों को आधार बनाकर केजरीवाल अपने बचाव की कोशिश कर रहे हैं। ईडी का कहना है कि केजरीवाल के मामले में जांच अभी शुरुआती चरण में है, लेकिन इस तरह से तर्क दिए जा रहे हैं कि जैसे जांच पूरी हो गई हो और आरोपपत्र दाखिल हो गया हो।
ASG एसवी राजू ने कहा कि विजय नायर आप नेता और मंत्री कैलाश गहलोत के दफ़्तर से काम कर रहा था। गहलोत का घर/दफ़्तर सीएम के घर के ठीक बगल में था, इसलिए वह आसानी से उस घर में जा सकता था। जिन लोगों ने रिश्वत नहीं दी, उनसे लाइसेंस सरेंडर करने को कहा गया ताकि रिश्वत देने वालों को सुविधाएं दी जा सकें।
राजू ने कहा कि इंडोस्पिरिट्स को ब्लैकलिस्ट किया गया था, इसलिए उसे फिर से लाइसेंस दिलाने के लिए फाइलें आगे बढ़ाई गईं। कार्टेलाइजेशन के आरोपों के बावजूद फर्म को थोक लाइसेंस दिया गया। शिकायतकर्ता को शिकायत वापस लेने के लिए मजबूर किया गया। ये कहते हैं कि पैसा नहीं मिला ये कैसी दलील है?पैसा तो गोवा चुनाव में खर्च किया गया था तो मिलता कैसे?
ये कहते हैं कि अगर मैने कुछ किया तो मेरे घर से कुछ नहीं मिला, लेकिन आपने तो धन किसी और को दे दिया तो आपके घर में कैसे मिलेगा? सुनवाई के दौरान ASG राजू ने कहा - ये सब चुनाव से बहुत पहले की बात है। अब वे कह रहे हैं कि चुनाव होने वाले हैं। शराब नीति में हेराफेरी करके मुनाफा कमाया गया। रिश्वत ली गई। यह बात बहुत पहले की है। चुनाव की बात सिर्फ़ दिखावे के लिए की जा रही है। ऐसा नहीं है कि ईडी अभी सक्रिय हुई है। यह दलील ही बेतुकी है कि मेरे पास पैसा नहीं मिला। अगर आपने किसी और को दे दिया हो तो आपके घर पर कहां से मिलेगा? गोवा में खर्च दिया हो, विदेश भेज दिया हो, कहां से मिलेगा? लेकिन क्या इससे बेगुनाही हो गई आपकी। मनी लॉन्ड्रिंग का प्राथमिक सबूत काफी है। हमारे पास पर्याप्त सबूत हैं। राजू ने तर्क दिया कि कोई मर्डर हो जाए, लेकिन अगर लाश न मिले तो क्या कत्ल का मुकदमा नहीं चलता? कई ऐसे मामलों में लोगों को सज़ा मिली है।
ASG राजू ने कहा - मान लीजिए कि कोई राजनीतिक व्यक्ति चुनाव से 2 दिन पहले हत्या कर देता है। क्या उसे गिरफ्तार नहीं किया जाएगा? क्या उसकी गिरफ्तारी से बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचेगा? आप हत्या करते हैं और कहते हैं कि मुझे गिरफ्तार नहीं किया जा सकता क्योंकि इससे बुनियादी ढांचे का उल्लंघन होगा। केजरीवाल व्यक्तिगत रूप से इसमें शामिल हैं। विचाराधीन कैदियों को यह कहने का कोई अधिकार नहीं है कि हम अपराध करेंगे और हमें गिरफ्तार नहीं किया जाएगा क्योंकि चुनाव आ गए हैं। यह पूरी तरह से हास्यास्पद है। इससे अपराधियों को खुलेआम घूमने का लाइसेंस मिल जाएगा।
ASG राजू ने कहा - अगर एक सामान्य आदमी ने कोई अपराध किया है तो उसे सलाखों के पीछे जाना ही होगा, लेकिन आप मुख्यमंत्री हैं इसलिए आपको गिरफ्तार नहीं किया जा सकता? आप देश को लूट लेंगे लेकिन कोई आपको छू नहीं सकता क्योंकि चुनाव आ रहे हैं? आप कहते हैं कि आपकी गिरफ्तारी बुनियादी ढांचे का उल्लंघन करेगी? यह किस तरह का बुनियादी ढांचा है?
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