56 सालों के बाद विमान हादसे में मारे गए सेना के इस अधिकारी का शव मिला, बर्फ के इस पहाड़ में छिपा था शव!

AN 12 Transport plane Crash Thomas Cherian Latest News: 1968 में एक विमान दुर्घटना हुई थी। ये दुर्घटना हिमाचल प्रदेश के रोहतांग में हुई थी। इसमें 101 से ज्यादा यात्रियों की मौत हो गई थी। अब 56 सालों के बाद प्लेन में सवार रहे सेना के क्राफ्टमैन का शव बरामद हो गया है।

CrimeTak

03 Oct 2024 (अपडेटेड: Oct 3 2024 1:09 PM)

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AN 12 Transport plane Crash Thomas Cherian: 1968 में एक विमान दुर्घटना हुई थी। ये दुर्घटना हिमाचल प्रदेश के रोहतांग में हुई थी। इसमें 101 से ज्यादा यात्रियों की मौत हो गई थी। अब 56 सालों के बाद प्लेन में सवार रहे सेना के क्राफ्टमैन का शव बरामद हो गया है। दरअसल, ये शव पहाड़ों में मौजूद बर्फ से ढक गया था। कुल चार शव मिले हैं, जिनमें एक शव क्राफ्टमैन का भी है। मृतक की पहचान थॉमस चेरियन के रूप में हुई है। वो आर्मी में बतौर Craftsman था। चेरियन भारतीय वायु सेना के AN 12 Transport plane में सवार 101 लोगों में से थे, जो 7 फरवरी, 1968 को रोहतांग के पास पहाड़ों में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। उनका शव उन चार शवों में से एक है, जिन्हें टीम ने बरामद किया है।

केरल का रहने वाला था थॉमस चेरियन

थॉमस चेरियन केरल का रहने वाला था। जब ये हादसा हुआ था, उस वक्त उसकी उम्र 22 साल थी। लगभग 16,000 फीट की ऊंचाई पर ढाका ग्लेशियर क्षेत्र से सेना के डोगरा स्काउट्स के नेतृत्व में पर्वतारोहण टीमों द्वारा ये शव बरामद किए गए। थॉमस केरल के पथानामथिट्टा जिले के रहने वाले थे। 

चेरियन के पिता का नाम ओडालिल थॉमस और मां का नाम एलियाम्मा था। दोनों के पांच बच्चे थे, जिनमें चेरियन दूसरे नंबर के बेटे थे। चेरियन पथानामथिट्टा में प्री-यूनिवर्सिटी कोर्स पूरा करने के बाद सेना में  Craftsman के तौर पर शामिल हुए थे।

उनके छोटे भाई थॉमस ने कहा - परिवार के लिए यह एक लंबा इंतजार था। कल हमें चेरियन के शव की बरामदगी के बारे में दिल्ली में सैन्य मुख्यालय से एक सूचना मिली। चेरियन की वर्दी की जेब में उनके चेस्ट नंबर के अलावा उनके नाम की एक आंशिक रूप से जली हुई किताब थी, जिससे इसकी पहचान करने में मदद मिली। हमें बताया गया कि औपचारिकताएं पूरी करने के बाद शव को कुछ दिनों में वापस केरल भेज दिया जाएगा।

लेह में पोस्टिंग थी चेरियन की

1968 में चेरियन लेह में तैनात था और चंडीगढ़ से वहां जाते समय यह हादसा हो गया था। थॉमस के पिता BHEL से रिटायर हुए थे। उनकी मौत 1990 में हुई थी, जब कि चेरियन की मां का देहांत 1998 में हुआ था। चेरियन के परिवार ने कहा - हर साल 7 फरवरी को परिवार चेरियन को याद करता है, लेकिन हम लोग उसकी मौत की सालगिरह नहीं मनाते हैं। 

2003 में बताया था कि चेरियन की मौत हो चुकी है

2003 में परिवार को आधिकारिक तौर पर सूचित किया गया कि चेरियन की मृत्यु हो गई है, तब से ही उसके शव का परिवार इंतजार कर रहा था। हर चार या पांच साल में सेना परिवार को सूचित करती थी कि तलाश चल रही है। 

पूरा परिवार ही डिफेंस फोर्स में हैं

ओडालिल परिवार के कई सदस्य डिफेंस फोर्स में तैनात हैं। विमान दुर्घटना के समय चेरियन के बड़े भाई थॉमस मैथ्यू पहले से ही सेना में थे। चेरियन की मौत के दो साल बाद मैथ्यू को अपने माता-पिता के दबाव के बाद स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेनी पड़ी थी। उनका बेटा संजू सेना में कर्नल है।

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