रविश पाल सिंह के साथ चिराग गोठी की रिपोर्ट
3 आतंकी हिंदू से मुस्लिम बने और पत्नियों ने भी अपनाया इस्लाम, एक आरोपी ओवैसी के कॉलेज में था प्रोफेसर
Hizb ut-Tahrir (HuT) Module Update: मध्य प्रदेश के आतंकवाद विरोधी दस्ते (एटीएस) ने हाल ही में एक हिज्ब-उत-तहरीर (एच यू टी) मॉड्यूल को नष्ट किया है। मध्य प्रदेश और तेलंगाना से कुछ 16 लोगों को हिरासत में लिया गया था।
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Hizb ut-Tahrir (HuT) Module Update
15 May 2023 (अपडेटेड: May 15 2023 8:13 PM)
Hizb ut-Tahrir (HuT) Module Update : मध्य प्रदेश के आतंकवाद विरोधी दस्ते (एटीएस) द्वारा हाल ही में पकड़े गए हिज्ब-उत-तहरीर (एच यू टी) मॉड्यूल के आतंकियों से बडा़ खुलासा हुआ है। मध्यप्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा के मुताबिक, ' हिज्ब-उत-तहरीर के गिरफ्तार किए गए सदस्यों में से 3 सदस्य ऐसे हैं, जिन्होंने हिंदू धर्म छोड़कर इस्लाम कुबूल किया है। इन्होंने हिंदू युवतियों से शादी कर बाद में उनका भी धर्म परिवर्तन कराया।' इस सिलसिले में एटीएस ने मध्य प्रदेश और तेलंगाना से कुछ 16 लोगों को हिरासत में लिया गया था।
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मो. सलीम का असल नाम था सौरभ राजवैद्य!
इस मॉड्यूल का एक सरगना मोहम्मद सलीम उर्फ सौरभ राजवैद्य है, जो कि हैदराबाद के डेक्कन मेडिकल कॉलेज में प्रोफेसर था। ये कॉलेज AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी के भाई अकबरुद्दीन ओवैसी का कॉलेज है। वो हैदराबाद के गोलकुंडा इलाके में रह रहा था।
मोहम्मद सलीम मूल रूप से भोपाल के बैरसिया का रहने वाला है। उनका असली नाम सौरभ राजवैद्य है। सौरभ ने साल 2009 में शादी की थी। साल 2010 में सौरभ ने इस्लाम कुबूल कर लिया। उसके माता-पिता धर्मांतरण के खिलाफ थे। बाद में 2012 में सौरभ की पत्नी ने भी इस्लाम कुबूल कर लिया था।
सौरभ उर्फ सलीम ने पहले भोपाल में धर्मांतरण प्रमाण पत्र बनवाने की कोशिश की लेकिन जब उसका प्रयास विफल रहा तो वह प्रमाण पत्र हासिल करने के लिए महाराष्ट्र चला गया। बाद में दोनों हैदराबाद चले गए, जहां सलीम ने डेक्कन कॉलेज ऑफ मेडिकल साइंसेज के बायोटेक्निकल विभाग में प्रोफेसर के रूप में काम किया। सलीम दूसरों को इस्लाम अपनाने और आतंकवादी संगठन में शामिल होने के लिए उकसाने वाले भाषण और व्याख्यान देता था।
दो अन्य आरोपियों ने कुबूला इस्लाम : इसी तरह, दो अन्य गिरफ्तार आरोपी अब्दुल रहमान और मोहम्मद अब्बास भी मूल रूप से हिंदू थे, जिनका ब्रेनवॉश कर इस्लाम कुबूल कराया गया था। ओडिशा के रहने वाले अब्दुल रहमान इस्लाम कुबूल करने से पहले देवी प्रसाद पांडा थे। इसी तरह, हैदराबाद के रहने वाले मोहम्मद अब्बास इस्लाम अपनाने से पहले वेणु कुमार थे।
इस बीच एटीएस की टीम कुछ गिरफ्तार आरोपियों मोहम्मद सलीम, अब्दुल रहमान, मोहम्मद अब्बास अली, शेख जुनैद और मोहम्मद हामिद को हैदराबाद ले गई है। इस बीच, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) कट्टरपंथी इस्लामिक संगठन हिज्ब-उत-तहरीर (एचयूटी) के हाल ही में भंडाफोड़ किए गए भोपाल-हैदराबाद मॉड्यूल की जांच करेगी।
9 मई को इंटेलिजेंस ब्यूरो, तेलंगाना पुलिस के साथ एक संयुक्त अभियान में मध्य प्रदेश आतंकवाद विरोधी दस्ते (एटीएस) ने सुबह-सुबह छापेमारी की और हैदराबाद में हिज्ब उत-तहरीर (एचयूटी) से जुड़े पांच व्यक्तियों को हिरासत में लिया था, जब कि मध्य प्रदेश के दो शहरों से 11 लोगों को हिरासत में लिया था।
एटीएस ने दावा किया कि संगठन की रणनीति अतिसंवेदनशील और कमजोर गैर-मुस्लिमों की पहचान करना और इसके बाद उन्हें उत्तेजक भाषणों, व्याख्यानों से ब्रेनवॉश करके इस्लाम में परिवर्तित करना था। उनका इरादा आतंकवाद को बढ़ावा देना और देश के खिलाफ युद्ध छेड़ना था।
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