Seema Kushwaha : निर्भया केस की वकील सीमा कुशवाहा BSP में होंगी शामिल, वजह ये है
निर्भया केस (Nirbhaya case) की वकील सीमा समृद्धि कुशवाहा यूपी (UP Election) से चुनाव लड़ सकती हैं. BSP में होंगी शामिल, read more crime news in Hindi, क्राइम स्टोरी, साइबर क्राइम on Crime Tak.
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Nirbhaya Case Advocate Seema Join BSP : देश की सबसे सनसनीखेज वारदात में से एक निर्भया कांड में इंसाफ दिलाने वाली वकील सीमा समृद्धि कुशवाहा राजनीति से जुड़ रहीं हैं. वो बहुजन समाज पार्टी (BSP) में शामिल होने वाली हैं. वो यूपी (UP Election) से चुनाव भी लड़ सकती हैं.
उन्होंने इस बात की पुष्टि भी की है. सीमा (Nirbhaya case lawyer Seema Kushwaha) ने कहा कि दलित हित के लिए वो बसपा में शामिल होने जा रहीं हैं. कमजोर वर्ग को इंसाफ दिलाने के लिए वो हमेशा काम करती रहेंगी. 20 जनवरी को वो लखनऊ में बसपा की सदस्यता लेंगी.
बता दें कि सीमा समृद्धि कुशवाहा निर्भया केस में चर्चा में आई थीं. इसके अलावा उन्होंने हाथरस केस को भी लड़ा था. वो रेप पीड़िताओं के लिए मुफ्त में न्याय दिलाने की मुहिम भी चलाती हैं.
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कौन है सीमा समृद्धि कुशवाहा
UP Election Nirbhaya case lawyer Seema Kushwaha will join BSP : सीमा समृद्धि कुशवाहा मूल रूप से उत्तर प्रदेश के इटावा की रहने वाली हैं. इनका जन्म यहां के एक छोटे से गांव उग्गरपुर में हुआ. कई इंटरव्यू में उन्होंने ये बताया कि कैसे उनके यहां लड़कियों को आगे बढ़ने के लिए बहुत सारी परेशानियां झेलनी पड़ती थीं.
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यहां तक कि सीमा (Seema Kushwaha) ने जब वकालत की पढ़ाई करनी शुरू की तो बहुत सारी मुश्किलें खड़ी हो गई. उनका परिवार कानूनी पढ़ाई करने के खिलाफ था. इसलिए उन्होंने ये तय किया था कि पढ़ाई के साथ काम भी करेंगी. ताकि पढ़ाई में किसी भी तरह की रुकावट ना आए.
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कानपुर छोड़ इसलिए आईं थी दिल्ली
Seema Kushwaha News : सीमा समृद्धि कुशवाहा ये भी बताया कि लॉ की डिग्री लेने के बाद कानपुर से वकालत की ट्रेनिंग शुरू की थी. लेकिन वह महिला वकीलों की हालत बेहद खराब थी आलम यह था कि महिला वकीलों के हाथ में केस जाने पर उन्हें सुनवाई की तारीख भी नहीं मिलती थी. इसलिए उन्हें कानपुर छोड़ दिल्ली आना पड़ा था.
यहां उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में ट्रेनी वकील काम करना शुरू किया. निर्भया केस के वक्त भी सुप्रीम कोर्ट में ट्रेनी वकील ही काम कर रहीं थीं. जब निर्भया के साथ दरिंदगी हुई और फिर मौत हो गई तो लोगों के साथ सड़क पर प्रदर्शन करने वालों में सीमा कुशवाहा भी शामिल थीं.
वह बताती हैं कि एक शोक सभा मैं निर्भया के परिवार से मिली थी. उसी दौरान वह बातचीत करते हुए इतनी भावुक हो गई उन्होंने ये तय कर लिया कि हर हाल में निर्भया के दोषियों को सजा दिलाकर रहेंगी.
इसलिए उन्होंने इस केस को लड़ने का निर्णय लिया. इसके बाद सजा होने तक वह आखरी लड़ाई लड़ती रहीं. साल 2014 में सीमा कुशवाहा ने एक ट्रस्ट भी बनाया. ये ट्रस्ट दुष्कर्म पीड़िताओं को मुफ्त में न्याय दिलाने के लिए अदालत में केस लड़ने का काम करता है.
निर्भया केस के साथ हाथरस में रेप केस भी इन्होंने अपने हाथ में लिया. इसके अलावा हाल में ही कानपुर में एक लड़की के साथ हुई दरिंदगी और हत्या के मामले में भी इन्होंने आवाज उठाई थी.
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