नहीं छोड़ेंगे रियासी के गुनाहगारों को! आतंकियों की तलाश में आर्मी ने घेरा जंगल, उतार दिये कमांडो और ड्रोन

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नहीं छोड़ेंगे रियासी के गुनाहगारों को! आतंकियों की तलाश में आर्मी ने घेरा जंगल, उतार दिये कमांडो और ड्रोन
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Reasi Terrorist Attack: रियासी के जंगलों में सुरक्षा बल इस वक्त आतंकियों की उस टोली को मार गिराने के मिशन पर हैं जिन्होंने रविवार शाम हमला कर दस तीर्थ यात्रियों की जान ले ली थी। यही वजह है कि सेना, पुलिस, सीआरपीएफ (CRPF) और NIA की 11 टीमें रियासी की पहाड़ियों में सर्च ऑपरेशन चला रही हैं। जानकारी के मुताबिक आतंकवादी हमले के बाद रियासी के जंगलों की तरफ भागे थे। सुरक्षा बलों ने चारों ओर से जंगलों को घेर लिया है। इस ऑपरेशन में कमांडो टीम और ड्रोन की मदद भी ली जा रही है। आंतकियों ने हमला करने के लिये शाम का वक्त चुना लिहाजा अंदाजा लगाया जा रहा है कि आतंकी सड़क के रास्ते भागने के बजाए अंधेरे का फायदा उठा कर जंगल के रास्ते ही भागे होंगे। यही वजह है कि पिछले 48 घंटों से रियासी के घने जंगलों में Combing Operation चलाया जा रहा है। सुरक्षा बलों का अंदाजा है कि आतंकी इस इलाके के घने जंगल, खड़ी ढलानों और दर्रों का फायदा उठा कर या तो जंगल में ही छिपे हैं, या फिर सीमा पार जाने की फिराक में होंगे। इलाका दुर्गम है लिहाजा आतंकियों की तलाश सेना, पुलिस और सीआरपीएफ के जवानों के लिये आसान नहीं है। 

TRF ने ली हमले की जिम्मेदारी

ऑपरेशन में सेना समेत भारत सरकार की कई एजेंसियां शामिल हैं लिहाजा रियासी में एक अस्थायी ज्वाइंट ऑपरेशन हेड कवार्टर बनाया गया है। इस हमले की जिम्मेदारी पाक समर्थित आतंकी संगठन The Resistance Front ने ली है। टीआरएफ को 2023 में आतंकी संगठन घोषित किया गया था। सूत्रों के मुताबिक आतंकी TRF ही हाल में राजौरी और पुंछ में हुए हमलों के पीछे भी था। तभी कयास लगाया जा रहा है कि रियासी हमले में शामिल आतंकी राजौरी और रियासी के पहाड़ी इलाकों में छिपे हो सकते हैं।

ऐसे हुआ था हमला?

उधर रियासी आतंकी हमले में रोंगटे खड़े कर देने वाली जानकारी सामने आई है। पीड़ित बस यात्रियों ने बताया कि हमला करने वाला आतंकी अचानक बस के सामने आ गया और अंधाधुंध फायरिंग करने लगा। इससे बस का आगे वाले शीशा टूट गया और ड्राइवर को गोली लग गई। इससे वो बस पर काबू खो बैठा और बस खाई में गिरती चली गई। बस के खाई में गिर जाने के बावजूद वहां मौजूद आतंकी फायरिंग करते रहे। जाहिर है उनका इरादा ज्यादा से ज्यादा तीर्थ यात्रियों को खत्म करने का था। गृह मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक इस घटना में 4 से ज्यादा आतंकी शामिल थे। ये वाकया रविवार शाम करीब सवा छह बजे के आसपास हुआ जबकि रेस्क्यू ऑपरेशन 7 बज कर 45 मिनट पर ख़त्म हुआ। सुरक्षा बलों ने संदिग्धों की तलाश के लिए तभी पांच टीमें बना दी थीं।

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जम्मू आतंकियों का नया टारगेट

सूत्रों का कहना है कि अब तक बारह .223 स्नाइपर राइफल (Sniper Rifle) के कारतूस बरामद किए जा चुके हैं। एनआईए की टीम अपनी फोरेंसिक यूनिट के साथ मौके पर मौजूद है। एजेंसियों ने आगाह किया है कि जम्मू में बढ़ती आतंकवादी गतिविधियों के मद्देनजर ये अंदाजा लगाया जा रहा है कि आतंकी संगठन अब अपनी 15 साल पुरानी रणनीति में बदलाव ला रहे हैं। उनका केंद्र अब कश्मीर के बजाए जम्मू की ओर बढ़ता दिखाई दे रहा है।अचानक हुए इस बदलाव को लेकर सेना के अधिकारी सरकार को पहले ही चेता चुके हैं।   

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