मरने से पहले 22 दुश्मनों के नाम जांघ पर गुदवाए, मुंबई के रीयल लाइफ़ GHAJINI की कहानी

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मरने से पहले 22 दुश्मनों के नाम जांघ पर गुदवाए, मुंबई के रीयल लाइफ़ GHAJINI की कहानी
मृतक की तस्वीर और उसने अपनी जांघ में गुदवाए थे 22 दुश्मनों के नाम
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न्यूज़ हाइलाइट्स

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फिल्म गजनी की तर्ज पर गुदवाए दुश्मनों के नाम

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टैटू पर 22 दुश्मनों के नाम लिखवाने वाले का मर्डर

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22 में से एक दुश्मन ही निकला मरने वाले का कातिल

सौरभ वक्तानिया और दीपेश त्रिपाठी के साथ सुप्रतिम बनर्जी की रिपोर्ट

Mumbai: कुछ साल पहले एक फिल्म आई थी- गजनी, जिसके हीरो को भूलने की बीमारी थी और इसी बीमारी के चलते हीरो ने अपने जिस्म पर अपने दुश्मनों के नाम और नंबर गुदवा रखे थे, लेकिन अब मुंबई से इसी गजनी वाली कहानी से मिलती-जुलती एक रियल लाइफ स्टोरी सामने आई है, जिसमें ठीक गजनी की तरह ही एक शख्स ने अपने जिस्म पर अपने 22 दुश्मनों के नाम लिखवा रखे थे। जी नहीं, उसे गजनी की तरह भूलने की बीमारी तो नहीं थी, लेकिन ये शख्स अपने 22 दुश्मनों के इन्हीं नामों के साथ ही रोज़ाना जीता-मरता था और कमाल देखिए कि जब उसका क़त्ल हुआ, तो उसके जिस्म पर लिखे इन नामों में उसके क़ातिल का नाम छठे नंबर पर था।

 

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जांघों पर टैटू के ज़रिए 22 दुश्मनों के नाम गुदवाए

हाल के दिनों की इस सबसे अजीब और सबसे चौंकाने वाली मर्डर मिस्ट्री की शुरुआत वर्ली के सॉफ्ट टच स्पा (Soft Touch Spa, Worli) से होती है। बुधवार की सुबह इस स्पा से पुलिस को एक कॉल आती है। कॉल करने वाला बताता है कि स्पा के अंदर एक शख्स का क़त्ल हो गया है। खबर सुनते ही पुलिस के होश उड़ जाते हैं। वर्ली पुलिस की एक टीम आनन-फानन में बताई गई जगह पर पहुंचती है, जहां पुलिस को खून से लथपथ एक शख्स की लाश मिलती है, जिसका क़त्ल धारदार हथियारों के वार से किया गया था। मगर क़ातिल की तलाश शुरु करने से पहले जब पुलिस मरने वाले की लाश को पोस्टमॉर्टम के लिए भिजवाती है तो लाश देख कर पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर अचानक चौंक जाते हैं। क्योंकि मरने वाले शख्स की दोनों जांघों पर कोई एक दो नहीं, बल्कि पूरे 22 नाम लिखे थे। या यूं कहें कि उसकी जांघों पर टैटू के ज़रिए 22 लोगों के नाम की पूरी की पूरी लिस्ट छपी हुई थी।

लेकिन अब सवाल ये था कि आखिर इस शख्स ने ऐसा क्यों किया? जांघ पर इस तरह टैटू के ज़रिए 22 लोगों के नाम लिखवाने के पीछे का रहस्य क्या है? मरने वाले यानी नाम लिखवाने वाले शख्स के साथ-साथ इन 22 लोगों का कैसा कनेक्शन है? तो जब पुलिस की नज़र इस लिस्ट में लिखे नामों के साथ-साथ सबसे ऊपर लिखी लाइन पर गई, तो जल्द ही इस राज़ पर से भी पर्दा उठ गया, क्योंकि इस लाइन में लिखा था- "मेरे दुश्मनों का नाम मेरी डायरी में लिखा है। इसकी जांच कर कार्रवाई करें।"

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इस लाइन में बात तो डायरी की हो रही थी, लेकिन शायद मरने वाले ने डायरी के साथ-साथ सेफ़ साइड में या यूं कहें कि 'डबल श्योर' होने के लिए अपनी जांघ पर भी अपने इन्हीं दुश्मनों के नाम लिखवा लिए थे। लेकिन फिर सवाल ये था कि आख़िर ये शख्स कौन था? और वो ऐसे किस पेशे से जुड़ा था, जिसमें उसके दुश्मनों की फेहरिस्त इतनी लंबी हो चली थी? तो जब पुलिस की नज़र दुश्मनों की इस लंबी लिस्ट के साथ-साथ छठे नंबर पर लिखे एक नाम पर गई, तो इस राज़ से भी पर्दा उठ गया। ये नाम किसी और का नहीं बल्कि उसी शख्स का था, जिसके स्पा के अंदर इस शख्स का क़त्ल हुआ था। जी हां, संतोष शेरेकर। असल में ये स्पा संतोष शेरेकर का ही था और अपने स्पा में एक शख्स का क़त्ल हो जाने की खबर भी सबसे पहले संतोष शेरेकर ने ही पुलिस को दी थी।

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आरटीआई एक्टिविस्ट था मृतक गुरु वाघमारे

अब तक की तफ्तीश में मरने वाले शख्स की पहचान भी हो चुकी थी। ये शख्स था 52 साल का गुरु वाघमारे। एक ऐसा आरटीआई एक्टिविस्ट, जिसका काम ही आरटीआई के ज़रिए लोगों की कमियां ढूंढना, उन्हें कार्रवाई की धमकी देना और  ब्लैकमेल कर रुपयों की वसूली करना था और शायद यही वजह थी कि उसके दुश्मनों की फेहरिस्त इतनी लंबी हो गई थी। और तो और जल्द ही तफ्तीश में ये भी साफ हो गया कि वाघमारे, संतोष शेरेकर को भी पिछले कई सालों से ब्लैकमेल कर रहा था और उससे वसूली भी करता था। ज़ाहिर है, इसी वजह से वाघमारे की संतोष शेरेकर से दुश्मनी भी थी और वाघमारे ने अपने दुश्मनों की लिस्ट में छठे नंबर पर संतोष शेरेकर का नाम भी लिखवा रखा था। 

मगर सवाल ये था कि आखिर गुरु वाघमारे, संतोष शेरेकर के स्पा में कैसे पहुंचा? और यहां उसका क़त्ल किसने किया? तो जब पुलिस ने इसे लेकर स्पा मालिक शेरकर से पूछताछ की, तो ये सिक्वेंस भी साफ हो गया। शेरेकर ने पुलिस को बताया कि वाघमारे बीती रात करीब साढ़े बारह बजे 21 साल की उम्र वाली अपनी एक गर्लफ्रेंड के साथ उसके स्पा में पहुंचा था। तब तक स्पा में काम करने वाले स्टाफ के लोग अपने-अपने घर जा चुके थे और खुद उसे भी सुबह ही ये पता चला कि उसके स्पा में गुरु वाघमारे का क़त्ल हो चुका है। यानी वारदात बेशक शेरेकर के स्पा में हुई थी, लेकिन उसे इस वारदात की खबर नहीं थी। उसका कहना था कि वो तो सुबह जब वाघमारे की गर्लफ्रेंड ने उसे क़त्ल की बात बताई तब वो स्पा पहुंचा और लाश देख कर पुलिस को खबर की। 

गर्लफ्रेंड के साथ गया था वाघमारे

अब पुलिस ने वाघमारे की गर्लफ्रेंड से पूछताछ करने के साथ-साथ बीती रात के पूरे सिक्वेंस को समझने की कोशिश की। गर्लफ्रेंड ने बताया कि मंगलवार को गुरु वाघमारे का बर्थ डे था और वाघमारे ने अपना बर्थ डे उसी के साथ सेलिब्रेट किया था। वो दोनों पहले एक बार में गए थे, जहां उन्होंने साथ में ड्रिंक किया और फिर वाघमारे उसे लेकर सॉफ्ट टच स्पा चला आया। गर्लफेंड ने बताया कि बीती रात वाघमारे ने स्पा के मैनेजर और एक स्टाफ को भी पार्टी दी थी, जिसके बाद वो वाघमारे के साथ स्पा चली गई, जबकि स्पा का स्टाफ अपने घर चला गया। स्पा में वो रात को एक कमरे में सोने चली गई और जब सुबह करीब साढ़े नौ बजे उसकी नींद खुली तो उसने देखा कि वाघमारे का क़त्ल हो चुका है। यानी स्पा मालिक शेरेकर और गर्लफ्रेंड दोनों रात को वाघमारे को जिंदा देखने की बात कह रहे थे लेकिन क़त्ल की वारदात से खुद को अनजान बता रहे थे। 

अब पुलिस ने सच्चाई जानने के लिए टेक्निकल इनवेस्टिगेशन की शुरुआत की। उस बार से लेकर स्पा के आस-पास लगे तमाम सीसीटीवी कैमरों को खंगालना शुरू कर दिया, जिस बार में स्पा पहुंचने से पहले गुरु वाघमारे और उसकी गर्लफ्रेंड अपना बर्थ डे सेलिब्रेट करने पहुंचे थे और इस कोशिश में पुलिस को बार से लेकर स्पा के बाहर तक कुछ संदिग्ध लोगों की तस्वीरें नजर आईं। पुलिस ने देखा कि जिस बार में दोनों बर्थ डे सेलिब्रेट करने पहुंचे थे, उस बार के बाहर रेनकोट पहने दो संदिग्ध एक स्कूटी से गुरु वाघमारे का पीछा कर रहे थे। पुलिस ने देखा कि रेनकोट पहने यही दोनों लोग बीती रात भी स्कूटी से स्पा तक पहुंचे थे। असल में वाघमारे के स्पा पहुंचने के करीब एक घंटे बाद ये दोनों रहस्यमयी संदिग्ध स्पा तक आए थे और स्पा के करीब ही एक पान की दुकान पर रुके थे। दोनों के पान की दुकान पर रुकने की तस्वीरें भी सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई थीं। 

ऐसे पकड़े गए आरोपी 

अब पुलिस ने बिना वक्त गंवाए पान वाले से पूछताछ शुरू कर दी। पता चला कि बीती रात रेनकोट वाले दोनों संदिग्धों ने उसकी दुकान से गुटखा खरीदा था और दोनों ने गुटखे के पैसे यूपीआई से चुकाए थे। ये पुलिस के लिए एक बड़ा क्लू था। पुलिस ने फौरन दुकानदार के जरिये यूपीआई पेमेंट करने वाले का नाम और फोन नंबर पता किया और इसी के साथ फिरोज अंसारी नाम के उस शख्स के मोबाइल फोन की कॉल डिटेल रिकॉर्ड यानी सीडीआर निकलवा ली ताकि ये पता चल सके कि क़त्ल से पहले या क़त्ल के बाद उसकी किससे बात हुई थी। पुलिस ये देख कर हैरान रह गई कि जो स्पा मालिक संतोष शेरेकर खुद को वाघमारे के क़त्ल से बेखबर बता रहा था, रेनकोट पहन कर वाघमारे का पीछा करने वाले फिरोज अंसारी की उसी शेरेकर से लगातार बात हो रही थी। 

आरोपी का कुबूलनामा 

यानी ये क़त्ल ना सिर्फ स्पा मालिक शेरेकर के ठिकाने पर हुआ था, बल्कि खुद शेरेकर के इशारे पर ही हुआ था। अब पुलिस ने शेरेकर पर शिकंजा कस दिया और इसके बाद उसके पास सच्चाई कबूल करने के सिवाय कोई रास्ता नहीं था। शेरेकर ने बताया कि मंगलवार की रात उसी के कहने पर फिरोज़ अंसारी और साकिब अंसारी ने गुरु वाघमारे की जान ली थी। वाघमारे के स्पा के अंदर पहुंचने के करीब एक घंटे बाद फिरोज और साकिब स्पा पहुंचे थे। तब तक स्पा का स्टाफ घर जा चुका था। दोनों ने पहले उसकी गर्लफ्रेंड को एक कमरे में पहुंचाया और फिर अपने साथ लाई गई कैंची के ब्लेड से वार कर वाघमारे का क़त्ल कर दिया। कहानी साफ होते ही पुलिस ने शेरेकर के साथ-साथ वारदात को अंजाम देने वाले दोनों क़ातिलों में से एक फिरोज अंसारी को भी गिरफ्तार कर लिया और बाद में फिरोज की निशानदेही पर उसके दूसरे साथी साकिब अंसारी को राजस्थान के कोटा शहर में गरीब रथ एक्सप्रेस से दबोच लिया। साकिब क़त्ल के बाद दिल्ली भागने की फिराक में था। 

अब सवाल ये था कि आखिर शेरेकर ने वाघमारे का क़त्ल क्यों करवाया? और उसने इस वारदात की साज़िश कैसे रची? तो आगे की तफ्तीश में पुलिस को इन सवालों का जवाब भी मिल गया। दरअसल, पुलिस ने बताया कि आरोपी संतोष शेरेकर ने वाघमारे की हत्या के लिए 6 लाख रूपए हत्यारों को दिए थे, क्योंकि वो उसे ब्लैकमेल कर रहा था। इसी बात से परेशान होकर शेरेकर ने इस हत्या की प्लानिंग रची और भाड़े के हत्यारों से मर्डर करवाया। पुलिस अब अपना केस कोर्ट में मजबूत करने के लिये आगे की कार्रवाई में जुट गई है। 

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