जिस पत्नी का किया अंतिम संस्कार, मनाई तेरहवीं, 53 दिन बाद जिंदा लौटी वो पत्नी, ये खुलासा हुआ तो मचा कोहराम
Bhind: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के भिंड से हैरान करने वाला मामला सामने आया है यहां एक पत्नी अपने पति को छोड़कर फरार हुई थी वो नोएडा में पाई गई है. घरवालों को लगा कि वो मर चुकी है. लेकिन महिला जिंदा है इस बात का खुलासा एमपी की "लाडली बहना योजना" (Chief Minister Ladli Behna Yojana) के जरिए हुआ, जानिए क्या है पूरा मामला.
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Bhind, MP: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के भिंड से ये चौंकाने वाला मामला सामने आया है जहां पर पति को छोड़कर फरार हुई पत्नी नोएडा (Noida) में पाई गई. नोएडा के फुटपाथ पर चप्पल जुड़वाती सुनील शर्मा की पत्नी ज्योति पुलिस को मिली है. इससे पहले किसी महिला के शव को ज्योति का समझ कर उसका अंतिम संस्कार भी किया गया था लेकिन पत्नी तो असल में जिंदा थी. इस बात का खुलासा एमपी की "लाडली बहना योजना" (Chief Minister Ladli Behna Yojana) के जरिए हुआ. ये घटना भिंड के मेहगांव से सामने आई जिसने सबको चौंका दिया है. क्योंकि जो पत्नी अपने पति को छोड़कर भाग गई थी और जिसे मरा हुआ समझ लिया गया था वो तो असल में जिंदा थी.
"लाड़ली बहना योजना" से हुआ खुलासा
पूरा मामला कुछ ऐसा है कि सुनील शर्मा की पत्नी ज्योति शर्मा इस साल 2 मई को अपने घर से फरार हो गई थी. घरवालों को लगा कि उसे किसी ने किडनैप कर लिया है. सुनील ने अपनी पत्नी को हर जगह खोजा लेकिन वो कहीं पर भी नहीं मिली. थाने में मामला दर्ज हुआ तो दो दिन बाद खेत में एक महिला की जली हुई लाश मिली. लाश की पहचान कराने के लिए महिला के मायके वालों और पति को बुलाया गया. मायके वालों ने महिला की पहचान अपनी बेटी ज्योति के रूप में कर ली. लेकिन सुनील को यकीन था कि ये उसकी पत्नी नहीं है.
किसी और की लाश का किया अंतिम संस्कार
जब ज्योति के मायके वालों ने लाश की शिनाख्त अपनी बेटी के रूप में की तो पुलिस ने ये मानकर ही आगे की कार्रवाई शुरू कर दी. लाश का पोस्टमार्टम कराने के बाद तुरंत अंतिम संस्कार भी कर दिया. क्योंकि सुनील पर उसके ससुराल वालों और पुलिस का दबाव था इसलिए उसे भी इस बात को मानना पड़ा कि वो उसी की बीवी है. परिवार वालों ने गंगा में अस्थी विसर्जन भी किया और घर वापस आकर भोज का भी इंतजाम किया. मायके वालों का आरोप था कि उनकी बेटी को सुनील ने ही मारा है.
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पति को छोड़कर फरार हुई थी पत्नी
पुलिस ने भी सुनील से भी पूछताछ की लेकिन सुनील यही कहता रहा है कि वो लाश उसकी पत्नी की नहीं थी. साथ ही सुनील ने कहा कि उसने ऐसा कुछ भी नहीं किया है. दिन ऐसे ही गुजरते गए और सुनील यही सोचता रहा कि आखिर ये सब क्यों हुआ. तभी एक दिन सुनील बैंक से पैसे निकालने के लिए पहुंचा, बस वहीं से सारा खुलासा हुआ. ज्योति के बैंक खाते से 2700 रुपये का ट्रांजैक्शन हुआ था. और ये ट्रांजैक्शन मध्य प्रदेश की लाड़ली बहना योजना के तहत हुआ था. खास बात यही है कि ये पैसे कियोस्क सेंटर पर अंगूठा लगाकर निकाले गए थे. जिसका मतलब साफ था अंगूठा लगाने वाली ज्योति ही थी यानि कि ज्योति जिंदा थी.
फुटपाथ पर चप्पल जुड़वाती मिली बीवी
पुलिस को इस बारे में जानकारी मिली तो पता लगा कि ये पैसे यूपी के नोएडा के एक सेंटर से निकाले गए हैं. सुनील को पुलिस से भी ज्यादा जल्दी थी क्योंकि उसे पता था कि उसकी बीवी जिंदा है. तुरंत पुलिस और सुनील नोएडा पहुंचे तो वहीं फुटपाथ पर अपनी टूटी चप्पल जुड़वाते हुए सुनील की पत्नी ज्योति मिल गई. पुलिस ज्योति को वापस ले आई और मायके वालों को सौंप दिया. बरामदगी के बाद ज्योति बोली- मैं अपनी मर्जी से चली गई थी. ज्योति करीब 53 दिनों के बाद वापस जिंदा लौट आई. पुलिस के लिए अब बड़ा सवाल है कि जिस महिला के शव को ज्योति की लाश समझ कर अंतिम संस्कार कर दिया था आखिर वो महिला कौन थी और उसकी हत्या किसने की?
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