कोर्ट ने पूछा- आप गलती मानते हैं? बृजभूषण सिंह बोले- गलती की नहीं तो मानूं क्यों?

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कोर्ट ने पूछा- आप गलती मानते हैं? बृजभूषण सिंह बोले- गलती की नहीं तो मानूं क्यों?
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सृष्टि ओझा के साथ चिराग गोठी की रिपोर्ट

Delhi: महिला पहलवानों से यौन शोषण मामले में दिल्ली की कोर्ट में मंगलवार को सुनवाई हुई। इस दौरान बीजेपी सांसद बृजभूषण सिंह पेश हुए। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने बृजभूषण सिंह से पूछा कि क्या आप गलती मानते हैं? इस पर उन्होंने कहा कि गलती मानने का कोई सवाल ही नहीं है। जब गलती की नहीं तो मानें क्यों? इस केस के दूसरे आरोपी कुश्ती संघ के पूर्व सहायक सचिव विनोद तोमर ने कोर्ट से कहा कि ये तमाम आरोप  मनगढ़ंत हैं। 

अब शुरू होगा बृजभूषण सिंह के खिलाफ ट्रायल!

दरअसल हाल ही में बृजभूषण के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने चार्जशीट दाखिल की है। इसके बाद कोर्ट ने आरोप तय किए। कोर्ट की कार्रवाई के तहत अगले चरण में आरोपियों से पूछा जाता है कि क्या वो अपनी गलती मानते हैं? इस पर सभी आरोपियों ने गलती मानने से इन्कार कर दिया। अब इस केस की अगली सुनवाई 1 जून को है। एक जून से इस मामले में ट्रायल शुरू होगा। सबसे पहले सरकारी पक्ष गवाहों को एक-एक करके अदालत में पेश करेगा। फिर उनके बयान रिकॉर्ड किए जाएंगे।

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एक जून को होगी अगली सुनवाई

सुनवाई के दौरान बृजभूषण सिंह ने इस केस से संबंधित सीसीटीवी, सीडीआर, होटल के दस्तावेजों सहित अन्य विवरण देने का अनुरोध किया। इसको लेकर बृजभूषण के वकील की तरफ से अर्जी दायर की गई है। इस अर्जी पर फिलहाल कोई फैसला नहीं हो सका है। उधर कोर्ट ने मामले को लंबे समय तक खींचने से इन्कार कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि सांसदों और विधायकों से जुड़े मामलों में लंबी तारीखें न दी जाएं। जज ने कहा कि मेरी कोर्ट में अधिकतम 10 से 15 तारीखें दी जाती हैं। कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 1 जून दोपहर 2 बजे के लिये तय की है। 

क्या था पूरा मामला?

दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट को WFI के पूर्व चीफ और कैसरगंज से बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ 6 में से 5 मामलों में आरोप तय करने के लिए पर्याप्त सबूत मिले हैं। ये सभी मामले उनके कुश्ती संघ के अध्यक्ष रहते महिला पहलवानों के साथ यौन शोषण के आरोपों से जुड़े हैं। 5 मामलों में भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 354 और 354डी के तहत आरोप तय किए गए हैं, जबकि उनके खिलाफ छठा मामला खारिज कर दिया गया है। 5 मामलों में भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 354 और 354डी के तहत आरोप तय किए गए हैं।
 

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