उमेश पाल हत्याकांड मे अतीक के भाई अशरफ का साला सद्दाम दिल्ली से गिरफ्तार, गर्लफ्रेंड से डेटिंग पर जाते वक्त गिरफ्तार
UP Crime Umesh Pal Murder: सद्दाम अपनी गर्लफ्रेंड अनम से मिलने जा रहा था तब यूपी एसटीएफ ने दिल्ली के मालवीय नगर से गिरफ्तार किया।
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UP Crime Umesh Pal Murder: सद्दाम की गिरफ्तारी दिल्ली से हुई है। सद्दानम पर एक लाख का इनाम घोषित किया गया था। उमेश पाल हत्याकांड के बाद सद्दाम दुबई भाग गया था। कुछ महीने दुबई रुकने के बाद भारत वापस लौटा था। यूपी एसटीएफ को जानकारी मिली थी कि सद्दाम दिल्ली में छुपा हुआ है। जिसके बाद यूपी पुलिस ने दिल्ली के मालवीय नगर से सद्दाम को गिरफ्तार कर लिया। उमेश पाल हत्याकांड के बाद सद्दाम दुबई भाग गया था, कुछ महीने दुबई रुकने के बाद भारत वापस लौटा था। खबर मिली थी कि सद्दाम दिल्ली में छुपा हुआ था। बताया जा रहा है कि सद्दाम अतीक अहमद गैंग से जुड़ा हुआ था।
अतीक के भाई अशरफ का साला सद्दाम दिल्ली से गिरफ्तार
सद्दाम अपने जीजा अशरफ से जुड़ कर अवैध जमीनों पर कब्जा करना, धमकी देने का काम करता था। अशरफ जब बरेली जेल में बंद था तब सद्दाम ही जेल में अशरफ की लोगों से अवैध तरीके से मुलाकात करवाता था। उमेश पाल हत्याकांड के बाद सद्दाम अंडरग्राउंड हो गया था। पुलिस के मुताबिक सद्दाम पुलिस से बचने के लिए कर्नाटक, मुंबई, दिल्ली में नाम बदलकर छुप रहा था। सद्दाम अपनी गर्लफ्रेंड अनम से मिलने जा रहा था तब यूपी एसटीएफ ने दिल्ली के मालवीय नगर से गिरफ्तार किया। सद्दाम पर यूपी में कई मामले दर्ज हैं।
गर्लफ्रेंड से डेटिंग पर जाते वक्त गिरफ्तार
हाल ही में पुलिस ने अदालत को बताया था कि सद्दाम के खिलाफ बरेली में पांच मामले दर्ज हैं और उस पर एक लाख रुपये का इनाम भी घोषित है। उन्होंने कहा कि अदालत से सद्दाम की जमानत अर्जी खारिज करने का अनुरोध किया गया, जिसके बाद अदालत ने आरोपी को अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि अदालत को यह भी बताया गया कि सद्दाम बरेली जेल में ऐशो-आराम की सुविधाएं मुहैया कराने के लिए जेल अधिकारियों को संभवत: घूस के रूप में तरह-तरह के तोहफे देता था।
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एक लाख का इनामी है सद्दाम
अधिकारी ने अदालत को बताया गया कि बरेली जेल में बंद रहने के दौरान अशरफ और अब्दुल समद उर्फ सद्दाम ने पुलिस अधिकारियों को मारने, गवाहों को धमकाने और जेल से रंगदारी वसूलने की अक्सर साजिश रचा करते थे। प्रयागराज में उमेश पाल और उसके सुरक्षाकर्मियों की हत्या के बाद बरेली के बिथरी चैनपुर थाने में अतीक के भाई अशरफ, उसके साले सद्दाम, गुर्गे लल्ला गद्दी, जेल वार्डन शिवहरि अवस्थी, कैंटीन संचालक दयाराम उर्फ नन्हे, जेल के अन्य अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ षड्यंत्र रचने, रंगदारी मांगने, अपराधियों को संरक्षण देने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की गयी। लल्ला गद्दी समेत नौ आरोपियों को इस आधार पर जेल भेजा गया कि वे अशरफ के साले सद्दाम के लिए काम करते थे। सद्दाम एवं लल्ला गद्दी के जरिये ही आरोपी बरेली जिला जेल में 12 फरवरी को अवैध रूप से अशरफ से मिले थे। वर्ष 2005 में बहुजन समाज पार्टी के विधायक राजू पाल की हत्या के मुख्य गवाह उमेश पाल और उनके दो पुलिस सुरक्षाकर्मियों की प्रयागराज के धूमनगंज इलाके में उनके घर के बाहर गोली मारकर हत्या किए जाने से 12 दिन पहले यह मुलाकात हुई थी। उमेश पाल हत्याकांड में अतीक और अशरफ भी आरोपी थे।
मिल गया सद्दाम
विधायक राजू पाल हत्याकांड के गवाह उमेश पाल और उसके दो पुलिस सुरक्षाकर्मियों की 24 फरवरी को प्रयागराज के धूमनगंज इलाके में हत्या हुई थी। इस मामले में नामजद शूटरों का एक वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आया था जिसमें बरेली जिला जेल से अतीक का बेटा असद और उसके साथी निकलते दिख रहे थे। पुलिस सूत्रों ने दावा किया था कि 12 फरवरी का यह वीडियो जेल में अशरफ से मुलाकात के बाद असद और उसके सहयोगियों के बाहर निकलने के समय का है। गौरतलब है कि 15 अप्रैल की रात को प्रयागराज में पुलिस द्वारा चिकित्सकीय परीक्षण के लिए मेडिकल कॉलेज ले जाते समय अतीक अहमद और अशरफ पर तीन हमलावरों ने ताबड़तोड़ गोलीबारी करके उनकी हत्या कर दी। इसके दो दिन पहले झांसी में उप्र पुलिस के विशेष कार्यबल (एसटीएफ) ने एक मुठभेड़ में असद और गुलाम को मुठभेड़ में मार गिराया था।
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