भारत के PM की सुरक्षा की प्लानिंग इस देश की सीक्रेट सर्विस की गाइडलाइंस से होती है तैयार, पूरी डिटेल

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Pm Security in India : पंजाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में हुई चूक की ख़बर जैसे ही सामने आई तो हर तरफ हंगामा मच गया। हर किसी की ज़ुबान पर एक ही सवाल था कि आखिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में ये चूक हुई तो कैसे।

इस हंगामे के दौरान सवालों का उठना लाजमी भी था, लेकिन ज़्यादातर उठे सवालों का संबंध सियासत से जुड़ा था। मगर कुछ सवाल ऐसे भी हैं जिसने सुरक्षा के पूरे बंदोबस्त पर उंगली उठा दी है।

कैसी होती है PM की सुरक्षा व्यवस्था?

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इसी बीच ये बात हर कोई ये बात भी जानने को बेताब है कि आखिर प्रधानमंत्री की सुरक्षा का बंदोबस्त होता कैसा है? और किसी भी दौरे के लिए प्रधानमंत्री की सुरक्षा के लिए असल में कौन कौन ज़िम्मेदार होता है।


SPG के हवाले सुरक्षा

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Pm Security Guard : भारत में प्रधानमंत्री की सुरक्षा के लिए सीधे तौर पर एसपीजी (SPG) यानी स्पेशल प्रॉटेक्शन ग्रुप ज़िम्मेदार होता है। ये एसपीजी का ही काम है कि वो कदम कदम पर प्रधानमंत्री को सुरक्षा कवच प्रदान करे ताकि बिना किसी ख़तरे के प्रधानमंत्री का कहीं भी आना जाना सुनिश्चित हो सके।

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भारत सरकार में प्रधानमंत्री का पद सर्वोच्च सार्वजनिक पद माना जाता है। ज़ाहिर है कि प्रधानमंत्री की सुरक्षा का मामला सबसे ज़्यादा संवेदनशील माना जाता है। ऐसे में जब भी प्रधानमंत्री किसी राज्य का दौरा करते हैं तो स्थानीय पुलिस के अलावा राज्य सरकार प्रधानमंत्री की सुरक्षा को लेकर सबसे ज़्यादा गंभीर होती है और मौजूदा हालात और सुरक्षा को लेकर संभावित ख़तरे के मद्देनज़र सुरक्षा का विशेष बंदोबस्त किया जाता है।

एसपीजी कमांडोज़ का घेरा

Pm Security Name : एसपीजी के प्रोटोकॉल के मुताबिक एसपीजी के शीर्ष अधिकारियों की देख रेख में प्रधानमंत्री की सभा स्थल अथवा बैठक स्थल के आस पास क़रीब 3000 से ज़्यादा एसपीजी के सुरक्षाकर्मियों का घेरा होता है। जिन पर प्रधानमंत्री और उनके परिवार के सदस्यों की पूरी हिफ़ाज़त का ज़िम्मा होता है।

जब भी प्रधानमंत्री किसी भी राज्य के दौरे पर जाते हैं तो उस पूरे इलाक़े की एक एक खुफ़िया जानकारी एसपीजी के साथ स्थानीय पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां साझा करती हैं। जहां भी प्रधानमंत्री को दौरा करना होता है तो उनके कार्यक्रम के मुताबिक 72 घंटे पहले तक वो इलाक़ा पूरी तरह से सुरक्षा घेरे में आ जाता है।

ऐसी होती है आंतरिक सुरक्षा

भारत में आंतरिक सुरक्षा (Internal Security) के लिए मुस्तैद खुफ़िया एजेंसी आईबी (IB) पूरे इलाक़े की एक एक बारीक़ से बारीक़ हरक़त पर नज़र रखती है और उसकी पूरी रिपोर्ट हर घंटे या ज़रूरत के मुताबिक़ समयबद्ध तरीक़े से एसपीजी के शीर्ष अधिकारियों के साथ साझा करती है।

इस काम को सैनिटाइजेशन भी कहा जाता है। जिस जगह प्रधानमंत्री को किसी सभा को संबोधित करना होता है उस पूरे इलाक़े में सैनिटाइजेशन का काम दिल्ली पुलिस की सिक्योरिटी ब्रांच करती है। जहां प्रधानमंत्री को पहुँचना होता है, उसके आस पास के चप्पे चप्पे पर एसपीजी के शॉर्प शूटर्स की पैनी निगाह होती है।

ये शॉर्प शूटर इतने तेज़ और चौकन्ने होते हैं कि पलक झपकते ही किसी भी तरह के ख़तरे का नामोनिशान मिटाने में सक्षम होते हैं। जिन सुरक्षाकर्मियों को प्रधानमंत्री की सुरक्षा में तैनात किया जाता है वो सीक्रेट सर्विस ऑफ़ अमेरिका की गाइडलाइंस (Secret Service Of America) के मुताबिक तैयार किए जाते हैं।

ऐसे आधुनिक हथियारों से लैस होते हैं कमांडो

प्रधानमंत्री की सुरक्षा (PM Security) में तैनात एसपीजी के सुरक्षाकर्मियों को आम बोलचाल में एसपीजी कमांडो (SPG Commando) भी कहा जाता है जो एफएनएफ-2000 एसॉल्ट राइफ़ल, ऑटोमैटिक गन और 17 एम रिवॉल्वर जैसे अत्याधुनिक हथियारों के साथ हरदम चौकन्ने रहते हैं।

सुरक्षा एजेंसी से ज़ुड़े सूत्रों की बातों पर यक़ीन किया जाए तो प्रधानमंत्री की सुरक्षा में तैनात किए जाने वाले एसपीजी कमांडो जो राइफ़ल इस्तेमाल करते हैं वो बेल्जियम की बनी हुई है जिसका वज़न क़रीब 3.5 किलोग्राम होता है, ये कमांडोज़ अपनी एसॉल्ट राइफ़ल से 500 मीटर की दूरी पर मौजूद अपने लक्ष्य पर एक मिनट में क़रीब 850 गोलियां चलाने में सक्षम होते हैं। और सुरक्षा में तैनात इन कमांडोज़ को लाइट बुलेटप्रूफ़ जैकेट पहनना अनिवार्य होता है।

ऐसा होता है PM का सुरक्षा कवच


इसके अलावा जिस रास्ते से प्रधानमंत्री का काफ़िला गुज़रता है उस पर भी पूरी तरह से एसपीजी, और सुरक्षा एजेंसियों की निगाहें लगी रहती है। जहां किसी को भी पहुँचने या जाने की इजाज़त नहीं होती।

आम तौर पर देखा भी जा सकता है कि जिस जगह से प्रधानमंत्री का काफ़िला गुज़रता है वहां एक तरफ का ट्रैफिक क़रीब 15 मिनट पहले ही रोक दिया जाता है ताकि सुरक्षा के काम में कोई परेशानी न हो।

इसके अलावा उस रास्ते पर दिल्ली पुलिस की एक पैट्रोल गाड़ी सायरन बजाती हुई गुज़रती है ताकि तमाम बंदोबस्त चौकन्ने रहे। इतना ही नहीं प्रधानमंत्री के आवास को भी 500 से ज़्यादा एसपीजी के कमांडो घेरे रहते हैं, जो हर चुनौती और हर हालात से निपटने में हरदम तैयार होते हैं।

PM के काफिले में बख़्तरबंद गाड़ियों का ऐसा बेड़ा


indian prime minister security protocol :
प्रधानमंत्री के काफ़िले में बख़्तरबंद गाड़ियों का बेड़ा होता है। आजकल भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मर्सिडीज़ मैबैक S-650 गॉर्ड की सवारी कर रहे हैं। इस लिमोज़िन गाड़ी को अभी हाल ही में प्रधानमंत्री के काफ़िले में शामिल किया गया है, जिसे दुनिया की सबसे सुरक्षित और आरामदायक कार का दर्जा हासिल है।

मर्सिडीज़ मैबैक एस 650 (Mercedes Maybach S 650 Pullman Gaurd) पुलमैन गॉर्ड कार में VR10 जैसी सुरक्षा से लैस है। इसका मतलब ये हुआ कि इस कार को विशेष स्टील से तैयार किया गया जिससे ये कार अपने आप में किसी अभेद्द किले से कम नहीं होती।

पॉलिकार्बोनेट की कोटिंग से सुसज्जित इस कार पर किसी भी तरह के विस्फोट का कुछ भी असर नहीं होता। प्रधानमंत्री जिस कार पर सफर करते हैं वो कार के पहिये पंचर भी नहीं हो सकते। लेकिन अगर किन्हीं कारणों से कार के पहिये पंचर हो भी जाएं तो भी ये कार उस आपातकाल की स्थिति में भी 90 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ़्तार से दौड़ सकती है।

इसके अलावा प्रधानमंत्री के काफ़िले में मौजूद किसी भी कार पर हैंडग्रेनेड तक का कोई असर नहीं हो सकता। अगर प्रधानमंत्री के काफ़िले पर गैस से भी हमला होता है तो कार पूरी तरह से सुरक्षित कैबिन में तब्दील हो जाती हैं जहां किसी भी तरह की गैस का कोई असर नहीं होता।

लेकिन सुरक्षा के मद्देनज़र कार में ऑक्सीज़न टैंक भी रहता है, ताकि आपात स्थिति का मुक़ाबला किया जा सके। प्रधानमंत्री के काफ़िले में बीएमडब्ल्यू 7 सीरीज़ सेडान की बख़्तरबंद गाड़ियां, बुलेटप्रूफ़ रेंज रोवर गाड़ियां भी होती है। इसके अलावा एक मर्सिडीज़ बेंज़ की एम्बुलेंस भी काफ़िले के साथ चलता है जबकि टाटा सफ़ारी जैमर इस काफ़िले का सबसे अहम हिस्सा है।

किसी राज्य में ऐसी होती है PM की सुरक्षा

indian prime minister security protocol in hindi : जब प्रधानमंत्री अन्य किसी दूसरे राज्य का दौरा करते हैं तो सुरक्षा के मद्देनज़र 24 घंटे पहले उनका रूट तय हो जाता है लेकिन उस पर आखिरी मुहर क़रीब 7 घंटे पहले ही लगाई जाती है। सिर्फ इतना ही नहीं प्रधानमंत्री के तय किए गए रूट के अलावा कई वैकल्पिक मार्गों का भी चुनाव कर लिया जाता है। और प्रधानमंत्री के लिए तय किए गए रास्तों पर बाक़ायदा रिहर्सल भी किया जाता है।

लेकिन सबसे ख़ास बात ये है कि अगर प्रधानमंत्री को आस पास के राज्यों में हवाई यात्रा करनी होती है तो भी उनके लिए सड़क रास्तों पर वैकल्पिक रास्तों का चुनाव कर लिया जाता है, जिस पर सुरक्षा का बंदोबस्त करने के लिए एसपीजी, दिल्ली पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों के अलावा राज्य की स्थानीय पुलिस पर दारोमदार होता है.

आखिर पंजाब में हुई चूक के लिए कुसूरवार कौन?

Pm Security Punjab : सामने आई जानकारी के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पंजाब में सुबह चॉपर से यात्रा करनी थी लेकिन मौसम ख़राब होने और सुरक्षा कारणों से प्रधानमंत्री को सड़क मार्ग से अपने गंतव्य तक पहुँचना था।

लेकिन सुरक्षा बंदोबस्त में हुई चूक ने प्रधानमंत्री की सुरक्षा में लगे समूचे तंत्र को सवालों से ज़रूर घेर दिया है। और सवाल यही कि आखिर गड़बड़ी हुई तो कहां हुई? और सबसे अहम सवाल यही है कि आखिर इस चूक का असली ज़िम्मेदार कौन है?

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