Jail News: एक हज़ार से ज़्यादा हुनरमंद क़ैदियों को रिहायी से पहले मिलेगा रोजगार, ये है प्रोग्राम
Jail Story: क़ैदियों को मुख्यधारा में लाने के लिए स्किल डेवलेपमेंट प्रोग्राम शुरू हुआ जिसमें ट्रेनिंग लेने वाले कैदी रिहाई पाने से पहले रोजगार पा लेंगे।
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संवाददाता नितिन जैन की रिपोर्ट
skill training programmes for inmates: समाज में अपराध को खत्म करने के लिए ही जेल बनाई गई, ताकि उन अपराधियों को उसमें कैद करके रखा जाए जो समाज और कायदे क़ानून के खिलाफ हों या उनसे समाज और क़ानून के निजाम को खतरा पैदा हो जाता है।
लेकिन जरूरी नहीं कि किसी भी अपराधी को सेकंड चांस नहीं मिलना चाहिए। क्योंकि एक इंसान होने के नाते ये उसका हक़ भी बनता है। बस इसी फलसफे पर दिल्ली में एक ऐसे कार्यक्रम की शुरूआत हुई जिसके तहत उन क़ैदियों को फिर से समाज में वापस लाने का रास्ता बनाया जाए जो अपनी किसी एक गलती की वजह से समाज से दूर जेल की सलाखों में जिंदगी बिताने को मजबूर थे।
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अब सवाल यही उठता है कि जिस कैदी ने इंसानी क़ायदे और कानून को ठेंगा दिखाते हुए, यानी समाज की परवाह नहीं की और जुर्म कर दिया उसकी परवाह समाज क्यों करे? और अगर वाकई उसे वापस समाज में लाना ही है तो फिर क्या रास्ता हो?
Latest Jail Story: कैदियों और उनकी मनोदशा पर काम करने वाली एक संस्था है दीनदयाल अंत्योदय योजना राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन। जिसे आवास एवं शहरी विकास मंत्रालय से मान्यता मिली हुई है। असल में इस संस्था ने उन कैदियों के लिए एक ऐसे स्किल डेवलेपमेंट कार्यक्रम की शुरुआत की है जो कैदखाने की बेड़ियों को तोड़कर आजाद हवा में सांस लेना चाहते हैं और समाज का हिस्सा बनकर जिंदगी जीना चाहते हैं।
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इस कार्यक्रम के तहत करीब 1020 कैदियों को स्किल डेवलेपमेंट कार्यक्रम के लिए चुना गया। और चुने गए कैदियों को स्किल डेवलेपमेंट प्रोग्राम के तहत खाने पीने की चीजों को तैयार करने उनका रखरखाव करने और उसे आम लोगों तक पहुँचाने के तौर तरीकों से अवगत कराया जाएगा। इस ट्रेनिंग प्रोग्राम के लिए उन कैदियों को चुना गया है जो अगले 6 से 9 महीनों के भीतर जेल से छूटने वाले हैं।
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कार्यक्रम का मकसद ये है कि जेल से निकलकर वापस समाज में जाएं और कानूनी दायरे में रहते हुए अच्छी जिंदगी बसर कर सकें। इस ट्रेनिंग कार्यक्रम के लिए 30 30 कैदियों का बैच तैयार किया जाएगा और उन्हें अगले तीन से चार महीनों के दौरान करीब 350 घंटे की ट्रेनिंग दी जाएगी।
इस कार्यक्रम की सबसे खासबात तो यही है कि ट्रेनिंग लेने वाले तमाम कैदियों में से 70 फीसदी को सीधे रोजगार से जोड़ने की तैयारी है। यानी यहां जेल में रहते हुए वो ट्रेनिंग लेंगे और जेल से बाहर निकलने से पहले ही उनके हाथ में रोजगार भी होगा।
inmates News: मंत्रालय ने इस डेवलेपमेंट कार्यक्रम के लिए प्राइमेरो स्किल्स एंड ट्रेनिंग प्राइवेट लिमिटेड ने कैदियों की ट्रेनिंग प्रोग्राम के लिए सहयोगी नियुक्त किया है। जो कैदियों को ट्रेनिंग ये अहम ट्रेनिंग देने का सबसे अहम रोल निभाएंगे।
इस कार्यक्रम की शुरूआत दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने की। उपराज्यपाल ने इस पूरे प्रोजेक्ट की बारीकियों का जायजा लिया बल्कि उन कैदियों को मुबारकबाद भी दी जो इस कार्यक्रम के लिए चुने गए। उपराज्यपाल ने ये भी भरोसा जताया कि जेल के कैदी अब अपने हुनर का सारा इस्तेमाल करके न सिर्फ ट्रेनिंग में कामयाब होंगे बल्कि इससे वो अपने आने वाले जीवन को और भी ज़्यादा कामयाब बना सकेंगे।
इसी कार्यक्रम में दिल्ली सरकार के चीफ सेक्रेटरी नरेश कुमार ने कैदियों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का वो मंत्र भी याद दिलाया, रिफॉर्म, परफॉर्म एंड ट्रांसफॉर्म यानी सुधार, प्रदर्शन और परिवर्तन के तहत ये कैदी खुद समाज में इस नई दिशा के एंबेसेडर बनेंगे।
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