प्रधानमंत्री दफ्तर का मुख्य सचिव बन करोंड़ों की ठगी, जालसाजों ने वन नेशन वन राशन कार्ड का जारी किया फर्जी टेंडर, मास्टरमाइंड समेत तीन गिरफ्तार
UP Crime News: प्रधानमंत्री कार्यालय का मुख्य सचिव बनकर One nation one ration card का टेन्डर दिलाने के नाम पर माया तिवारी, अभिषेक कुमार, संतोष कुमार सेमवाल जालसाजी कर रहे हैं।
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UP Crime News: यूपी एसटीएफ ने उपभोक्ता, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय, भारत सरकार के नाम का टेंडर आर्डर जारी कर करोडों रूपये की ठगी करने वाले संगठित गिरोह का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने गिरोह के मास्टरमाइंड सहित तीन आरोपियों को दिल्ली, प्रयागराज व जौनपुर से गिरफ्तार किया है। पुलिस ने संतोष कुमार सेमवाल, माया तिवारी और अभिषेक तिवारी को गिरफ्तार किया है।
जालसाजों ने वन नेशन वन राशन कार्ड का जारी किया फर्जी टेंडर
पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से Ministry of Consumer Affairs, Food and Public Distribution, Government of India के फर्जी दस्तावेजों की छायाप्रतियां भी बरामद की हैं।जांच के दौरान स्पेशल टास्क फोर्स के अधिकारियों को पता चला कि प्रधानमंत्री कार्यालय का मुख्य सचिव बनकर One nation one ration card का टेन्डर दिलाने के नाम पर माया तिवारी, अभिषेक कुमार, संतोष कुमार सेमवाल जालसाजी कर रहे हैं। ये गैंग Ministry of Consumer Affairs, Food and Public Distribution, Government of India के Deputy Secretary के नाम से फर्जी टेंडर आर्डर जारी किया है।
प्रधानमंत्री दफ्तर का मुख्य सचिव बन करोंड़ों की ठगी
आरोपियों ने जालसाजी के लिएअ बाकायदा एक फर्जी लेटर लेटर जिसका ई-मेल (p.m.o imformation99@gmail.com & information@pmoind.com) के माध्यम से भेजकर लगभग 55 लाख रूपये की ठगी की गई। पुलिस ने जानकारी मिलने पर छापेमारी की और तकनीकी जांच की मदद से दिल्ली, प्रयागराज व पूछताछ पर गिरफ्तार अभियुक्त संतोष कुमार सेमवाल नें बताया कि वो पौढीगढवाल उत्तराखण्ड का रहने वाला है। वर्ष 2007 में हाइस्कूल की परीक्षा पास कर पढाई छोड दिया था। जिसके बाद वर्ष 2009 से 2011 तक दिल्ली के पहाडगंज स्थित एक होटल में वेटर का काम किया। वर्ष 2013 में आईटीआई पोखडा में संविदा पर नौकरी लग गयी परन्तु 2018 में नौकरी छूट गयी जिसके बाद वो नौकरी के लिए दिल्ली आ गया।
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मास्टरमाइंड समेत तीन गिरफ्तार
इसी बीच 2020 में मेरी मुलाकात अनुज कुमार, माया तिवारी व राकेष अग्रवाल से हुई। राकेश अग्रवाल ने उसका परिचय अरूण रावत से कराया और बताया कि यह PMO government of india में joint secretary हैं। भारत सरकार के अधीन ई टेन्डर वाला कोई काम हो तो यह करवा सकते हैं व किसी भी विभाग का चेयरमैन भी बनवा सकते हैं। इसी बीच अनुज कुमार, माया तिवारी के माध्यम से उसकी मुलाकात अभिषेक तिवारी व बृजेष श्रीवास्तव से हुई, यह लोग माया तिवारी के साथ बडी जमीनो की ब्रोकरी व ट्रस्टों में डोनेशन दिलाने का काम करते थे जिसका इनको कमीषन मिलता था।
कई राज्यों में फैले जालसाजी के जाल
एक दिन अरूण रावत ने मुझसे कहा कि इस समय ई राशन कार्ड से सम्बन्धित टेन्डर निकला हुआ है। टेन्डर को तुम जिसे कहो तो दिलवा सकता हूं। प्रति जोन 02 लाख रूपये कमीशन व 3.15 लाख की डीडी लगेगी। तुम जितने कन्डीडेट लाओगे उनका कमीशन मिलेगा। तब आरोपी ने माया तिवारी से इस बारे में बताया तो वह तैयार हो गयी और बताया की ये लोग कन्डीडेट ढूढते हैं। इसके बाद अभिषेक तिवारी ने जौनपुर निवासी विकेश कुमार सिंह को यह बताकर कि माया तिवारी प्रधानमंत्री कार्यलय में मुख्य सचिव हैं। वह One nation one ration card का ई टेन्डर दिला सकती हैं। जिसके बाद अभिषेक तिवारी विकेश सिंह को वर्ष 2020 में दिल्ली लेकर आया।
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कई लोगों से की लाखों की ठगी
यहां माया तिवारी व बृजेष श्रीवास्तव नें मुलाकात कर विकेश सिंह से 02 लाख रूपये माया तिवारी के बैंक खाते में डलवाया व उसके कागजात ले लिया इसके बाद माया तिवारी ने 02 लाख रूपये मेरे खाते में भेज दिये। योजना के तहत ऐसे सीधे-साधे व्यक्तियों की तलाश शुरू की गयी जो बन नेशन वन राशन कार्ड का टेण्डर लेने के इच्छुक थे, जिसमें एक व्यक्ति विकेश कुमार सिंह को टेण्डर दिलवाने का लालच देकर अपने जाल में फंसाया गया और मैंने 10 लाख रुपये अपने तथा अपने पति व बेटी के बैंक खाते में मांगा लिया। इसके बाद मैंने, संतोष, अभिषेक, अरूण रावत, बृजेष आदि ने मिलकर विकेश सिंह से 45 लाख कैश में कई बार में लिया।
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इस गैंग ने लूट मचा दी
इसी प्रकार गैंग ने राम नगीना सिंह, जनपद आजमगढ़ से लगभग 12 लाख रूपये, बिजली सिंह से लगभग 50 हजार रूपये, अभिषेक त्रिपाठी, जनपद जौनपुर से लगभग ढाई लाख रूपये, अजय सिंह, जनपद सुल्तानपुर से लगभग 2 लाख 60 हजार रूपये, जीत बहादुर यादव, जनपद सुल्तानपुर से लगभग 2 लाख 60 हजार रूपये अपने खाते में लेकर संतोष सेमवाल के खाते में ट्रान्सफर किये थे तथा संतोष सेमवाल से लगभग आधा कमीशन लेकर भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालयों के प्रमुख सचिव, सचिव आदि के नाम के फर्जी अनुबन्ध पत्र तैयार कर उनके व्हाट्सएप व ईमेल आईडी पर भेजे। पुलिस आरोपियों के बाकी गैंग मेंबर की तलाश में जुटी है।
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