Exclusive: दिल्ली में पूर्व नेवी स्टीवर्ड गिरफ्तार, 20 साल पहले किया कत्ल, रची खुद की मौत की साजिश, गिरफ्तारी का हर खुलासा हैरान कर देगा!

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Exclusive: दिल्ली में पूर्व नेवी स्टीवर्ड गिरफ्तार, 20 साल पहले किया कत्ल, रची खुद की मौत की साजिश,...
जांच में जुटी पुलिस
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Delhi Crime News Murder: दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच ने 2004 में हुए कत्ल के मामले में एक नेवी के अफसर को गिरफ्तार किया है। आरोपी का नाम बालेश कुमार है जिसने पुलिस को धोखा देने के लिए खुद की मौत की साजिश रची थी। आरोपी को 20 साल बाद गिरफ्तार किया गया है। दरअसल दिल्ली पुलिस को खबर मिली थी कि ये पूर्व अफसर अपनी मौत की कहानी बनाकर दुनिया की आंखों में धूल झोंक रहा है। ये आरोपी दिल्ली में नाम बदलकर रह रहा था। 63 साल का बालेश कुमार नाम बदलकर अमन सिंह हो गया और नजफगढ़ में रह रहा था। दरअसल दिल्ली पुलिस को बालेश कुमार को एक लूट के मामले में तलाश रही थी।  

खुद की मौत की साजिश

दिल्ली पुलिस के स्पेशल सीपी रविंद्र यादव ने बताया कि इंस्पेक्टर देवेन्द्र कुमार के नेतृत्व में एक टीम, जिसमें एसआई महक सिंह, एसआई यशपाल सिंह, एएसआई दीपक कुमार त्यागी, एएसआई सुदेश कुमार, एएसआई अनिल कुमार, हेड कांस्टेबल संदीप कुमार, करण सिंह और महिला पुलिसकर्मी शामिल थे। टीम की अगुवाई सहायक पुलिस आयुक्त पंकज अरोड़ा और अपराध शाखा के पुलिस उपायुक्त अंकित कुमार कर रहे थे। क्राइम ब्रांच की टीम ने जाल बिछाया और तत्काल मामले में बालेश कुमार को सफलतापूर्वक गिरफ्तार कर लिया। 

20 साल बाद गिरफ्तार

जांच के दौरान खुलासा हुआ कि बालेश ने साल 2004 में जोधपुर में अपनी मौत की साजिश रची थी।। बालेश की मौत के बाद उसकी पेंशन पत्नी को मिल रही थी। जांच में आगे पता चला कि 01 मई 2004 को बालेश कुमार ने खुद जोधपुर (राजस्थान) में अपने ट्रक में आग लगा दी, जिसके परिणामस्वरूप ट्रक में दो व्यक्तियों की मौत हो गई। जिनमें से एक की पहचान बालेश कुमार के रूप में की गई जबकि दूसरे की पहचान अज्ञात रही। ये जानकारी हासिल होते ही दिल्ली पुलिस ने जोधपुर पुलिस के साथ जानकारी साझा की। जोधपुर पुलिस ने दिल्ली पुलिस को बताया कि ट्र में आग लगने की घटना सत्य है। 

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अवैध संबंधों में की हत्या 

दिल्ली पुलिस के स्पेशल सीपी रविंद्र यादव ने बताया कि बालेश ने पूछताछ में बताया कि ट्रक में जो दो लोग जलकर मरे थे  दोनों बालेश के कर्मचारी थे। आरोपी बालेश कुमार ने बताया इन दोनों मजदूरों के नाम मनोज और मुकेश (दोनों बिहार के निवासी) थे, हालांकि वह उनके पते या परिवारों के बारे में और कुछ नहीं बता सका है। जांच में आगे पता चला कि आरोपी बालेश कुमार भारतीय नौसेना से अपने बीमा दावे के लाभ और पेंशन को अपनी पत्नी को दिलाना चाहता था। इसके अलावा घटना में शामिल ट्रक उसके भाई महिंदर सिंह के नाम थे लिहाजा वह बीमा का दावा कर सकता था। आरोपी ने बीमा कंपनी से ट्रक का बीमा भी अपनी पत्नी के खाते में ट्रांसफर करा लिया था। 

दो कर्मचारी ट्रक में जलकर मरे

जांच से पता चला कि शराब के नशे में कुछ छोटी-मोटी बातों पर आरोपी बालेश कुमार ने अपने भाई सुंदर लाल के साथ मिलकर समयपुर बादली ट्रांसपोर्ट नगर में राजेश उर्फ ​​खुशीराम नामक व्यक्ति की हत्या कर दी और शव को दिल्ली के बवाना इलाके में फेंक दिया था। हत्या की घटना वाले दिन आरोपी बालेश कुमार अपने भाई सुंदर लाल और पीड़ित मृतक राजेश उर्फ ​​खुशीराम के साथ शराब पी रहा था। शराब पीने के दौरान, मृतक राजेश की पत्नी के साथ बालेश कुमार के विवाहेतर संबंध और उनके बीच कुछ पैसों के लेन-देन के मुद्दे पर उनके बीच तीखी बहस हुई। आरोपी बालेश कुमार और सुंदर लाल ने राजेश उर्फ ​​खुशीराम की गला घोंटकर हत्या कर दी और शव को थाना बवाना, दिल्ली क्षेत्र में फेंक दिया। 

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बीमा, पेंशन पत्नी लेती रही 

जांच के बाद पुलिस ने उसके भाई सुंदर लाल को गिरफ्तार कर लिया था जबकि साजिश को आगे बढ़ाते हुए अभियुक्त बालेश कुमार ने खुद की मौत की साजिश रची थी। जोधपुर के अग्निकांड में खुद को मृत घोषित करने के बाद, आरोपी बालेश ने अपनी नई पहचान अमन सिंह के रूप में बनाई और अपनी फर्जी पहचान यानी अमन सिंह के नाम पर विभिन्न अधिकारियों से आधार कार्ड, पैन कार्ड और ड्राइविंग लाइसेंस जैसे पहचान दस्तावेज जारी करवा लिए। इन दस्तावेज़ों की मदद से एक बैंक खाता खोला। आरोपी बालेश कुमार वीपीओ पट्टी कल्याण, समालखा, पानीपत, हरियाणा का स्थायी निवासी है और उसने अपने पैतृक गांव में केवल 8वीं कक्षा तक पढ़ाई की है। वर्ष 1981 में वह एक स्टीवर्ड के रूप में भारतीय नौसेना में शामिल हुआ और 1996 तक इसमें सेवा की। सेवानिवृत्ति के बाद वह अपने परिवार के साथ संतोष पार्क उत्तम नगर में रहने लगा। वर्ष 2000 में वह तिलक मार्ग, दिल्ली में रात में हुई चोरी के मामले में शामिल था। अब वह प्रॉपर्टी एजेंट के तौर पर काम कर रहा था।

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