अयोध्या और दिल्ली मेट्रो को बम से उड़ाने की धमकी के पीछे आया वैलंटाइन वाला बड़ा कनेक्शन
Valentine Girlfriend connection : अयोध्या और दिल्ली मेट्रो को बम से उड़ाने की धमकी के पीछे आया वैलंटाइन वाला बड़ा कनेक्शन
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अयोध्या से बनवीर सिंह की रिपोर्ट
Valentine Girlfriend connection :अयोध्या और दिल्ली मेट्रो को बम से उड़ाने की धमकी के पीछे गर्लफ्रेंड कनेक्शन सामने आया है. गर्लफ्रेंड के भाई बिलाल को फंसाने के लिए यह पूरी साजिश रची गई थी. साजिश के इस पूरे खेल में रामदास घोड़के उर्फ बाबा जान मूसा और उसकी पत्नी विद्याशंकर धोत्रे उर्फ जार्ड सतन दोनों शामिल थे. मामला श्री रामजन्मभूमि मंदिर से जुड़ा था इसलिए अयोध्या पुलिस तुरंत हरकत में आई और आखिरकार इस पूरे मामले का खुलासा हो गया और साजिश की सारी कड़ियां खुल गईं.
अयोध्या के श्रीराम जन्मभूमि मंदिर और दिल्ली मेट्रो स्टेशन को बम से उड़ाने की धमकी के पीछे साजिश का गहरा तानाबाना बुना गया था. अनिल रामदास घोड़के उर्फ बाबा जान मूसा उर्फ सैटर्नरा हेल की गर्लफ्रेंड ने जब उसकी बात मानने से इंकार कर दिया तो बाबा जान मूसा ने उसे और उसके परिवार को बम से उड़ाने की धमकी दे डाली. दरअसल, सीओ अयोध्या एसपी गौतम की मानें तो बाब जान मूसा ब्लैकमेलिंग के काले धंधे से जुड़ा है. ये अपनी गर्लफ्रेंड को भी ब्लैकमेल कर रहा था और जब उसकी गर्लफ्रेंड ने मना किया तो उसके परिवार को फंसाने के लिए यह पूरी साजिश रची गई. यहीं से बिलाल उर्फ इजराइल की एंट्री हुई. बाबा मूसा ने अपने पत्नी विद्याशंकर धोत्रे उर्फ जार्ड सतन के साथ बिलाल को फंसाने के लिए इस पूरी साजिश का तानाबाना बुना.
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महाराष्ट्र के चेम्बूर के रहने वाला बाबाजान मूसा इंटरनेट और कंप्यूटर का बेहद जानकार है. उसने दिल्ली में रहने वाले बिलाल के मोबाइल नंबर को दूसरे मोबाइल पर स्वैपिंग कर इंटरनेट से नेट कालिंग के जरिए धमकी देने के लिए इस्तेमाल किया था. बाबाजान की योजना थी कि जब नंबर ट्रैक होगा तो धमकी देने वाला नंबर बिलाल का आएगा. जिसके बाद बिलाल पुलिस की गिरफ्त में होगा और घर का कमाने वाला सदस्य जेल चला जाएगा तो उसकी गर्लफ्रेंड का परिवार मुसीबत में आ जाएगा. मगर अयोध्या पुलिस की सक्रियता के चलते और एसएसपी मुनिराज के द्वारा खुद इस मामले की निगरानी करते रहने के कारण बाबाजान की पूरी साजिश का खुलासा हो गया.
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इस बारे में अयोध्या के सीओ शैलेंद्र प्रताप गौतम ने बताया कि 2 फरवरी को एक अज्ञात व्यक्ति ने रामलला सदन के मनोज कुमार को सूचना दी गई जो प्रयागराज में कल्पवास कर रहे थे कि आज राम मंदिर को उड़ा दिया जाएगा. यह सूचना उन्होंने स्थानीय पुलिस को दी. स्थानीय पुलिस को सूचना प्राप्त हुई तो पुलिस अधीक्षक, उप महानिदेशक के निर्देश पर एक टीम का गठन किया गया. इसमें पुलिस टीम के गठन के बाद टीम ने सबसे पहले उसके स्रोत का पता किया. जब उस नंबर के स्रोत का पता चला तो उसमें बिलाल नाम के एक व्यक्ति का नाम सामने आया जो दिल्ली के रहने वाले थे. जब बिलाल से दिल्ली में जाकर के पूछताछ की गई तो घटनाक्रम उसमें इस तरीके से प्रकाश में आया कि उनकी बहन का किसी लड़के के साथ कुछ मामला चल रहा था. उस लड़के ने बिलाल को फंसाने के लिए इंटरनेट कॉलिंग करके यह सूचना दी थी. यहां पर सूचना दी और उसके बाद इन्होंने दिल्ली मेट्रो को भी उड़ाने की सूचना दी थी. दिल्ली में भी इस विषय में है पंजीकृत है.. वहां की एजेंसियां भी इसमें जांच कर रही हैं. इनका मूलतः जो प्रमुख नाम है वह है अनिल रामनाथ घोड़के, अहमदनगर के रहने वाले हैं
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लेकिन वर्तमान में यह अपना नाम बदल कर के बाबा मूसाजान और एक नाम और है इनका वह रख कर के और फर्जी नाम पतों से अपना इसी तरीके का व्यवसाय करते हैं और पत्नी भी इनका सहयोग देती है पूरी तरह से श्रीमती विद्या धोत्रे हैं. वह भी इनका सहयोग देती है पूरी तरीके से और ब्लैकमेलिंग वगैरह करके धनराशि वसूलते हैं और उसी में इनका प्रॉपर काम चलता है. यह लोग वर्तमान में पूछताछ में उन्होंने बताया कि ये लोग मद्रास से आए हैं. उनके पास से 9 मोबाइल फोन बरामद हुए है, तीन पैन कार्ड बरामद हुए हैं और 5-7 विभिन्न बैंकों की चेक बुक और एटीएम कार्ड बरामद हुए हैं. दो-तीन ऐसे दस्तावेज बरामद हुए हैं जिनसे आधार कार्ड के पते को चेंज कराने के काम में लिया जा सकता है.
2 फरवरी की सुबह लगभग 7 बजे प्रयाग में कल्पवास कर रहे मनोज कुमार के नंबर पर बाबा जान ने फोन किया. फोन कर कहा कि मैं दिल्ली से बोल रहा हूं. 10 बजे तक दिल्ली मेट्रो स्टेशन और अयोध्या का श्री राम जन्मभूमि मंदिर बम से उड़ा दूंगा. मनोज कुमार अयोध्या के रामजन्मभूमि थाना क्षेत्र के रामलला सदन का निवासी है. इसीलिए उसने रामजन्मभूमि थाना अध्यक्ष संजीव कुमार सिंह को फोन कर इसकी जानकारी दी. थानाध्यक्ष संजीव सिंह ने इसका मुकदमा दर्ज कर उच्च अधिकारियों को इसकी जानकारी दी. 2 फरवरी को ही अयोध्या के राम कारसेवक पुरम में नेपाल से श्री राम की मूर्ति निर्माण के लिए शिलाखंड लाए गए थे. जिसके साथ नेपाल से प्रतिनिधियों का एक दल भी आया था जिसकी मौजूदगी में शिलाखंड को श्री राम मंदिर ट्रस्ट को सौंपा जा रहा था. इसीलिए इस धमकी को गंभीरता से लेते हुए अयोध्या पुलिस तुरंत हरकत में आ गई. जिसका नतीजा रहा कि साजिश का जाल बुनने वाला बाबा जान और उसकी पत्नी अब पुलिस की गिरफ्त में है.
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