200 जवान किडनैप, इस देश में सेना चिल्ला रही हाय-हाय, सरकार बेबस, आखिर ये क्या हो रहा?

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200 जवान किडनैप, इस देश में सेना चिल्ला रही हाय-हाय, सरकार बेबस, आखिर ये क्या हो रहा?
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News: जरा सोचिए अगर जिनके हाथों में देश की सुरक्षा हो वही लोग बचाओ-बचाओ चिल्लाने लगें. तो क्या होगा? सेना जिसे हम सब अपनी ढाल मानते हैं. अगर वही मुसीबत में हो तो? अजीब लग रहा है ना? लेकिन ऐसा ही कुछ हुआ है, मामला 200 जवान किडनैपींग का है.

अब आप सोच रहे होंगे कि ऐसा कहां हुआ? ये कोई छोटा-मोटा मामला नहीं है. एक सैन्य ठिकाना है, जहां 200 से ज्यादा जवान. हथियारों के साथ. बंधक बना लिए गए हैं और ये सब किसी दुश्मन देश ने नहीं किया बल्कि अंदर ही अंदर हुआ है.

जी हां, ये सारा ड्रामा चल रहा है सेंट्रल साउथ अमेरिका के एक छोटे से देश बोलीविया में. हां, वही बोलीविया जहां की राजनीति पहले से ही खतरों से भरी हुई है. अब इसने सेना को भी अपनी लपेट में ले लिया है. मामला ये है कि एक हथियारबंद गुट ने सैन्यकर्मियों को बंधक बना लिया है और उन्हें छोड़ने का नाम नहीं ले रहा.

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अब आप सोच रहे होंगे कि ये हथियारबंद गुट कौन है. किसकी हिम्मत हो सकती है कि सेना पर ही हमला बोल दे?. तो जनाब, यहाँ खेल बड़ा पॉलिटिकल है. बोलीविया के राष्ट्रपति लुइस आर्से का कहना है कि इसका तार जुड़ा है पूर्व राष्ट्रपति इवो मोरालेस से. पर सबूत? उफ़्फ़. वो तो नहीं है.

उधर मोरालेस साहब. पूरे मौन व्रत में हैं, अभी तक कुछ नहीं कहा. और सेना? सेना ने उस गुट को चेतावनी दे दी है कि अगर सैनिकों को तुरंत रिहा नहीं किया गया, तो इसे देशद्रोह माना जाएगा. वाह! ये सब ऐसे हो रहा है, जैसे कोई थ्रिलर फिल्म चल रही हो.

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पर मामला यहीं नहीं थमता. दरअसल बोलीविया में पहले से ही राजनीतिक अशांति है और 2025 के चुनाव नजदीक हैं. मोरालेस और राष्ट्रपति आर्से के बीच सियासी जंग छिड़ी हुई है. हाल के हफ्तों में, मोरालेस समर्थकों ने देशभर के हाइवे पर नाकेबंदी कर दी है. जिससे कई जगहों पर खाने-पीने की चीजों की कमी हो गई है.

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अब बताइए, जनता भूखी सो हो रही है, और नेता लगे हैं एक-दूसरे पर इल्जाम लगाने में. मोरालेस समर्थक कह रहे हैं कि सरकार उनके खिलाफ साजिश कर रही है, और उधर सरकार कह रही है कि मोरालेस के लोग ड्रग्स से लेकर तस्करी तक में शामिल हैं. अब कौन सही है, कौन गलत. ये तो शायद बोलीविया की जनता ही बेहतर समझे.

 ये था बोलीविया का ये अनोखा किस्सा, जहां सेना भी अब बंधक बना ली गई है. क्या ये सिर्फ सियासी खेल है या वाकई में कोई बड़ी साजिश? 

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