अतीक के बेटे असद के जनाज़े में बुर्के में आई ये औरत, पुलिस ने घेरा तो फूट फूटकर रोने लगी

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अतीक के बेटे असद के जनाज़े में बुर्के में आई ये औरत, पुलिस ने घेरा तो फूट फूटकर रोने लगी
अहमद की बड़ी बहन शाहीन
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Atiq Ahmed:  माफिया अतीक अहमद के बेटे उमेश पाल हत्याकांड में पांच लाख के इनमिया रहे असद का शव चकिया इलाके में उसके घर पर आने की तैयारिया की जा रही थी ,नकाब पहने कई महिलाएं असद के शव को देखने के लिए खड़ी थी वही दूसरी तरफ कुर्सी में नकाब पहने बैठी एक महिला बैठी रो रही थी,वही चर्चा रही की असद की माँ शाइस्ता जो उमेश पाल हत्याकांड में आरोपी है और 50 हज़ार की इनमिया है वो अपने बेटे को आखिरी बार देखने चुपके से आई है।

अहमद की बड़ी बहन शाहीन

आशंका थी कि आएगी शाइस्ता करेगी सरेंडर

वही चकिया और कब्रिस्तान के आसपास में भारी संख्या में पुलिस तैनात थी और आशंका जताई जा रही थी की शाइस्ता अपने बेटे को आखिरी बार देखने के लिए आ सकती है वही शाइस्ता सरेंडर भी करेगी। ये यह चर्चा काफी तेज रही वह नकाब पहने महिला वही रोती रही जब पता लगा कि असद का शव चकिया के घर पर नहीं आ रहा तो कब्रिस्तान जाने के लिए वो महिला काफी परेशान हुई और एक लड़की के साथ कब्रिस्तान पहुंच गई, वहां पुलिस कब्रिस्तान के अंदर जाने वालों के नाम और पता रजिस्टर में नोट कर रही थी, मीडिया वाले भी उस महिला से उसका पता पूछते रहे लेकिन वह बिना कुछ पता है कब्रिस्तान के अंदर जबरदस्ती चली गई यह काफी चर्चा का विषय बनी रही लोगों ने प्रयस लगाया कि कहीं वह शाइस्ता तो नहीं है जिसकी पुलिस तलाश कर रही है। हालांकि कब्रिस्तान के अंदर परिवार और रिश्तेदारों के अलावा किसी और के जाने की इजाजत नहीं थी। पुलिस का सख्त पहरा था।

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अहमद की बड़ी बहन शाहीन

 

अतीक की बड़ी बहन निकली बुर्खे वाली महिला

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पुलिस ने नकाब वाली उस महिला से गहनता से पूछताछ की तो पता चला की वो 50 हज़ार की इनमिया शाइस्ता नही बल्कि अतीक अहमद की बड़ी बहन शाहीन है और वह असद के जनाजे में शामिल होकर उसको आखिरी बार देखने आई थी इसके बाद पुलिस ने राहत की सांस ली। लेकिन इस दौरान चर्चाओं का बाजार काफी तेज रहा।

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अहमद की बड़ी बहन शाहीन

 

कब्र में मिट्टी देने वालो ने मांगी अल्लाह से माफी की दुआ

झांसी से असद का शव करीब 9:30 कसारी मसारी के कब्रिस्तान पर पहुंचा भीड़ और हंगामे की आशंका को देखते हुए असद के शव को चकिया के पुश्तैनी घर ना ले जाकर सीधे कब्रिस्तान ले जाया गया जहां कब्र के अंदर असद के शव को दफना दिया गया इसके बाद खड़े लोगों ने मिट्टी दी फातिया पढ़ी इसके बाद अल्लाह से असद के गुनाहों के लिए माफी मांगी और दुआ मांगी कि उसने जो किया अल्लाह उसके गुनाहों को माफ करे, और उसे जन्नत अता फरमाए।

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