हल्द्वानी से राहुल सिंह दरम्वाल के साथ चिराग गोठी की रिपोर्ट
38 साल पहले हुई थी मौत, आज पहुंचेगा शव
Siachen Soldier Chandrashekhar Harbola: सैनिक चंद्रशेखर हर्बोला का पार्थिव शरीर निवास स्थान पर पहुंचेगा। 1984 में सेना का यह जवान 28 साल की उम्र में ही बर्फीले तूफान में शहीद हो गया था।
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15 Aug 2022 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:24 PM)
Siachen Soldier Chandrashekhar Harbola: सियाचिन पर अपनी जान गंवाने वाले एक शहीद सिपाही का पार्थिव शरीर 38 साल बाद उनके उत्तराखंड के हल्द्वानी स्थित घर आ रहा है। 29 मई 1984 में 19 कुमाऊं रेजीमेंट के जवान चंद्रशेखर हर्बोला (Chandrashekhar Harbola) की सियाचिन में ऑपरेशन मेघदूत के दौरान मौत हुई थी।
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बर्फीले तूफान में उस दौरान 19 जवान दब गए थे, जिनमें से 14 के शव बरामद कर लिए गए थे, लेकिन पांच जवानों के शव नहीं मिल पाए थे। इसके बाद सेना ने पत्र के जरिए घरवालों को चंद्रशेखर के शहीद होने की सूचना दी थी। उसके बाद परिजनों ने बिना शव के चंद्रशेखर हर्बोला का अंतिम क्रिया-कर्म पहाड़ी रीति रिवाज के हिसाब से कर दिया था।
जब सियाचिन ग्लेशियर पर बर्फ पिघलनी शुरू हुई, तो खोए हुए सैनिकों की तलाश शुरू की गई। सैनिक लॉन्स नायक चंद्रशेखर हर्बोला के अस्थि शेष ग्लेशियर पर बने एक पुराने बंकर में मिले। सैनिक की पहचान में उसके डिस्क ने बड़ी मदद की। इस पर सेना का दिया हुआ नंबर (4164584) मौजूद था।
1984 में सेना के लॉन्स नायक चंद्रशेखर हर्बोला की उम्र सिर्फ 28 साल थी। वहीं, उनक बड़ी बेटी 8 साल और छोटी बेटी करीब 4 साल की थी। पत्नी की उम्र 27 साल थी। अब जवान का पूरे राजकीय सम्मान के साथ चित्रशाला घाट में अंतिम संस्कार होगा।
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