Maharashtra News: ऑपरेशन नन्हे फरिश्ते: मध्य रेल आरपीएफ ने 10 महीने में 1236 बच्चों को बचाया

Maharashtra Crime: रेलवे सुरक्षा बल को रेलवे संपत्ति, यात्री परिसर और यात्रियों की सुरक्षा की जिम्मेदारी सौंपी गई है, यह बल "ऑपरेशन नन्हे फरिश्ते" के तहत बच्चों को बचाने की जिम्मेदारी भी निभा रहा है।

CrimeTak

10 Nov 2022 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:29 PM)

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Maharashtra Crime News: मध्य रेल (Central Rail) के रेलवे सुरक्षा बल (RPF) ने शासकीय रेल पुलिस (GRP) तथा अन्य फ्रंट लाइन स्टाफ के सहयोग से 1236 बच्चों (Children) को गलत हाथों में जाने से बचाया है। पिछले 10 महीनों में यानी जनवरी 2022 से अक्टूबर 2022 तक "ऑपरेशन नन्हे फरिश्ते" के तहत मध्य रेल के रेलवे स्टेशन प्लेटफार्मों से  बचाए बच्चों में 822  लड़के और 414 लड़कियां शामिल हैं।

इन बच्चों  को चाइल्डलाइन जैसे गैर सरकारी संगठनों की मदद से अपने माता-पिता से  फिर से मिलवाया है। जो बच्चे अपने परिवार को बिना बताए बिना किसी लड़ाई या कुछ पारिवारिक मुद्दों या बेहतर जीवन की तलाश में या शहर के ग्लैमर आदि की तलाश में रेलवे स्टेशन पर आते हैं, उन्हें प्रशिक्षित आरपीएफ कर्मियों द्वारा देखा जाता है।

ये प्रशिक्षित आरपीएफ कर्मी बच्चों से अपनापन से सम्पर्क करते हैं, उनकी समस्याओं को समझते हैं और उन्हें अपने माता-पिता के साथ फिर से जुड़ने की सलाह देते हैं। कई माता-पिता रेलवे की इस नेक सेवा के लिए अपनी गहरी कृतज्ञता और आभार व्यक्त करते हैं।

मध्य रेल पर जनवरी से अक्टूबर 2022 तक बचाए गए बच्चों की बड़ी तादाद है। मध्य रेल के मुंबई मंडल ने सबसे अधिक 539 बच्चों को बचाया, जिसमें 378 लड़के और 161 लड़कियां शामिल हैं। भुसावल मंडल ने 257 बच्चों को बचाया, जिनमें 138 लड़के और 119 लड़कियां शामिल हैं। पुणे मंडल की बात करें तो पुणे ने 245 बच्चों को बचाया, जिनमें 195 लड़के और 50 लड़कियां शामिल हैं।

नागपुर मंडल ने 142 को बचाया जिसमें 78 लड़के और 64 लड़कियां शामिल हैं। इसी तरह सोलापुर मंडल ने 53 बच्चों को बचाया जिनमें 33 लड़के और 20 लड़कियां शामिल हैं। जाहिर है ऑपरेशन नन्हे फरिश्ते ने ना सिर्फ मासूम बच्चों के परिजनों को खुशियां दी हैं बल्कि मासूमों को जीने की राह दी है।

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