किसी के मर जाने के बाद उसकी मैय्यत कब्रिस्तान कैसे जाती है? आप कहेंगे बेहद सादे तरीके और शांति के साथ लोग मरने वाले को कब्रिस्तान ले जाते हैं। लेकिन आज हम आपको बताने जा रहे हैं एक ऐसी शवयात्रा जिसमें शव को स्टाइलिश ताबूत में कब्रिस्तान ले जाया जाता है।
'दावत-ए-मय्यत'! दुनिया का सबसे अनोखा अंतिम संस्कार
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01 Oct 2021 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:06 PM)
जी हां घाना में मय्यत निकलती है लेकिन स्टाइल में, यहां इंसान की अंतिम यात्रा के लिए ऐसे ताबूत बनाए जाते हैं जिसे देखकर आप हैरान रह जाएंगे। यहां मरने के बाद शव यात्रा बोरिंग कोफिन में नहीं बल्कि डिज़ाइनर ताबूतों में निकलती है। और हर ताबूत के डिज़ाइन का मरने वाले से खास रिश्ता होता है। जिसको जो पसंद हो उसे मरने के बाद उसी तरह के कोफिन में कब्रिस्तान ले जाया जाता है। मसलन अगर किसी को कोल्ड ड्रिंक पसंद है तो कोल्ड ड्रिंक की बोतल की शक्ल में बने कोफिन में, किसी को सिगरेट पसंद है तो उसे सिगरेट की शक्ल वाले कोफिन में, इसी तरह जूता, बियर, अनानास, सिलाई मशीन, नारियल औऱ ना जाने क्या क्या?
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दरअसल घाना में मौत का मतलब मातम नहीं और घाना में मय्यत का मतलब सफेद कफन नहीं होता है। घाना में ज़िंदगी खत्म होने पर आंसू नहीं बहाते, घाना में अपनों के बिछड़ने पर अफसोस नहीं करते, बल्कि खुशी मनाई जाती है। मौत का जश्न मनाते है, ढ़ोल नगाड़े बजाए जाते हैं डांस किया जाता है।
जी हां अपनों के जाने का गम सबको होता है, लेकिन यहां लोग उसे मातम के तौर पर नहीं। कुदरत के नियम के तौर पर लेते है, यहां लोगों का मानना है कि इंसान जब मरता है तो वो दूसरी दुनिया में चला जाता है। इसलिए मय्यत यहां बैंडबाजे और डांस के साथ निकाली जाती है। साथ ही इनका मानना है कि जब कोई मरता है और दूसरी दुनिया में जाता है तो उसे स्टाइल में जाना चाहिए, बोरिंग कोफिन में नहीं, बल्कि रंगीन ताबूत में रूखसती देनी चाहिए।
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