Murder Mystery Real Crime Story : डबल मर्डर की ऐसी रियल कहानी. जिसमें दो हत्याएं होतीं हैं. पर शुरू में एक भी लाश नहीं मिलती है. दोनों दफना भी दिए जाते हैं. लेकिन फिर भी दोनों के जिंदा रहने के सबूत मिलते हैं. दोनों की लोकेशन भी बदलती रहती है. एक शहर से दूसरे शहर की.
दृश्यम की एक-एक लाइन कॉपी कर ऐसे दिया गया इस डबल मर्डर की मिस्ट्री को अंजाम
दो हत्याएं, शवों को आंगन में दफनाकर बनाई दीवार, फोन को चलती ट्रेन में फेंका, पर इस गलती से खुल गया दृश्यम फिल्म जैसी मर्डर मिस्ट्री का राज This murder mystery was executed on film Drishyam
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15 Mar 2022 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:15 PM)
ना सिर्फ लोकेशन बल्कि एक बार तो फोन पर वे अपनी खोज-खबर भी देते हैं. ये सबकुछ एक फिल्म की कहानी की तरह होता है. लेकिन हकीकत में जब इस डबल मर्डर मिस्ट्री से पर्दा उठा तो इस स्क्रिप्ट की एक-एक लाइन फिल्मी ही निकलती है.
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जिसे देखकर पुलिस भी दंग रह जाती है. ये सोचने पर मजबूर हो जाती है कि क्या वाकई फिल्में हमें कुछ नसीहत देती हैं या फिर कई बार जुर्म की दुनिया में उतरने का रास्ता दिखाती हैं. क्राइम की कहानी में आज ये दिलचस्प रियल मर्डर मिस्ट्री की कहानी...
य़े रियल कहानी है यूपी के बिजनौर की
Bijnor Double Murder Mystery story in Hindi : उत्तर प्रदेश का बिजनौर शहर. तारीख : 28 फरवरी 2022. लोकेशन : बिजनौर के नजीबाबाद रोड स्थित शिवलोक कॉलोनी. यहां 55 साल के कारोबारी राजेश अग्रवाल अपनी पत्नी बबली उर्फ बबीता के साथ पिछले 22 साल से रहते थे.
राजेश अग्रवाल समाजवादी पार्टी से जुड़े थे. वे समाजवादी व्यापार प्रकोष्ठ के प्रदेश सचिव पद पर भी थे. वहीं, इनकी पत्नी पत्नी बबीता उर्फ बबली ब्यूटी पार्लर चलातीं थीं. दोनों की अपनी कोई औलाद नहीं थी. राजेश अग्रवाल की ये दूसरी शादी थी. परिवार में सबकुछ ठीक चल रहा था..
उसी दौरान अचानक 28 फरवरी 2022 को दोनों पति-पत्नी अचानक लापता हो गए. चूंकि परिवार में और कोई नहीं था तो इस बारे में तुरंत जानकारी भी नहीं मिली. इसी बीच, जब कई दिनों तक बबीता के भाई मनोज राणा की फोन पर बात नहीं हो पाई तब उन्हें कुछ शक हुआ. बबीता के भाई गाजियाबाद में रहते हैं. वो बिजनौर पहुंचे और 7 मार्च को थाने में राजेश अग्रवाल और उनकी पत्नी बबीता के लापता होने की शिकायत दी.
पुलिस ने भी मनोज राणा से लापता होने वाले के बारे में कुछ सवाल-जवाब किए. ये पूछा कि किसी पर कोई शक तो नहीं. अगर कोई विवाद हो तो बताए. इस पर मनोज ने बताया कि उनकी बहन अक्सर एक रोमा नाम की महिला की चर्चा करती थी.
जिसका उनके घर भी आना जाना लगा रहता था. ये जानकारी मिलते ही रोमा से संपर्क किया गया. तब उसने बताया कि हां कई दिनों से दोनों से कोई बात नहीं हो पाई है. इसके बाद रोमा खुद अपने बेटे के साथ वहां आ पहुंची.
अब मनोज राणा और रोमा सभी मिलकर लापता दंपति की तलाश करने लगे. इस बीच, राजेश अग्रवाल के परिवार में संपर्क किया गया तो पता चला कि कुछ दिन पहले एक फोन आया था. तब ये कहा था कि वे लोग हलद्वानी में घूमने गए हैं. ये भी बताया था कि फोन खराब था. इसलिए दूसरे के नंबर से फोन किया था.
...जब क़ातिल ख़ुद सुराग की तलाश में जुटा रहा
ये जानकारी मिलने के बाद मनोज राणा और रोमा समेत अन्य कुछ लोग तलाश में हलद्वानी भी पहुंचे. इस बीच पुलिस ने लापता दोनों शख्स के मोबाइल फोन की लोकेशन निकाली तो पता चला कि वे कभी नैनीताल, हलद्वानी, हरिद्वार में भी गए थे.
इसके अलावा लोकेशन लगातार बदलती भी रही. लेकिन कोई सुराग नहीं मिला. अब लापता बबीता के भाई मनोज ने जिस रोमा पर शक जताया था वो भी साथ में घूम-घूमकर तलाश में जुटी हुई थी. ऐसे में पुलिस दूसरे एंगल पर भी जांच में जुटी. लेकिन कोई सुराग नहीं मिला.
पुलिस ने अब इस केस में सीधी जांच के बजाय थोड़ा उल्टे तरीके से कार्रवाई शुरू की. अब हलद्वानी से जिस नंबर से फोन किया गया था अब पुलिस उसके नंबर की तलाश में जुट गई. जांच में पता चला कि वो फोन किसी महिला का है.
पुलिस उस महिला तक पहुंची तो उसने बताया कि 2 मार्च के आसपास एक शख्स ने मदद मांगकर उनके फोन से किसी को कॉल किया था. अब पुलिस फिर से चक्कर में पड़ गई आखिर ये क्या हो रहा है.
इसके बाद पुलिस ने दोनों लापता पति-पत्नी की फोटो दिखाई तो उस महिला ने उन्हें पहचानने से इनकार कर दिया. उसने बताया कि फोन करने वाले ये दोनों नहीं थे. वो कोई जवान लड़का था. अब पुलिस की जांच में नया मोड़ आया. क्योंकि ऐसा कौन शख्स है जो राजेश अग्रवाल के नाम से फोन किया था.
सीसीटीवी से मिला था पुलिस को अहम सुराग
इसी बीच, पुलिस को जानकारी मिली कि हरिद्वार के एक बस स्टैंड के पास राजेश अग्रवाल की स्कूटी लावारिस मिली है. अब पुलिस ने उसे कब्जे में लेकर जांच शुरू की. इस जांच में पता चला कि उसे वहां पर कुछ दिन पहले ही खड़ी की गई थी. लेकिन स्कूटी लाने वाला कौन था.
पुलिस ने इसका पता लगाने के लिए वहां के सीसीटीवी फुटेज की जांच की. जब जांच की तो उसमें एक नौजवान लड़का दिखा. अब जब उस नौजवना लड़के के बारे में पता लगाया गया तब पुलिस के भी होश उड़ गए. क्योंकि वो लड़का कोई और नहीं बल्कि लापता राजेश अग्रवाल और उनकी पत्नी बबीता की तलाश में जुटी रोमा का बेटा तुषार था.
अब पुलिस ने जब तुषार से पूछताछ की तब वो काफी इधर-उधर घूमाता रहा. फिर उसने पूरी कहानी उजागर कर दी. उसने बताया कि प्रॉपर्टी के लालच में उसने अपनी मां और मां के एक दोस्त मुकेश के साथ मिलकर साजिश रची थी. फिर पुलिस ने तीनों को हिरासत में लेकर पूछताछ की तब कई चौंकाने वाली बातें सामने आईं.
रोमा खुद को राजेश की पत्नी बता आधार कार्ड में नाम दर्ज कराया था
crime suspense thriller Story in Hindi : इस मामले की जांच कर रहे बिजनौर के कोतवाली सिटी प्रभारी राधे श्याम ने बताया कि राजेश अग्रवाल के पिछले काफी समय से रोमा से अच्छी दोस्ती थी. दोनों में अच्छे संबंध थे. रोमा का राजेश के घर आना-जाना था. चूंकि बबिता और राजेश की कोई संतान नहीं थी इसलिए रोमा के बेटे और बेटी भी राजेश और उनकी पत्नी को मम्मी-पापा कहते थे.
जांच अधिकारी राधे श्याम ने बताया कि यहां तक कि रोमा के बेटे तुषार के पास से मिले आधार कार्ड में पिता के नाम की जगह राजेश अग्रवाल का ही नाम है. कई और डॉक्युमेंट्स में भी पिता की जगह राजेश का नाम है.
राजेश कुछ समय पहले तक रोमा से शादी करने वाले भी थे. लेकिन किसी बात को लेकर थोड़ा विवाद हो गया. उसी दौरान राजेश ने रोमा की बुरी-बुरी गालियां दे दीं थीं और शादी करने से भी मना कर दिया. बस इसी के बाद रोमा और उसके बेटे तुषार ने हत्या की साजिश रचनी शुरू कर दी.
रोमा की जिंदगी में आए नए प्रेमी ने रची ख़ौफ़नाक स्क्रिप्ट
इस बीच, रोमा की जिंदगी में एक और नया प्रेमी आ गया था. उसका नाम था मुकेश. जब मुकेश को ये जानकारी हुई कि राजेश के बच्चे नहीं है. ऐसे में अगर दोनों पति-पत्नी की मौत हो जाए तो उनकी प्रॉपर्टी पर इन्हीं का कब्जा हो जाएगा. बस इसी बात को ध्यान में रखते हुए दोनों की हत्या करने और शव को ऐसे छुपाने की साजिश बनाई कि किसी को कभी पता नहीं चल सके.
इसीलिए रोमा, इसका बेटा तुषार और रोमा के प्रेमी मुकेश ने मिलकर कई बार फिल्म दृश्मय देखी. इसके बाद उसी तर्ज पर हत्या को अंजाम देने की तैयारी 28 फरवरी को राजेश अग्रवाल से मिलने के लिए उसके घर पहुंचे.
यहां पर राजेश और रोमा ने पहले चाय पी और फिर वहां मुकेश आ गया. यहां पर मुकेश कुल्हाड़ी लेकर आया था. राजेश जब चाय पी रहे थे तभी मुकेश ने कुल्हाड़ी से राजेश के सिर पर हमला किया और फिर गला दबाकर हत्या कर डाली. इसके बाद शव को वहीं छोड़कर दोनों रोमा के घर आ गए. रोमा का घर बिजनौर के ही हमीदपुर में है.
जो राजेश के घर से कुछ किलोमीटर की दूरी पर है. इस बीच, रोमा का बेटा तुषार उस ब्यूटी पार्लर में पहुंचा जो राजेश की पत्नी का था. वहां से बबिता को बहाना बनाकर सीधे हमीदपुर वाले घर पर ले आया. यहां उसकी भी गला घोंटकर उसी तरीके से हत्या कर दी गई जैसे राजेश की थी.
बबीता की हत्या के बाद देर रात में राजेश के शव को एक गाड़ी से उनके घर से लेकर रोमा के घर ले आए. यहां पर रोमा के घर के आंगन में एक गड्ढ़ा बनाकर उसमें राजेश के शव को दफना दिया गया इसके बाद उस पर दीवार भी बनवा दी गई. वहां घर के पास वाले पशुशाला में गड्ढ़ा खोदकर बबीता के शव को दफना दिया था. इसके बाद हत्या में प्रयुक्त कुल्हाड़ी को मुकेश अपने पास ही रखता था ताकी वो कहीं किसी को मिल ना जाए.
डबल मर्डर के बाद भी ऐसे कर रहे थे गुमराह
murder mystery executed on film Drishyam : दोनों हत्याओं के बाद पुलिस को गुमराह करने के लिए दोनो के मोबाइल फोन को लेकर कभी हरिद्वार तो कभी नैनीताल गए. हलद्वानी से तुषार ने ही एक महिला से फोन मांगकर राजेश के परिवार में फोन कर बाहर आने की जानकारी दी थी ताकी कोई शक ना हो.
इसके बाद बबीता के फोन को मुरादनगर की एक ट्रेन में छोड़ दिया था ताकी पुलिस उसी लोकेशन को तलाशने में परेशान रहे. इस तरह पूछताछ के बाद पुलिस ने जेसीबी की मदद से रोमा के घर की आंगन और पास की पशुशाला को खुदवाया तो दोनों शव बरामद हुए. इसके बाद पुलिस ने तीनों को गिरफ्तार कर लिया. इस केस में रोमा के प्रेमी मुकेश के चचेरे भाई को भी गिरफ्तार किया गया है.
जहां शव दफनाया वहां से अजीब आवाजें आने से डरी बेटी
28 फरवरी की रात में ही दोनों के शव को दफनाने की जानकारी रोमा की 13 साल की बेटी को भी हो गई थी. इससे वो बुरी तरह डर गई थी. कुछ दिन बाद ही वो डरकर कहती थी कि उसे डराने वाली आवाजे आ रही हैं. वो कहने लगी थी कि जैसे कोई उसे आवाज लगा रहा है. इस बारे में जब उसने मां को बताया तो वो उसे बाहर घूमाने भी ले आई और फिर मायके में छोड़ दिया था.
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