uttarakhand tunnel New Update (PTI News) : उत्तराखंड में टनल में फंसें मजदूरों को बचाने की मुहिम में फिर से रोड़ा सामने आया है. दरअसल, ड्रिल करने वाली अमेरिकी ऑगर मशीन के टूटने के कारण सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों को बाहर निकालने के अभियान में आए व्यवधान के बाद अब चार योजनाओं पर विचार किया जा रहा है। चारधाम यात्रा मार्ग पर बन रही सुरंग का एक हिस्सा 12 नवंबर को ढह गया था, जिससे इसमें काम कर रहे 41 श्रमिक फंस गए थे और उन तक पहुंचने की कोशिशों में बार-बार अड़चनें आ रही हैं। अधिकारियों ने रविवार को बताया कि फंसे मजदूरों को सुरंग से बाहर निकालने की पहली योजना में ऑगर मशीन के फंसे हिस्से को काटकर निकाला जाएगा जिसके बाद मजदूर छोटे उपकरणों के जरिए हाथों से खुदाई कर मलबा निकालेंगे।
uttarakhand tunnel News : सुरंग में फंसे श्रमिकों को निकालने में अब नई रुकावट, इन 4 योजनाओं की तैयारी, लग जाएंगे इतने दिन
uttarakhand tunnel News: उत्तरकाशी की सुरंग में 41 मजदूरों को बचाने की जंग जारी है. फिर से मजदूरों और रेस्क्यू टीम को एक बार फिर निराशा का सामना करना पड़ा जब रेस्क्यू में लगीं अमेरिका से आई ऑगर मशीन के ब्लेड खराब होने से वो नाकाम हो गई. अब तक का
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uttarakhand tunnel New Update
26 Nov 2023 (अपडेटेड: Nov 26 2023 8:30 PM)
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अब इस नए प्लानिंग पर करना होगा काम, लग जाएंगे इतने दिन
उन्होंने बताया कि दूसरी योजना में सुरंग के ऊपरी क्षेत्र में 82 मीटर की लंबवत खुदाई की जाएगी और इसके लिए मशीन का प्लेटफॉर्म तैयार कर लिया गया है तथा मशीन के एक हिस्से को वहां पहुंचा भी दिया गया है। उनके मुताबिक, इस योजना पर रविवार को काम शुरू हो सकता है। अधिकारियों ने बताया कि तीसरी योजना के तहत सुरंग के बड़कोट छोर की ओर से खुदाई का काम युद्धस्तर पर चल रहा है और यह करीब 500 मीटर का हिस्सा है और इस अभियान में भी 12 से 13 दिन लगने का अनुमान है। उन्होंने बताया कि चौथी योजना में सुरंग के दोनों किनारों पर समानांतर (क्षैतिज) ड्रिलिंग की जाएगी और इसका सर्वेक्षण हो चुका है तथा रविवार को इस योजना पर भी काम शुरू किया जा सकता है।
अधिकारियों ने बताया कि ड्रिलिंग के दौरान अमेरिकी ऑगर मशीन अवरोधक की जद में आने से टूट गई और उसका 45 मीटर हिस्सा 800 मिमी पाइप के भीतर फंस गया। उन्होंने बताया कि बचाव दलों ने 20 मीटर हिस्सा तो गैस कटर से काटकर बाहर निकाल लिया लेकिन बचे हुए 25 मीटर हिस्से को काटने के लिए हैदराबाद से प्लाज्मा कटर मंगाया गया है। इससे अभियान के पूरा होने में लगने वाला समय बढ़ गया है । सिलक्यारा में अंतरराष्ट्रीय सुरंग विशेषज्ञ अर्नोल्ड डिक्स की देखरेख में चल रहे अभियान में विशेषज्ञ लंबवत (‘वर्टिकल’) ड्रिलिंग को लेकर पूरी तरह आश्वस्त नहीं हैं।
प्रदेश के आपदा प्रबंधन विभाग से जुड़े एक वरिष्ठ विशेषज्ञ ने कहा कि ‘वर्टिकल’ ड्रिलिंग भी एक विकल्प है लेकिन संभव है कि वह अंतिम विकल्प हो। उधर, सिलक्यारा सुरंग के प्रवेश द्वार पर शनिवार से रिस रहे पानी ने सबकी चिंताएं बढ़ा दीं हैं, लेकिन अधिकारी इसे सामान्य घटना मान रहे हैं। अधिकारियों ने बताया कि सुरंग के अंदर काम कर रहे बचाव दल के कर्मियों के लिए 'प्रोटेक्शन अंब्रेला' बनाया जा रहा है। फिलहाल इसके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं मिल पाई है, लेकिन माना जा रहा है कि बचाव टीम की सुरक्षा के लिए इसे बनाया जा रहा है।
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