Lucknow के Gay Murder केस में चौंकाने वाला खुलासा, पुलिस वाले ने Gay App से की दोस्ती, हत्या कर रेलवे ट्रैक पर फेंकी लाश

समलैंगिक कौशिक की लाश 20 जनवरी 2024 को रेलवे ट्रैक पर मिली थी। लखनऊ पुलिस ने 7 महीने बाद गहन जांच पड़ताल के बाद चौंकाने वाला खुलासा किया है।

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31 Aug 2024 (अपडेटेड: Aug 31 2024 7:38 PM)

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न्यूज़ हाइलाइट्स

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युवक का कत्ल कर शव रेलवे ट्रैक पर फेंका

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7 माह बाद चौंकाने वाला खुलासा

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कॉल डिटेल से खुल गया कत्ल का राज़

Lucknow: लखनऊ में समलैंगिक युवक की हत्या में सनसनीखेज खुलासा हुआ है। गे युवक की हत्या करने वाले कोई और नहीं बल्कि उसके साथ समलैंगिक संबंध बनाने वाला ट्रैफिक पुलिस का सिपाही निकला। लखनऊ पुलिस ने पूरे मामले में खुलासा किया है। पुलिस अफसरों के मुताबिक दोनों की मुलाकात गे ऐप ग्राइंडर के जरिए हुई थी। समलैंगिक कौशिक की लाश 20 जनवरी 2024 को रेलवे ट्रैक पर मिली थी। लखनऊ पुलिस ने 7 महीने बाद गहन जांच पड़ताल के बाद चौंकाने वाला खुलासा किया है। 20 जनवरी को कौशिक की लाश मिलने के बाद कौशिक के परिजनों ने कत्ल का शक उसके चार दोस्तों और एक महिला मित्र पर लगाया था। पुलिस ने शक की बिनह पर इन लोगों से पूछताछ की लेकिन कोई सुराग हाथ नही लगा। इस बीच कौशिक की पोस्टमॉर्टम की विसरा की जांच में पता चला कि मृतक कौशिक की मौत जहरीला पदार्थ खाने से हुई थी।

Gay App से दोस्ती, फिर समलैंगिक संबंध

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वहीं मृतक के मोबाइल की लोकेशन, सीसीटीवी फुटेज और कॉल डिटेल भी खंगाली गई जिसमें पुलिस को एक नंबर संदिग्ध मिला। इसी नंबर से मृतक युवक की व्हाट्सएप पर चैट हुई थी। जांच पड़ताल में पता चला कि यह नंबर ट्रैफिक पुलिस लाइन में तैनात हेड कांस्टेबल रविंद्र पाल सिंह का है। जिसके बाद उसे पूछताछ के लिए कई बार कैंट थाने बुलाया गया लेकिन वह नहीं आया। संदिग्ध सिपाही के पूछताछ में शामिल ना होने पर पुलिस ने नोटिस जारी किया तो फिर उसे थाने आना पड़ा। पूछताछ में रविंद्र पाल ने किसी भी सवाल का ठीक से जवाब नहीं दे पाया और गोलमोल बातें करने लगा। वो लगातार पुलिस को गुमराह करने की कोशिश कर रहा था। जब मोबाइल चेक किया गया तो युवक से हुई उसकी चैट डिलीट थी। फिर पुलिस का शक और गहराता चला गया। कड़ाई से पूछताछ करने पर ट्रैफिक पुलिस के कांस्टेबल ने शराब में जहर देकर हत्या करने की बात कबूल की। 

पैसों को लेकर हुआ विवाद 

तब जाकर इस 7 महीने पुराने कत्ल के केस से धुंध छंटना शुरु हो गई। दरअसल ट्रैफिक पुलिस लाइन में तैनात हेड कांस्टेबल रविंद्र पाल और मृतक की मुलाकात गे ग्राइंडर एप के माध्यम से हुई थी। दोनों इसी एप के जरिए संपर्क में आए थे फिर दोनों एक रूम में आपस में मिले थे। इसी दौरान दोनों के बीच पैसे को लेकर कुछ विवाद हो गया और फिर ट्रैफिक सिपाही रविंद्र पाल ने मृतक को भरोसे में लेकर शराब में जहर देकर उसकी हत्या कर दी। कत्ल के बाद सिपाही ने घने कोहरे और अंधेरे की आड़ में रात की तारीकी में कौशिक के शव को रेलवे पटरी के किनारे फेंक दिया। सिपाही की साजिश कि ये कत्ल सुसाइड लगे। डीसीपी शशांक सिंह ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत के कारण की पुष्टि नहीं हो पाई थी जिसके बाद विसरा की जांच में पता चला कि मृतक युवक की मौत जहरीला पदार्थ खाने से हुई थी। तब पुलिस ने गहराई से जांच की। पुलिस ने कॉन्स्टेबल रविंद्र पाल को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।

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