इसी साल 23 फरवरी को अमृतपाल सिंह ने अपने समर्थकों के साथ मिलकर अमृतसर की अजनाला पुलिस थाने पर धावा बोलकर अपने साथी को छुड़वा लिया था। और इस वारदात के बाद से ही पंजाब में माहौल खराब होने लगा था। इस वारदात की वजह से पंजाब पुलिस की बड़ी फजीहत हुई थी जिसकी वजह से घटना के तीन हफ्तों के बाद पुलिस ने अमृतपाल सिंह को पकड़ने की कोशिश शुरू की थी...और तभी से अमृतपाल सिंह पुलिस को चकमा देता आ रहा है। अमृतपाल सिंह अपने साथी पप्पल प्रीत सिंह के साथ मिलकर पुलिस को छका रहा था। इसी बीच पुलिस ने कई सीसीटीवी में अमृतपाल के साथसाथ पप्पलप्रीत को भी देखा था। लेकिन बाद में अमृतसर पुलिस ने पप्पलप्रीत सिंह को गिरफ्तार करने में कामयाबी हासिल कर ली। हालांकि पुलिस के कब्जे में आने के बाद उसने पंजाब पुलिस को बताया था कि उसे अमृतपाल के बारे में कोई इत्तेला नहीं है।
ग्रंथी ने दी थी पुलिस को खबर, अमृतपाल सिंह की गिरफ्तारी की ये है पूरी क्रोनोलॉजी
Sikh preacher Amritpal Singh was forced to surrender? इसी बीच पंजाब पुलिस ने अमृतपाल सिंह की गिरफ्तारी को लेकर उठने वाले कई कयासों को ये कहकर खामोश कर दिया कि उसका कनेक्शन सीधा पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के साथ था। लेकिन अमृतपाल सिंह की गिरफ्
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अमृतपाल सिंह की गिरफ्तारी और पूरी क्रोनोलॉजी
23 Apr 2023 (अपडेटेड: Apr 23 2023 11:37 AM)
अभी दो दिन पहले 20 अप्रैल को ही पंजाब पुलिस ने अमृतपाल सिंह की पत्नी किरणदीप कौर को लंदन जाने की कोशिश में अमृतसर से गिरफ्तार कर लिया था।
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केंद्रीय जांच एजेंसियों ने संभावना जाहिर की थी कि पंजाब में अमृतपाल सिंह के समर्थक किसी भी हद तक जा सकते हैं और संभावित जेल ब्रेक की घटना को लेकर भी अलर्ट जारी किया गया था।
वैसे बताया जा रहा है कि अमृतपाल सिंह को पकड़ने के लिए पंजाब पुलिस 18 मार्च से ही हाथ पैर मार रही है। अमृतपाल सिंह को पकड़ने के लिए पंजाब पुलिस ने सात सात जिलों में छापामारी की। लेकिन अमृतपाल पुलिस का घेरा तोड़कर और पुलिस की आंखों में धूल झोंककर वहां से निकल गया। तब पंजाब पुलिस ने उसे भगोड़ा घोषित कर दिया था।
लेकिन 23 अप्रैल को रोडेवाल में एक ग्रंथी और अकाल तख्त के पूर्व जत्थेदार जसबीर सिंह रोडे ने पुलिस के इस दावे से सरासर इनकार करते हुए कहा कि पुलिस ने अमृतपाल सिंह को पकड़ने में कोई पसीना नहीं बहाया बल्कि खुद उसने बिना किसी दबाव के आसानी से खुद को कानून के हवाले किया। पूर्व जत्थेदार ने इस बात से भी इनकार किया कि पुलिस ने अमृतपाल सिंह को गुरुद्वारे में प्रवचन नहीं करने दिया। बल्कि जत्थेदार के मुताबिक अमृतपाल सिंह ने खुद को कानून के हवाले करने से पहले बाकायदा गुरुद्वारे से सभी को अपनी भावनाओं से अवगत करवाया था।
अमृतपाल सिंह की गिरफ्तारी और घटनाओं की क्रोनोलॉजी
वैसे अमृतपाल सिंह से जुड़े अगर घटनाओं को एक क्रोनोलॉजी में देखें तो एक पैटर्न समझ में आ सकता है…
1)- अमृतपाल सिंह पूरे 36 दिन के बाद पुलिस के शिकंजे में आया है
2)- अमृतपाल सिंह को पंजाब पुलिस ने भिंडरवाले के गांव से गिरफ्तार किया
3)- अमृतपाल सिंह को 18 मार्च के बाद से पकड़ने के कोशिश की गई
4)- उसकी 12 राज्यों के साथ साथ नेपाल तक में पुलिस ने तलाश की थी
5)- 23 फरवरी को अमृतपाल सिंह और उसके समर्थकों ने अमृतसर के अजनाला थाने पर हमला किया था
6)- 18 मार्च तक अमृतपाल सिंह पूरी तरह से आजाद रहा, लेकिन 18 मार्च को पुलिस ने उसके खिलाफ मुहिम छेड़ी
7)- 30 मार्च को अमृतपाल सिंह को भगोड़ा घोषित किया गया
8)- इस दौरान अमृतपाल सिंह को उसके साथी पप्पलप्रीत सिंह के साथ मोटरसाइकिल पर देखा गया।
9)- 10 अप्रैल को अमृतपाल सिंह का सबसे खास पप्पलप्रीत अमृतसर के पास से गिरफ्तार किया गया
10- 20 अप्रैल को अमृतपाल सिंह की पत्नी किरणदीप सिंह को अमृतसर एयरपोर्ट पर लंदन जाने से पहले गिरफ्तार किया गया
और अब अमृतपाल सिंह को भिंडरवाले के गांव रोडेवाल के गुरुद्रारे से गिरफ्तार किया गया।
बताया तो यहां तक जा रहा है कि जिस दौरान अमृतपाल सिंह लगातार भाग रहा था तभी पंजाब पुलिस ने उसे भगोड़ा घोषित किया था और उसके खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत मामला दर्ज कर लिया गया था। इसी के बाद पुलिस ने बाकायदा एक मुहिम चलाकर महज 48 घंटों के भीतर 78 लोगों को गिरफ्तार किया था। और अमृतपाल सिंह से नाता रखने वाले करीब 400 लोगों पर पुलिस ने दबिश लगा रखी थी।
मगर तफ्तीश के दौरान ये भी खुलासा हुआ था कि अमृतपाल सिंह के पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI से भी कनेक्शन मिले। ये बात भी निकलकर सामने आई कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी के अलावा पाकिस्तान की पनाह में पल रहे कई आतंकी संगठनों के आकाओं के साथ भी अमृतपाल सिंह के संपर्क हैं।
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