Rajkot: क्या TRP Gaming Zone में हुई 28 मौतों का राज़ इसी तस्वीर में छिपा है?

Rajkot Fire Viral Pic: राजकोट के TRP गेमिंग जोन में नियमों की अनदेखी के चलते आग से 28 लोगों की मौत के बाद ये तस्वीर वायरल हो रही है। इस तस्वीर में जिले के कलेक्टर, कमिश्नर और डीसीपी समेत कई आला अधिकारी TRP Gaming Zone में मेहमान बने नजर आ रहे हैं। तो क्या अपने इसी रसूख और दबदबे के चलते गेमिंग जोन के मालिकों को नियमों की खुलेआम अनदेखी का लाइसेंस मिल गया?

CrimeTak

27 May 2024 (अपडेटेड: May 27 2024 4:51 PM)

follow google news

Rajkot Fire Viral Pic: राजकोट के TRP Gaming Zone में आग लगने से 28 लोगों की मौत हो गई। अब एक तस्वीर वायरल हो रही है। TRP गेमिंग जोन के शुरू होने के कुछ दिनों के बाद यहां बड़े-बड़े अधिकारी पहुंचे थे। 22 मार्च 2022 के दिन तत्कालीन राजकोट कलेक्टर महेश बाबू, तत्कालीन डीसीपी जोन-1 प्रवीण मीना, तत्कालीन एसपी बलराम मीना और तत्कालीन राजकोट नगर निगम के कमिश्नर अमित अरोरा की मौजूदगी का फोटो अब वायरल हो रहा है। चारों अधिकारी राजकोट के TRP Gaming Zone में मौजूद थे। ये फ़ोटो TRP गेमिंग जोन की तरफ से इंस्टाग्राम पर भी शेयर की गई थी। अब कई सवाल खड़े हो रहे हैं। 

अधिकारी पहुंचे पर कानून का पालन नहीं किया गया!

जाहिर है कि अगर उसी वक्त गेमिंग जोन को जरूरी परमिशन लेने के आदेश अधिकारियों ने दिये होते तो शायद इतनी बड़ी दुर्घटना से सबको बचाया जा सकता था। गेमिंग जोन साल 2021 में शुरू किया गया था। अब जब उसमें आग लगने से 28 लोगों की मौत हो चुकी है तो ऐसे में गेमिंग जोन के लिये फायर NOC नहीं लिये जाने की हकीकत सामने आयी है। विवाद इस बात पर शुरू हुआ है कि पुलिस ने गेमिंग जोन के लिये साल 2023 में लाइसेंस दिया और समय रहते रिन्यू भी कर दिया। प्रशासन ने गेमिंग जोन को परमिशन देने से पहले फायर डिपार्टमेंट से NOC क्यों नहीं ली? राजकोट पुलिस कमिश्नर राजू भार्गव ने कहा है कि पुलिस ने परमिशन R&B विभाग की अनुशंसा के आधार पर दिया था। उस वक्त परमिशन के लिए जमा किये गये डॉक्यूमेंट में फायर सेफ्टी का बिल गेमिंग जोन द्वारा जमा किया गया था। गेमिंग जोन को फायर सेफ्टी के लिए जरूरी उपकरण लगवाने थे। न तो जरूरी उपकरण लगाए गए और न ही फायर NOC लिया गया। 

क्या बोली पुलिस?

उधर, राजकोट नगर निगम की ओर से कहा गया कि इस गेम जोन के संचालकों ने 9 मई को परमिशन मांगी थी, जिस पर काम चल रहा था। उनके वकील ने कहा कि गेमिंग जोन सिर्फ गो-कार्टिंग एक्टिविटी से शुरू हुआ था। वो खुले मैदान में था, जहां बिल्डिंग परमिशन नहीं होती। अभी नगर निगम की टीम बचाव कार्य में लगी थी इसीलिए पूरी जानकारी के लिए थोड़ा समय लगेगा। राज्य सरकार की ओर से एडिशनल एडवोकेट जनरल ने बचाव करते हुए कहा कि जैसे ही घटना हुई सरकार ने सभी एहतियाती कदम उठाए। मामले की जांच के लिए तुरंत एसआईटी बनाई गई। 6 अधिकारियों को सस्पेंड किया गया है। जो प्राइमरी रिपोर्ट आई है, उसमें वेल्डिंग की वजह से आग लगने की बात सामने आ रही है। अभी भी SIT और FSL  रिपोर्ट आने का इंतजार है, इसके बाद ही स्थिति साफ होगी। उधर राजकोट अग्निकांड के बाद हाईकोर्ट भी नियमों की अनदेखी पर सख्त दिख रहा है। गुजरात हाईकोर्ट ने सरकार से पूछा है कि TRP Gaming Zone दुर्घटना के लिये राजकोट म्युनिसिपल कमिश्नर को जिम्मेदार क्यों न माना जाए?
 

    यह भी पढ़ें...
    follow google newsfollow whatsapp