उत्तर प्रदेश का गोरखुपर जिला यहां पर कुछ बदमाशों ने 21 अगस्त की रात काजल नाम की एक लड़की का मर्डर गोली मारकर कर दी थी। क्योंकि काजल ने अपने पिता को पिटते हुए गुंडों की वीडियो बना ली थी।
पिता को पीटते हुए गुंडों का वीडियो बना काजल की मौत वजह
Uttar Pradesh के गोरखुपर में काजल नाम की लड़की को अपने पिता को पिटते हुए गुंडों की वीडियो बनाने पर गोली मारी, hospital मे हुई मौत, Read more breaking crime news and crime stories in Hindi on CrimeTak
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30 Aug 2021 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:04 PM)
खतरनाक गुंडों को काजल की ये हरकत बिल्कुल भी पसंद नहीं आई और उन लोगों ने गोली मारकर काजल की जान ले ली। घटना के पांच दिन बाद काजल की लखनऊ के केजीएमसी में मौत हो गई थी। वारदात के 8 दिन से भी ज्यादा दिन बीत चुके हैं पर पुलिस के हाथ अभी भी खाली हैं।
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दरअसल ये पूरा मामला गोरखपुर के गगहा इलाके के जगदीशपुर भलुवान गांव का है। काजल के पिता राजीव नयन सिंह का अपने ही गांव के शातिर अपराधी विजय प्रजापति के साथ पैसे के लेन-देन को लेकर लम्बे समय से विवाद चल रहा था।
21 अगस्त की रात करीब साढ़े ग्यारह बजे विजय प्रजापति, राजीव नयन सिंह के घर आ धमका और उनके साथ मारपीट करने लगा। पापा को इस तरह पिटता देख सोलह साल की बेटी काजल सिंह घर से बाहर निकल आई और मोबाइल से वीडियो बनाने लगी।
इससे विजय और बौंखला गया और उसने काजल के पेट में मार दी थी और उसका मोबाइल छीनकर अपने साथियों के संग फरार हो गया। आनन फानन में काजल को गोरखपुर के मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया लेकिन उसकी हालत बहुत ही खराब थी जिसके बाद डॉक्टरों ने उसे केजीएमसी लखनऊ रेफर कर दिया। वारदात के छह दिन बाद भी काजल के पेट से गोली नहीं निकाली जा सकी थी। बुधवार 25 अगस्त की सुबह उसकी मौत हो गई।
अब लोगों ने सोशल मीडिया पर काजल के हत्यारों की गिरफ्तारी की मांग कर रहे है। ट्विटर पर "जस्टिस फॉर काजल'' हैशटैग चलाया जा रहा है। कई यूजर्स हत्यारों को कड़ी सजा दिलाने की मांग कर रहे हैं। राठौर साहब नाम का ट्वीटर यूजर लिखते हैं, "कहाँ मर गए वो नेता जो कहते थे कि यूपी में ठाकुरों की सरकार है...?? हमें अपनी बहन काजल सिंह के लिए न्याय चाहिए..।"
अजीत सिंह नाम के यूजर लिखते हैं, "इतनी गंभीर घटना पर भी उत्तर प्रदेश के तमाम बड़े नेताओं ने चुप्पी साध रखी है, अगर यहां किसी और समाज की बेटी होती तो अब तक दोगला मीडिया से सब आकर रोने लगते।"
एक और यूजर जालम सिंह चांपावत लिखते हैं, "बेटी बचाओ सिर्फ नारा रह गया है केवल राजनीति करने के लिए
रिशु सिंह नाम का ट्विटर हैंडल लिखता है, "भारत में आम व्यक्ति का जीवन इतना बेकार लगता है कि लोगों में कानून को अपने हाथ में लेने, दूसरों को पीटने और परिणाम के डर के बिना एक छोटे बच्चे को मारने का दुस्साहस है। यह कैसी व्यवस्था है?"
सौरभ प्रताप सिंह लिखते हैं, "हमारी बेटी, बहन और मां को कब लगेगा कि वे सुरक्षित हैं। यह कोई राजनीतिक मुद्दा नहीं है, मुझे कहना होगा कि पार्टी लाइन के सभी राजनीतिक दल आगे आएं और समर्थन करें, ताकि हमें जल्द से जल्द न्याय मिल सके।"
अंश बेस नाम के यूजर लिखते हैं, "पीड़ित को न्याय दिलाने में भी सरकार और प्रशासन पीड़ित की जाति को क्यों देखते हैं
अब देखना ये है कि पुलिस कबतक काजल को न्याय दिलवा पाती है। आरोपी के गिरफ्तार न होने पर लोगों ने हाईवे जाम करने की तैयारी की थी। इसके चलते पुलिस और पीएसी भी तैनात रही।
इस दौरान एसपी साउथ भी काजल के घर पहुंचे और कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया। उन्होंने लोगाें को समझा बुझाकर शांत कराया। इसके बाद नाराज लोगों ने शांति मार्च निकालकर विरोध दर्ज कराया।
विक्रांत सिंह ने कहा कि एक बेटी की बेरहमी से हत्या कर दी गई, लेकिन घटना के आठ दिन बाद भी पुलिस आरोपितों को नहीं पकड़ सकी है। इससे पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठ रहा है। पुलिस अगर कड़ी कार्रवाई जल्द नहीं की तो उग्र आंदोलन किया जाएगा।
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