30 साल बाद पकड़ा गया कातिल, लोनावला मे किया था बुजुर्ग दंपत्ति का कत्ल

Mumbai Crime News: तीनों आरोपी सोना चुराने के इरादे से उनके लोनावला बंगले में दाखिल हुए और लूट के दौरान रस्सी से दंपति का गला घोंट दिया।

जांच में जुटी पुलिस

जांच में जुटी पुलिस

16 Jun 2023 (अपडेटेड: Jun 16 2023 6:43 PM)

follow google news

Mumbai Crime News: मुंबई क्राइम ब्रांच यूनिट 9 ने शुक्रवार को एक आरोपी को गिरफ्तार किया जो पिछले 30 साल से एक हत्या के मामले में वांटेड था। जानकारी के मुताबिक अविनाश भीमराव पवार 19 साल का था जब उसने लूट के इरादे से दो अन्य आरोपियों के साथ बुजुर्ग दंपत्ति की हत्या कर दी थी। अब वह अब 49 साल का हैं और अपने परिवार के साथ मुंबई में रह रहा था। 

लूट के दौरान रस्सी से दंपति का गला घोंट दिया

पुलिस ने जांच के दौरान इस केस के अन्य आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था। दरअसल दंपति धनराज ठकरासी कुर्वा की आयु 55 वर्ष थी और उनकी पत्नी धनलक्ष्मी जिनकी आयु 50 वर्ष थी। ये दंपत्ति लोनावाला में वलवन सत्यम सोसाइटी के निवासी थे। तीनों आरोपी सोना चुराने के इरादे से उनके लोनावला बंगले में दाखिल हुए और लूट के दौरान रस्सी से दंपति का गला घोंट दिया और चाकुओं से वार कर मौत के घाट उतार दिया था।

चाकुओं से वार कर मौत के घाट उतार दिया

जांच के दौरान लोनावला पुलिस ने अमोल जॉन काले विजय अरुण देसाई को गिरफ्तार किया था। तीसरा आरोपी भीमराव पवार है उसे फरार घोषित कर दिया गया था और अब तक उसका पता नहीं चला था। वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक दयानंद नाइक को अपने सूत्रों के माध्यम से एक 49 साल के इस आरोपी के बारे में जानकारी मिली जो अब सामान्य जीवन जी रहा था और उसने अपना नाम बदल लिया था। 

कातिल ने नाम व पहचान बदल ली

छानबीन के बाद पुलिस टीम ने शुक्रवार को इस संदिग्ध को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ के दौरान संदिग्ध ने अपराध में शामिल होने की बात कबूल की और अब उसने अपना नाम बदलकर अमित भीमराज पवार रख लिया था। आरोपी ने अपनी जन्मतिथि भी बदली थी और बार-बार अपना निवास स्थान बदलता था और वर्तमान में मुंबई में रह रहा था। आगे की जांच और चार्जशीट के लिए आरोपी को लोनावाला शहर पुलिस को सौंप दिया जाएगा। 

नाम बदलकर आधार कार्ड बनवाया 

पुलिस के मुताबिक आरोपी पवार दोहरे हत्याकांड का मुख्य आरोपी है। पवार ने मृतक दंपति का विश्वास जीत लिया क्योंकि वह उनके बंगले के पास एक दुकान चलाता था। दंपति ने उसे अपने घर के अंदर आने जाने की इजाजत दे रखी थी। बुजुर्ग दंपत्ति की हत्या के बाद वह शिर्डी भाग गया और फिर दो दिनों के लिए वापस लोनावाला चला गया था। वहाँ से वह दिल्ली चला गया और फिर कभी लोनावाला वापस नहीं गया। उसने नाम बदलकर आधार कार्ड बनवाया और उसके बाद ठिकाना बदलता रहा और ड्राइवर का काम करता रहा। 

    यह भी पढ़ें...
    follow google newsfollow whatsapp