मोहल्ला क्लीनिक में ‘फर्जी’ प्रयोगशाला परीक्षण की सीबीआई जांच की सिफारिश

दिल्ली के उपराज्यपाल वी के सक्सेना ने मोहल्ला क्लीनिक प्रयोगशाला में कथित फर्जी परीक्षणों की केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से जांच की सिफारिश की है।

Mohalla Clinic CBI Investigation

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04 Jan 2024 (अपडेटेड: Jan 4 2024 6:25 PM)

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Mohalla Clinic CBI Investigation: दिल्ली के उपराज्यपाल वी के सक्सेना ने मोहल्ला क्लीनिक प्रयोगशाला में कथित फर्जी परीक्षणों की केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से जांच की सिफारिश की है।

इस घटनाक्रम से कुछ दिन पहले सक्सेना ने दिल्ली सरकार के अस्पतालों में उन दवाइयों की कथित आपूर्ति की सीबाआई जांच की सिफारिश की थी, जो मानकों पर खरा उतरने में नाकाम रही थीं।

इस बीच, दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि आम आदमी पार्टी (आप) नीत सरकार ने गलत कार्यों को लेकर मोहल्ला क्लीनिक के कई चिकित्सकों और कर्मचारियों को पिछले साल सेवा सूची से हटा दिया था और स्वास्थ्य सचिव को बर्खास्त करने की मांग की।

पीटीआई के मुताबिक, एक अधिकारी ने कहा, ‘‘यह सैकड़ों करोड़ रुपये के घोटाले का संकेत है। सक्सेना ने दिसंबर 2022 में मोहल्ला क्लीनिक और दिल्ली सरकार के अस्पतालों में आने वाले मरीजों के लिए निजी प्रयोगशाला में जांच सुविधाओं के विस्तार से संबंधित एक फाइल को मंजूरी देते हुए ये निर्देश जारी किए।’’

दिल्ली सरकार के सतर्कता और स्वास्थ्य विभाग ने निजी डायग्नोस्टिक कंपनियों को भेजी जा रही प्रयोगशाला जांच के संबंध में छानबीन की। अधिकारी ने कहा कि पिछले साल अगस्त में यह पाया गया कि दक्षिण-पश्चिम, शाहदरा और उत्तर-पूर्वी जिलों में सात मोहल्ला क्लीनिक के कुछ चिकित्सकों और कर्मचारियों ने पहले से रिकॉर्ड किए गए वीडियो के माध्यम से धोखाधड़ी से अपनी उपस्थिति दर्ज करने के लिए ‘‘अनैतिक आचरण’’ का सहारा लिया।

जांच रिपोर्ट के अनुसार, एक ही मोबाइल नंबर-9999999999 के साथ विभिन्न रोगियों के 3,092 रिकॉर्ड थे, जबकि 999 रोगियों के मामले में, उनके मोबाइल नंबर का 15 या अधिक बार दोहराव किया गया। इसी तरह, 11,657 मरीजों के नाम के आगे मोबाइल नंबर शून्य दर्ज था, जबकि 8,251 मरीजों के मामले में मोबाइल नंबर का कॉलम खाली छोड़ दिया गया था।

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