हाइब्रिड आतंकी बने कश्मीर में सुरक्षा बल के लिए नई चुनौती, 72 घंटे में 10 आतंकवादी किए गए ढेर

Kashmir Terror Encounter: कश्मीर (Kashmir) में 72 घंटों के भीतर 10 आतंकियों को मौत के घाट उतारा जा चुका है, लेकिन सुरक्षा बल के लिए घाटी में नई चुनौती बन गए हैं हाइब्रिड आतंकी (Hybrid Terrorist)।

CrimeTak

28 May 2022 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:19 PM)

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Kashmir Terror Encounter: जम्मू कश्मीर (Jammu Kashmir) में आतंकियों (Terrorist) ने एक बार फिर अपनी मौत को दावत दे दी है। लगातार 48 घंटों के भीतर दो टारगेट किलिंग (Target Killing) के बाद भारतीय जवानों का खून ऐसा खौला कि फिर आतंक के 10 अजगरों के सिर कुचलकर ही सांस ली।

पुलिस के एक बड़े अफसर ने कश्मीर घाटी (Kashmir valley) में एक नई चुनौती का हवाला दिया है। पुलिस अफसर के मुताबिक घाटी में अब हाईब्रिड (Hybrid) आतंकियों की टोलियां एक नहीं तरह की चुनौतियां बनकर सामने आ रही है जिनसे निपटने की तैयारी की जा रही है।

भारत के सुरक्षा बल को अब इस बात का अच्छी तरह से अंदाज़ा हो चुका है कि ये छिटपुट आतंकी सीधे तौर पर मुख्य धारा से जुड़ने को बेताब कश्मीर का रास्ता बदलने और उन्हें धमकाने की गरज से ऐसा कर रहे हैं। शायद इसी लिए अपनी दहशत को लोगों के दिलों तक पहुँचाने की गरज से आतंकियों ने लगातार दो दिन दो टारगेट किलिंग करके एक टीवी एक्ट्रेस (TV Actress )और एक पुलिस के सिपाही को गोली से उड़ाया।

मंशा यही थी कि घाटी में बहते हुए इस खून को देखकर कश्मीर के लोगों खासतौर पर कश्मीर पंडितों के बढ़ते कदम ठिठक जाएंगे। लेकिन भारतीय सुरक्षा बल ने कश्मीर में इक्का दुक्का सिर उठाते आतंक के सिर पर फिर से कुचलने का कदम उठा लिया है तभी तो बीते तीन दिनों के दौरान ढूंढ़ ढूंढ़कर 10 आतंकियों को जहन्नम का रास्ता दिखा दिया।

Terror News Latest: गुरुवार की रात पहला एनकाउंटर हुआ। ये वही तारीख थी जिस रोज कश्मीर के भीतर अपने सपनों के साथ जीने वाली टीवी एक्ट्रेस अमरीन भट्ट को उनके ही घर के पास गोली मार दी गई थी।

इस घटना ने बंदोबस्त के लोगों को बुरी तरह से झकझोर दिया था। लिहाजा उसी रोज ऑपरेशन चालू कर दिया गया और दक्षिण कश्मीर के पुलवामा के अवंतीपोरा में सुरक्षा बल ने उन दो दहशतगर्दों को घेर लिया जिन्होंने अमरीन को मौत के घाट उतार दिया था। सुरक्षा बन ने भी कोई मुरव्वत नहीं की और दोनों आतंकियों को सीधे सरकारी गोली से मौत का स्वाद चखा दिया।

जम्मू कश्मीर पुलिस के IG विजय कुमार ने श्रीनगर के पुलवामा में एनकाउंटर में मार गिराए गए आतंकियों की पहचान बता दी। एक था शाकिर अहमद वाजा जबकि दूसरे का नाम था आफरीन आफताब मलिक। उनके पास से अच्छा खासा गोला बारूद और कई ऐसी चीज़ें भी मिलीं जिन्होंने साफ कर दिया कि ये आतंकी किस दहशतगर्दों के आकाओं के इशारे पर यहां पहुँचे थे।

लेकिन ये सिलसिला यहीं नहीं थमा। बात आगे निकली और भारतीय जवानों का ऑपरेशन थोड़ा और आग बढ़ा। आईजी विजय कुमार ने ही बताया था कि कुपवाड़ा में किस तरह से जुमागंड गांव में एनकाउंटर हुआ। पुलिस को सूचना मिल गई थी कि LoC के पार से कुछ घुसपैठ हुई है। लिहाजा घेराबंदी कर ली गई और फिर तलाशी मिशन शुरू हुआ। इसी बीच एक मकान में छुपकर बैठे आतंकियों ने सुरक्षा बल पर फायरिंग कर दी। बस फिर क्या था। उन्हें वहीं घेर लिया गया और ज़िंदा सिर उठाने की नौबत ही नहीं दी गई। ये तीन आतंकी थे। और तीनों ही पाकिस्तानी थे। तभी तीनों की शिनाख्त नहीं हो सकी।

Kashmir News In Hindi: कश्मीर घाटी में बीते तीन दिनों के दौरान 10 आतंकी ढेर हो चुके हैं। मारे गए आतंकवादियों में से तीन तो जैश ए मोहम्मद के जबकि सात आतंकी लश्कर ए तोएबा के थे जबकि तीन वो आतंकी हैं, जो पाकिस्तान के हैं जिनकी अभी तक पहचान नहीं हो सकी। ऐसे में कहा जा सकता है कि तीन दिन में 13 आतंकियों को भारतीय सुरक्षा बल जहन्नम का रास्ता दिखा चुके हैं। मारे गए आतंकियों के पास से सुरक्षा बल को तीन AK-47 राइफल, एक पिस्तौल, दो मैगज़ीन, छह हैंड ग्रेनेड और आईईडी बनाने का सामान मिला। इसके अलावा तीन मोबाइल फोन भी बरामद किए गए हैं

जम्मू कश्मीर के आईजी विजय कुमार के दिए आंकड़ों पर यकीन किया जाए तो इस साल अभी तक यानी गुरुवार तक हुई तमाम मुठभेड़ में 62 पाकिस्तानी आतंकी मारे जा चुके हैं। और ये सभी के सभी या तो लश्कर ए तोएबा या फिर जैश ए मोहम्मद से जुड़े हुए थे।

पुलिस के आईजी विजय कुमार ने एक ऐसी बात ज़रूर बताई है जो इन दिनों भारतीय सुरक्षा बल के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है। कश्मीर में इन दिनों हाइब्रिड आतंकियों ने ज़रूर सुरक्षा बंदोबस्त को चुनौती दी है। क्योंकि ये ऐसे आतंकी होते हैं जिनका कोई पिछला रिकॉर्ड ही मौजूद नहीं होता है। बल्कि ये आम लोगों की भीड़ का हिस्सा ही बने रहते हैं और वहीं से ये अपने शिकार की पहचान करके उसे मौत के घाट उतारने का काम करते हैं। और फिर वहां से उन्हें फरार होने में भी ज़्यादा दिक़्कत नहीं होती। लिहाजा पुलिस और सुरक्षा बल ने मिलकर अब इन हाइब्रिड आतंकियों की टोलियों का सफाया करने के लिए कुछ नई रणनीतियां तैयार की है।

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