UP Crime: उत्तर प्रदेश के देवरिया से एक सनसनीखेज किस्सा सामने आया है जिसके पर्दाफाश के बाद से समूचा पुलिस महकमा ही सकते में है। दरअसल यहां एक होमगार्ड का सिपाही हिस्ट्रीशीटर निकला जिसके खिलाफ गैंग्स्टर और अपहरण जैसे कई संगीन मामले दर्ज हैं। इस होमगार्ड के सिपाही का नाम है कमलेश यादव। और वो पिछले 19 सालों से वर्दी पहन रहा है। यानी नौकरी कर रहा है। मगर उसकी क्राइम कुंडली की खबर खुद उसके ही महकमें को नहीं लगी।
कमाल की है यूपी पुलिस, 19 साल से वर्दी पहनकर हिस्ट्रीशीटर कर रहा था पुलिस की नौकरी
Homeguard History Sheeter : एक होमगार्ड का सिपाही हिस्ट्रीशीटर निकला जिसके खिलाफ गैंग्स्टर और अपहरण जैसे कई संगीन मामले दर्ज हैं।
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देवरिया के एक थाने में हिस्ट्रीशीटरों की लिस्ट में नाम वाला पुलिस की वर्दी में नज़र आया
13 Dec 2023 (अपडेटेड: Dec 13 2023 9:30 AM)
वर्दी में दागदार
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असल में हैरान करने वाला ये मामला देवरिया से सामने आया। यहां एक होमगार्ड का सिपाही पुलिस की डॉयल 112 चला रहा था। यानी जिस पीसीआर को किसी भी शिकायत मिलने पर सबसे पहले हरकत करनी होती है, उस गाड़ी को चलाने वाला खुद पुराना जुर्म की दुनिया का मंझा हुआ खिलाड़ी ही चला रहा था।
जब खुद पुलिस की खुल गई पोल
ये बात पुलिस की एक जांच में जैसे ही खुली तो समूचे महकमें में हड़कंप मच गया। मरता क्या न करता, महकमें के आला अधिकारियों ने तत्काल प्रभाव से होमगार्ड को डॉयल 112 की गाड़ी से हटाने का निर्देश जारी कर दिया। और इस मामले की तहकीकात करने का जिम्मा एक सीओ को सौंप दिया गया है।
हिस्ट्रीशीटरों को निगरानी
असल में ये मामला खुला ऐसे। देवरिया पुलिस ने एक ऑपरेशन चलाया। जिसमें नए पुराने तमाम हिस्ट्रीशीटरों की निगरानी करने का काम था। उसी दौरान जब तहकीकात हुई तो होमगार्ड का एक सिपाही ही हिस्ट्रीशीटर निकल गया जिसके खिलाफ कई संगीन अपराध दर्ज हैं। खुलासा यही हुआ है कि कमलेश यादव पिछले 19 सालों से पुलिस की वर्दी पहनता चला आ रहा है। लेकिन उसके अतीत के बारे में महकमें को कानों कान खबर तक नहीं हुई।
कई संगीन मुकदमें दर्ज
बताया जा रहा है कि कमलेश देवरिया के बरहज थाना इलाके में आने वाले गांव करजहा का रहने वाला है। उस पर बरहज थाने में ही कई मुकदमें दर्ज हैं। उसके खिलाफ हत्या और हत्या की कोशिश तक के मुकदमें दर्ज हैं। लेकिन साल 2004 में वो होमगार्ड के सिपाही के तौर पर भर्ती हुआ था। जबकि उसके खिलाफ मुकदमें 2005 तक में दर्ज हुए। कमलेश की हिस्ट्रीशीट 2006 में खोली गई थी। मजे की बात ये है कि बरहज थाने की कपरवार पुलिस चौकी में हिस्ट्रीशीट की सूची में उसका नाम बाकायदा दर्ज है।
ऐसे सामने आया बैकग्राउंड
असल में देवरिया पुलिस ने तमाम थानों में एक मुहिम चलाई जिसमें जिले के तमाम हिस्ट्रीशीटरों का फिजिकल वैरिफिकेशन जरूर कर दिया गया। इसी सिलसिले में जब तमाम हिस्ट्रीशीटरों की कुंडली तैयार की जा रही थी तभी कमलेश यादव का पूरा बैकग्राउंड सामने आ गया।
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