सीनियर वकील हरीश साल्वे की शादी में पहुंचा भारत का भगोड़ा ललित मोदी
Harish Salve Lalit Modi: जिसे भारत सरकार नहीं ला सकी, उसे हरीश साल्वे अपनी पार्टी में ले आए! देखें वीडियो
Harish Salve Marriage Lalit Modi Presence: सीनियर एडवोकेट हरीश साल्वे की शादी में ललित मोदी की मौजदूगी ने तमाम सवाल खड़े कर दिए हैं।
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हरीश साल्वे की पार्टी में ललित मोदी
04 Sep 2023 (अपडेटेड: Sep 4 2023 5:45 PM)
Harish Salve Marriage Lalit Modi Presence: सीनियर एडवोकेट हरीश साल्वे की शादी में ललित मोदी की मौजदूगी ने तमाम सवाल खड़े कर दिए हैं। दरअसल, ललित मोदी को भारत सरकार यहां लाकर उसके खिलाफ दर्ज मुकदमों में उसने न सिर्फ पूछताछ करना चाहती है, बल्कि उसके खिलाफ कानूनी प्रक्रिया भी चलाना चाहती है, लेकिन जलवा देखिए ललित मोदी खुल्लेआम घूम रहा है। पार्टियां एटेंड कर रहा है। हाल ही में उसे हरीश साल्वे की शादी के प्रोग्राम में लंदन में देखा गया।
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क्या बड़ी हस्तियों को अपराध से बचाना ही बड़े वकीलों का काम है?
अब ये कहा जा रहा है कि जिसे भारत सरकार यहां ट्रायल चलाने के लिए नहीं ला सकी, उसे हरीश साल्वे ले आया। ललित मोदी जाम छलकाते हुए नजर आ रहा है। इस पार्टी में नीता अंबानी, लक्ष्मी मित्तल समेत बड़ी-बड़ी हस्तियां पहुंची थी। ये बेशक वकील साल्वे की पर्सनल चॉइस है कि वो पार्टी में किसे बुलाये या नहीं? लेकिन क्या उन्हें अपराधी, जिसे भारत सरकार देश नहीं ला पा रही है, को बुलाना चाहिए था? हरीश साल्वे इस वक्त One Nation, One Election कमेटी के सदस्य भी है। हरीश साल्वे भारत के सॉलिसिटर जनरल भी रहे हैं। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत का प्रतिनिधित्व भी किया है। वो बड़ी-बड़ी हस्तियों के वकील रहे हैं।
वकीलों के होते हैं अपराधियों से संबंध
ये भी सच है कि बड़े-बड़े वकीलों से अपराधियों के संबंध होते हैं, लेकिन जब पुलिस ऐसे अपराधियों को तलाश रही हो और वो अपने वकील से संपर्क साध रहे हो तो क्या ऐसे में किसी वकील की ये जिम्मेदारी नहीं बनती कि वो इस बाबत संबंधित एजेंसी को सूचित करे।
यदि पता हो कि वो अपराधी है तो ऐसे शख्स से दूरी बना कर रखे? क्या ललित मोदी के खिलाफ सरकार ने गलत मुकदमा दर्ज किया है? ऐसे में हरीश साल्वे उन्हें पार्टी में बुलाकर क्या साबित करना चाह रहे थे कि वो Well Connected आदमी है?
तो बचाव पक्ष के वकील क्या अपना धंधा न चलाए?
अपराधी अपराधी होता है चाहे वो बड़ा हो या छोटा। बचाव पक्ष को भी आरोपियों का बचाव करने का अधिकार है, लेकिन सही को गलत सिद्ध करने का नहीं। ऐसे में सवाल ये भी खड़ा होता है कि पुलिस का काम अपराधी को तलाशना है, वकील का काम ये बताना नहीं है कि फलां अपराधी, जिसे पुलिस तलाश रही है, ने हमसे संपर्क किया है।
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