Delhi news : राष्ट्रीय राजधानी की एक अदालत ने उत्तर पूर्वी दिल्ली में 2020 में हुए दंगों के दौरान घरों और दुकानों को आग लगाने के इल्ज़ाम से मंगलवार को तीन आरोपियों को बरी कर दिया। हालांकि अदालत ने कहा कि आरोपियों को दंगा करने और गैरकानूनी भीड़ का हिस्सा होने जैसे अपराधों के लिए सुनवाई का सामना करना पड़ेगा। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश पुलस्त्य प्रमाचला नीरज, मनीष और कृष्ण के खिलाफ मामले की सुनवाई कर रहे थे, जिन पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 147 (दंगा) और 436 (घर आदि नष्ट करने के आशय से अग्नि या विस्फोटक पदार्थ द्वारा कुचेष्टा) समेत अन्य धाराओं के तहत आरोप हैं।
दिल्ली दंगा 2020: तीन आरोपियों को आगज़नी के इल्ज़ाम से आरोप मुक्त किया गया
delhi news : राष्ट्रीय राजधानी की एक अदालत ने उत्तर पूर्वी दिल्ली में 2020 में हुए दंगों के दौरान घरों और दुकानों को आग लगाने के इल्ज़ाम से मंगलवार को तीन आरोपियों को बरी कर दिया।
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23 May 2023 (अपडेटेड: May 23 2023 9:52 PM)
न्यायाधीश ने कहा, “ तीनों आरोपियों को आईपीसी की धारा 436 के तहत दंडनीय अपराध से मुक्त किया जाता है।” उन्होंने कहा कि चूंकि अन्य कथित अपराध मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय हैं, इसलिए, मामले को उत्तर पूर्वी दिल्ली के मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट (सीएमएम) को वापस भेज जाता है जो कानून के मुताबिक इन पर आगे की कार्यवाही कर सकते हैं। न्यायाधीश ने कहा कि मामले में शुरुआती आरोप पत्र पुलिस को प्राप्त 13 शिकायतों के आधार पर दायर किया गया, लेकिन बाद में घटनाओं के समय और स्थान में अंतर के कारण 10 शिकायतों को वापस लेने की अनुमति दी गई और अभियोजन के लिए अब केवल तीन शिकायतें हैं। न्यायाधीश ने कहा, “ जांच रिपोर्ट के अनुसार, ये सभी घटनाएं 24 फरवरी, 2020 को हुईं और आगे की जांच के दौरान, जांच अधिकारी (आईओ) इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि किसी भी मकान या दुकान आदि में आग लगाने की कोई घटना नहीं हुई थी। इन घटनाओं में सामान को सड़क पर निकालकर जला दिया गया था।” इस बाबत भजनपुरा थाने में आईपीसी की विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया गया था।
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