छावला गैंग रेप: क्या वाकई दिल्ली पुलिस ने गैंग रेप की जांच ढंग से नहीं की ?

Supreme Court on Chhawla Gang Rape Case : क्या दिल्ली पुलिस ने वाकई छावला इलाके में हुए गैंग रेप मामले की जांच ढंग से नहीं की ? अब इस बात को लेकर तमाम सवाल खडे़ हो गए हैं।

CrimeTak

08 Nov 2022 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:29 PM)

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हिमांशु मिश्रा के साथ चिराग गोठी की रिपोर्ट

Supreme Court on Gang Rape Case : क्या दिल्ली पुलिस ने वाकई छावला इलाके में हुए गैंग रेप मामले की जांच ढंग से नहीं की ? अब इस बात को लेकर तमाम सवाल खडे़ हो गए हैं। 10 साल पहले हुई रेप की इस घिनौनी वारदात ने सिस्टम को हिला कर रख दिया था। सभी कोर्ट्स ने आरोपियों को दोषी करार दिया, लेकिन हैरानी तब हुई जब देश की सर्वोच्च अदालत ने आरोपियों को बरी कर दिया। आईए आपको बताते है कि उस वक्त इस मामले की जांच दिल्ली पुलिस के किन अधिकारियों ने की थी ?

9 फरवरी 2012 को एक पिता ने दिल्ली के छावला थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। छावला थाना पुलिस ने इस मामले में अपहरण की एफ आई आर दर्ज कर जांच शुरू कर दी थी। दो दिनों के बाद इस मामले की जांच स्पेशल स्टाफ को सौंप दी गई थी। 3 दिन बाद पुलिस को लड़की की बॉडी रेवाड़ी की एक खेत में पड़ी मिली थी। बॉडी देखकर पुलिस के भी होश उड़ गए थे। लड़की की दोनों आंखें फूटी हुई थी। तेजाब से जलाई गई थी। शरीर पर जगह-जगह जलने के निशान थे और हत्या से पहले पीड़िता के साथ गैंगरेप किया गया था।

क्या इस मामले में साइटिफिक रूप से गैंग रेप सिद्ध हुआ था ?

इस मामले में निचली अदालत ने 3 आरोपियों को फांसी की सजा सुनाई थी, लेकिन जब यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा तो सुप्रीम कोर्ट ने पुलिस पर जांच के दौरान लापरवाही बरतने का आरोप लगाकर तीनों आरोपियों को बरी कर दिया।

इस केस के आईओ को तलाशने की कोशिश की तो पता लगा कि उस वक्त के इंस्पेक्टर रणवीर ढाका थे। फिलहाल वो उत्तर पश्चिमी जिले में तैनात हैं, लेकिन उन्होंने कहा कि वह छुट्टी पर है और दिल्ली से बाहर है।

कैसे होता है डीएनए सैंपल कलेक्शन और सीमन कलेक्शन ?

वहीं जब हमने कुछ पुलिस अधिकारियों से डीएनए सैंपल कलेक्शन सीमन कलेक्शन और इसके नियम की बात की तो उन्होंने कहा कि जब भी किसी पीड़ित के शरीर से कोई भी सैंपल कलेक्ट होता है तो फॉरेंसिक एक्सपर्ट मौके पर मौजूद होते हैं और मौके से ही उस कलेक्शन को सीधे लैबोरेट्री भेज दिया जाता है। अगर आरोपी बाद में पकड़े जाते हैं और उनका ब्लड सैंपल, सीमन सैंपल लेना होता है तो वह भी हॉस्पिटल में ही जाकर लिया जाता है और वहीं पर सैंपल जमा कर दिया जाता है।

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