Bilkis Bano Case: बिलकिस बानो मामले में तीन दोषियों गोविंदभाई नाई, रमेश रूपाभाई चंदना, मिथेश चिमनलाल भट ने सुप्रीम कोर्ट में एक आवेदन दायर कर जेल अधिकारियों के सामने आत्मसमर्पण करने के लिए चार से छह सप्ताह की मोहलत मांगी है। अपनी याचिका में गोविंदभाई ने कहा कि वह अपने 88 वर्षीय पिता और 75 वर्षीय मां की देखभाल कर रहे हैं। उसने दावा किया कि वह अपने माता-पिता का एकमात्र देखभाल करने वाला है। अन्य दोषी रमेश रूपाभाई चंदना ने यह कहा है कि उन्हें अपने बेटे की शादी करनी है, लिहाजा सरेंडर के और वक्त दिया जाना चाहिए। अन्य दोषी मितेश चिमनलाल भट ने भी यह कहते हुए छह सप्ताह का विस्तार मांगा है कि उनकी शीतकालीन उपज कटाई के लिए तैयार है, लिहाजा उन्हें मोहलत दी जानी चाहिए।
Bilkis Bano Case: बिलकिस बानो केस के तीन दोषियों ने आत्मसमर्पण के लिए और वक्त देने की मांग की
Bilkis Bano Case: बिलकिस बानो केस के तीन दोषियों ने आत्मसमर्पण के लिए और वक्त देने की मांग की है।
ADVERTISEMENT
Bilkis Bano Case
18 Jan 2024 (अपडेटेड: Jan 18 2024 11:30 AM)
सुप्रीम कोर्ट ने सभी 11 दोषियों को दी गई छूट रद्द कर दी थी और उन्हें वापस जेल भेजने का आदेश दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात सरकार के आदेश को निरस्त कर दिया है। जस्टिस नागरत्ना और जस्टिस उज्जल भुइयां की पीठ ने अपने फैसले में कहा कि दोषियों ने हाईकोर्ट के आदेश में की गई टिप्पणियों और दस्तावेजों को सुप्रीम कोर्ट के सामने ना लाकर फ्रॉड किया है। सरकारों ने भी इस बाबत सुप्रीम कोर्ट को नहीं बताया। ये सुप्रीम कोर्ट के साथ फ्रॉड है। गैंगरेप और हत्या के यह दोषी लगभग 15 साल जेल में बिताने के बाद अगस्त 2022 में रिहा हुए थे।
ADVERTISEMENT
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ये मुकदमा महाराष्ट्र में चला, इसलिए, गुजरात सरकार रिहाई पर फैसला नहीं ले सकती थी। अगस्त 2022 में गुजरात सरकार ने बिलकिस बानो गैंगरेप केस में उम्रकैद की सजा पाए सभी 11 दोषियों को रिहा कर दिया था। दोषियों की रिहाई को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी।
इस मामले में जिन दोषियों को रिहाई मिली थी, उनमें जसवंतभाई नाई, गोविंदभाई नाई, शैलेष भट्ट, राधेश्याम शाह, बिपिन चंद्र जोशी, केसरभाई वोहानिया, प्रदीप मोरधिया, बाकाभाई वोहानिया, राजूभाई सोनी, मितेश भट्ट और रमेश चंदाना शामिल हैं।
27 फरवरी 2002 को गुजरात के गोधरा स्टेशन पर साबरमती एक्सप्रेस के कोच को जला दिया गया था। इससे कोच में बैठे 59 कारसेवकों की मौत हो गई थी। इसके बाद दंगे भड़क गए थे। दंगों की आग से बचने के लिए बिलकिस बानो अपनी बच्ची और परिवार के साथ गांव छोड़कर चली गई थीं। बिलकिस बानो और उनका परिवार जहां छिपा था, वहां 3 मार्च 2002 को 20-30 लोगों की भीड़ ने तलवार और लाठियों से हमला कर दिया। भीड़ ने बिलकिस बानो के साथ बलात्कार किया। उस समय बिलकिस 5 महीने की गर्भवती थीं। इतना ही नहीं, उनके परिवार के 7 सदस्यों की हत्या भी कर दी थी। बाकी 6 सदस्य वहां से भाग गए थे।
ADVERTISEMENT