अतीक का ISI से रिश्तों का ये सबूत आया सामने, अशरफ की उस चिट्ठी ने खोला राज

Atiq Ahmad And Ashraf Murder ISI Link : यूं तो अतीक और अशरफ मारे जा चुके हैं लेकिन उनका अतीत सामने आकर अब एक तरह से यूपी पुलिस और उसकी पहरेदारी को चुनौती दे रहा है। खुलासा हुआ है कि अतीक और अशरफ के पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के साथ रिश्ते थे

अतीक और अशरफ के पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI से रिश्तों का सबूत आया सामने

अतीक और अशरफ के पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI से रिश्तों का सबूत आया सामने

25 Apr 2023 (अपडेटेड: Apr 25 2023 4:10 PM)

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यूं तो अतीक और अशरफ 15 अप्रैल 2023 की रात साढ़े दस बजे के बाद मार डाले गए। यूपी के दोनों माफिया भाइयों को तीन अनजान हमलावरों ने 16 सेकंड में 34 गोलियों से छलनी कर डाला। और 40 से भी ज़्यादा सालों तक चलने वाले अतीक के जुर्म की हुकूमत को 40 सेकंड के भीतर ही खत्म कर दिया। 
लेकिन अतीक अहमद का अतीत अब सामने आकर यूपी पुलिस और उसकी मुस्तैदी को सरासर चुनौती दे रहा है। सबसे ताजा खुलासा जो सामने आया उसने सभी को बुरी तरह से चौंकाया है। हालांकि इस बारे में बहुत पहले से बातें तो चल रही थीं लेकिन ज़्यादातर बातें और इल्ज़ाम हवा हवाई ही लग रहे थे। मगर इस बार तो सच सामने आया वो वाकई हैरतअंगेज है। खुलासा यही है कि अतीक और अशरफ के ISI से कनेक्शन था। 

2021 में गिरफ्तार किए गए जीशान कमर के जरिए ही अतीक और अशरफ पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के संपर्क में आए


पुलिस की तफ्तीश का खुलासा कहता है कि अतीक अहमद और उसका भाई अशरफ असल में पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के मददगार के तौर पर काम कर रहे थे। 
इसी बीच आजतक को एक ऐसा सबूत हाथ लगा है जो इस बात को साबित कर देता है कि अतीक और अशरफ पर लगा ये इल्जाम कितना पुख्ता है। असल में आज तक के पास वो लेटर है जो साबित कर देगा कि अतीक और अशरफ का न सिर्फ आतंकी कनेक्शन था बल्कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी के लिए भी दोनों भाई तन मन और धन से सेवा कर रहे थे। 
असल में खुलासा ये हुआ है कि अशरफ ने करेली से गिरफ्तार आतंकी जीशान कमर की पासपोर्ट बनवाने में मदद की थी। जीशान को साल 2021 में दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल ने प्रयागराज के करेली से से गिरफ्तार किया था। और ये इत्तेफाक ही है कि करेली इलाके में ही अतीक और अशरफ के जुर्म का हेडक्वार्टर हुआ करता था। यानी गुनाह का अड्डा था। असल में अशरफ ने पासपोर्ट अधिकारी को पत्र लिखकर जीशान कमर को जानने और पासपोर्ट बनाने की बात लिखी थी। अपने लेटर हेड पर अशरफ ने जीशान कमर को भली भांति जानने की बात कही थी। 

अशरफ ने लेटर लिखकर की थी जीशान के पासपोर्ट बनवाने में मदद


और ये बात पुलिस की तफ्तीश में सामने आ गई थी कि जीशान को पाकिस्तान में हथियार चलाने और प्रयागराज में रहकर आतंकी गतिविधियों को बढ़ाने के लिए ट्रेनिंग दी गई थी। सिर्फ इतना ही नहीं...ट्रेनिंग के बाद वह कुछ साथियों के साथ लखनऊ के रास्ते हथियारों को प्रयागराज लेकर गया था और और नैनी के अपने पोल्ट्री फार्म में छिपा दिया था। पुलिस की तफ्तीश में ये बात खुलकर सामने आ गईकि जीशान आनलाइन खजूर बेचने के बहाने आतंकी गतिविधियों को संचालित कर रहा था। लेकिन पुलिस ने 2021 में जीशान को गिरफ्तार कर लिया था। इसी बीच पुलिस ने जब अतीक और अशरफ से पूछताछ करके उनके अतीत और उनके गुनाहों की फेहरिस्त तैयार करनी शुरू की थी तो खुद अतीक ने पाकिस्तान से आने वाले हथियारों की खरीद करने की बात पुलिस के सामने कुबूल कर ली थी। जब पुलिस ने तमाम रिश्ते और तार जोड़े तो पता चला कि जीशान कमर के जरिए ही अतीक और अशरफ पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के संपर्क में आए और फिर उनके ही होकर रह गए। 
 

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