Sameer Wankhede News: समीर वानखेड़े ने एक बयान जारी किया है जिसमें उन्होंने कहा है कि उनके पिता ज्ञानदेव कचरुजी वानखेड़े हैं जबकि उनकी मां का नाम जाहिदा था जिनकी मौत हो चुकी है। वानखेड़े के मुताबिक उनके पिता राज्य के आबकारी विभाग से बतौर सीनियर इंसेपक्टर रिटायर हुए थे। उनका रिटायरमेंट साल 2007 में पुणे से हुआ था।
मेरे पिता हिंदू और मां मुसलमान थीं, मुझे इस पर गर्व है : समीर वानखेड़े
समीर वानखेड़े ने एक बयान में कहा की उनके पिता ज्ञानदेव कचरुजी वानखेड़े हैं जबकि उनकी मां का नाम जाहिदा था जिनकी मौत हो चुकी है, वो एक धर्मनिरपेक्ष परिवार से ताल्लुक रखते है, पढ़े Crime Tak पर
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25 Oct 2021 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:08 PM)
अपने जारी बयान में समीर वानखेड़े ने ये भी कहा है कि उन्हें अपने वंशावली पर गर्व है। उन्हें गर्व है कि वो एक धर्मनिरपेक्ष परिवार से ताल्लुक रखते हैं। वानखेड़े ने ये भी कहा है कि उन्होंने भी साल 2006 में स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत उन्होंने शबाना कुरेशी से शादी की थी।
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साल 2016 में शबाना कुरेशी से तलाक लेने के बाद साल 2017 में समीर ने मराठी अभिनेत्री क्रांति रेडकर से शादी कर ली। वानखेड़े ने कोर्ट में भी हलफनामा दायर किया है जिसमें उन्होंने आरोप लगाया है कि आर्यन केस की जांच को भटकाने के लिए उस पर इस तरह के आरोप लगाए जा रहे हैं।
वानखेड़े के मुताबिक उनकी निजी जिंदगी को नुकसान पहुंचा रहे हैं। वानखेड़े के मुताबिक नवाब मलिक उन्हें इस वजह से निशाना बना रहे हैं क्योंकि मंगलवार को आर्यन खान की जमानत याचिका पर कोर्ट को सुनवाई करनी है।
नवाब मलिक ने समीर वानखेड़े (Sameer Wankhede) का जन्म प्रमाण पत्र टिव्टर पर शेयर कर दावा किया था कि समीर वानखेड़े के पिता का नाम उस प्रमाण पत्र में दाउद के वानखेड़े है। नवाब मलिक का आरोप था कि समीर वानखेड़े ने मुस्लिम कोटा में नौकरी पाने के लिए अपनी पहचान छिपाई।
साथ ही नवाब मलिक ने वानखेड़े की पहली शादी की फोटो भी टिव्टर पर शेयर की। इससे पहले रेड में शामिल किरन गोसावी के बॉडीगार्ड ने वानखेड़े पर 8 करोड़ रुपये लेने का आरोप लगाया था। गोसावी के बॉडीगार्ड प्रभाकर सेल ने बयान दिया है कि उसने सुना था कि गोसावी को 18 करोड़ रुपये लेने थे जिसमें से 8 करोड़ समीर वानखेड़े को दिए जाने थे।
क्या है NARCOTICS CONTROL BUREAU (NCB)
नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) केन्द्र सरकार के गृह विभाग के तहत आता है। एनसीबी का मुख्य काम देश में चल रहे ड्रग कारोबार पर लगाम लगाने का है। चाहें ड्रग बेचने वाले हों या फिर ड्रग का सेवन करने वाले सब एनसीबी की रडार पर रहते हैं।
विदेशों से आने वाली ड्रग और देश में बनने वाली ड्रग पर भी एनसीबी की नजर रहती है। एनसीबी वक्त-वक्त पर देश के कई इलाकों में छापेमारी करती है। इन इलाकों में बड़े पैमाने पर ऐसी पौध उगाई जाती है जिसका इस्तेमाल ड्रग बनाने में किया जाता है।
यूं तो पुलिस भी कई बार ड्रग्स पकड़ती है और लोगों को गिरफ्तार करती है लेकिन ड्रग से संबंधित ड्रग की नोडल एजेंसी एनसीबी ही है।
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