अजनाला की घटना दोहराने की फिराक में था अमृतपाल अगर पुलिस ने ये कर दिया होता?

Amritpal Ajnala incident? पंजाब में खालिस्तान के समर्थक बनकर उभरे और 36 दिनों तक पुलिस का सिरदर्द बने रहे अमृतपाल सिंह का यूं कानून के शिकंजे में आना अपने आप में कई सवाल पैदा कर देता है, लेकिन सूत्रों से पता चला है कि अमृतपाल सिंह एक बार फिर अजना

अजनाला थाने की घटना को दोहराने की फिराक में था अमृतपाल सिंह

अजनाला थाने की घटना को दोहराने की फिराक में था अमृतपाल सिंह

24 Apr 2023 (अपडेटेड: Apr 24 2023 9:42 AM)

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कल यानी 23 अप्रैल को पंजाब के रोडेवाल के गुरुद्वारे में अमृतपाल सिंह का नाटकीय ढंग से कानून के शिकंजे में आना अपने आप में हैरतअंगेज था। पुलिस की गिरफ्त में आने के बाद ये सवाल हर तरफ थे कि आखिर अमृतपाल सिंह ने खुद को कानून के हवाले क्यों किया। इस सवाल का जवाब तो पूरी तरह से सामने आना बाकी है, मगर कुछ कयास जरूर लगाए जा रहे हैं जो अमृतपाल सिंह की साज़िशों के बारे में अंदाजा दे देती है। 18 मार्च से पंजाब पुलिस के साथ आंख मिचौली का खेल खेल रहे अमृतपाल सिंह के बारे में ये कयास लगाया जा रहा है कि 20 अप्रैल को जब अमृतपाल सिंह की पत्नी किरणदीप कौर को जांच एजेंसियों ने उसे लंदन की फ्लाइट से उतार लिया, तो उसके तीन दिन बाद ही अमृतपाल सिंह गिरफ्तार हो गया। सवाल है क्यों?
अमृतपाल सिंह की गिरफ्तारी के बाद पंजाब में हालात न बिगड़ें इसलिए उसे सीधे असम से डिब्रूगढ़ जेल भेज दिया गया। लेकिन सवाल जस का तस कायम रहा कि 36 दिनों तक पुलिस को चकमा देने वाला अमृतपाल सिंह अचानक कैसे गिरफ्तार हो गया। अगर उसने रविवार की सुबह रोडेवाल गुरुद्वारा में खुद को कानून के हवाले किया तो फिर शनिवार की रात उसने कहां बिताई?

अगल अलग वेश बदलकर अमृतपाल सिंह ने पुलिस को तो 36 दिन तक खूब छकाया


अमृतपाल सिंह पर नज़दीकी नजर रखने वालों की मानें तो अमृतपाल सिंह के कमजोर पड़ने की सबसे पहली कड़ी था पप्पलप्रीत सिंह। क्योंकि उसके पुलिस के शिकंजे में फंसने के साथ ही अमृतपाल सिंह कमजोर पड़ने लगा था। बताते हैं कि 28 मार्च तक अमृतपाल सिंह और पप्पलप्रीत सिंह साथ रहे। लेकिन 28 मार्च को दोनों अलग हो गए। लेकिन 10 अप्रैल को पप्पलप्रीत सिंह अमृतसर में पुलिस के हत्थे चढ़ गया। कहा जा रहा है कि पप्पलप्रीत सिंह की गिरफ्तारी अमृतपाल सिंह के लिए बड़ा झटका था। क्योंकि पप्पलप्रीत सिंह ही अमृतपाल के लिए रहने खाने पीने और पैसों का इंतजाम करता था। इसके अलावा वही आगे की रणनीति भी बनाता था। 
बताया जा रहा है कि अमृतपाल जिस बात को लेकर सबसे ज़्यादा परेशान था कि कहीं पुलिस उसकी पत्नी किरणदीप कौर के साथ साथ उसके परिवार के खिलाफ कोई बड़ा एक्शन न ले। 20 अप्रैल को किरण दीप कौर जब लंदन जाने की तैयारी में थी तभी पुलिस ने उसे दबोच लिया। इतना ही नहीं पुलिस ने अमृतपाल के पूरे परिवार को ही सर्वेलैंस पर ले रखा था। 
किरणदीप कौर का पकड़ा जाना अमृतपाल को सबसे ज़्यादा अखर गया। इसी साल 10 फरवरी को दोनों की शादी हुई। खुलासा तो ये है कि किरणदीप कौर को लेकर अमृतपाल बहुत पजेसिव था। और वो किरणदीप को अकेले घर से बाहर भी नहीं जाने देता था। ऐसे में जांच एजेंसियों का किरणदीप से अमृतपाल और उसके बारे में तीन घंटों तक पूछताछ करना अमृतपाल सिंह को कचोट गया। 
खुलासा यही है कि अगर पुलिस ने किरणदीप को किसी जेल में रखा होता तो अमृतपाल सिंह एक बार फिर अजनाला थाने वाली घटना फिर से दोहरा सकता था। बल्कि वो उसी को दोहराने की फिराक में ही था। मगर पुलिस ने अमृतपाल को कोई मौका ही नहीं दिया, बल्कि किरणदीप से पूछताछ के बाद उसे उसकी ससुराल भेज दिया। बस उसके विदेश जाने पर रोक सी लगा दी थी। 
सूत्रों से ये बात भी सामने आई है कि अमृतपाल सिंह को क़ानून के शिकंजे में लाने के पीछे जरनैल सिंह भिंडरवाले के भतीजे और अकाल तख्त के प्रमुख जसवीर सिंह रोडे की भूमिका अहम थी। और उन्होंने पुलिस को अमृतपाल की योजना के बारे में बताया था। 
 

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