सूरत से संजय सिंह राठौड़ की रिपोर्ट
सूरत में पकड़े गए 16 मुन्ना भाई, फर्जी MBBS डॉक्टरों पर पुलिस की ताबड़तोड़ रेड, 2.35 लाख की दवाइयाँ इंजेक्शन बरामद
पूरे शहर में झोलाछाप डॉक्टरों का बोलबाला है। ग्रामीण इलाके हो या फिर शहरी इलाके सभी जगह पर झोलाछाप डॉक्टर लोगों का इलाज करके उनके स्वास्थ्य से खिलवाड़ कर रहे हैं।
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• 12:25 PM • 01 Aug 2024
न्यूज़ हाइलाइट्स
कक्षा 10-12 तक पढ़े वार्ड बॉय और मेडिकल स्टोर के कर्मचारियों ने खोला क्लिनिक
एंटीबायोटिक्स, इंजेक्शन, बीपी मशीन, ग्लूकोज की बोतलें
बिना मेडिकल डिग्री के प्रैक्टिस
Surat: सूरत पुलिस की एसओजी टीम ने सूरत शहर की अलग-अलग इलाकों में छापेमारी की है। इस दौरान 16 मुन्ना भाई एमबीबीएस फिल्म की तरह डॉक्टरी करने वाले फर्जी डॉक्टरों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार सभी झोलाछाप डॉक्टरो के पास से डॉक्टर की डिग्री नहीं थी बावजूद इसके के वह लोगों का इलाज कर रहे थे। ये लोगों की जान से खिलवाड़ कर रहे थे। जानकारी के मुताबिक पूरे शहर में झोलाछाप डॉक्टरों का बोलबाला है। ग्रामीण इलाके हो या फिर शहरी इलाके सभी जगह पर झोलाछाप डॉक्टर लोगों का इलाज करके उनके स्वास्थ्य से खिलवाड़ कर रहे हैं।
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झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ अभियान चलाया
ऐसे ही डॉक्टर के बारे में सूरत पुलिस की एसओजी टीम को जानकारी मिली थी कि सूरत शहर के डिंडोली और पांडेसरा इलाके में कम पढ़े लिखे लोग क्लीनिक खोलकर लोगों का इलाज कर रहे हैं। इसी जानकारी के आधार पर एसओजी की टीम ने स्वास्थ्य विभाग की टीम को साथ में रखकर के छापेमारी की थी। छापेमारी के दौरान सिविल ड्रेस में पुलिसकर्मी भी मरीज बनकर इन फर्जी डॉक्टर के पास इलाज करवाने के लिए पहुंचे थे। मरीज का इलाज करने वाले डॉक्टर सिविल ड्रेस में पहुंची पुलिस को पुलिस नहीं समझ पाए थे और वह उनका भी इलाज करने लगे।
फर्जी डॉक्टरों के कारण मरीजों की जान जोखिम में
इसके बाद सिविल ड्रेस में मौजूद पुलिस वालों ने इलाज करने वाले डॉक्टर के पास से उनकी डॉक्टर की डिग्री मांगी थी लेकिन डॉक्टर उन्हें अपनी डिग्री नहीं बता सके। सूरत पुलिस की एसओजी टीम ने सूरत शहर के पांडेसरा और डिंडोली इलाके में छापेमारी करने के लिए पांच अलग-अलग टीम में बनाई और इन पांच टीमों ने अलग-अलग क्लीनिक पर जाकर छापेमारी की और 16 मुन्ना भाई एमबीबीएस डॉक्टर को गिरफ्तार कर लिया। पकड़े गए इन सभी 16 डॉक्टरों की परेड पुलिस ने मीडिया के सामने करवाई। इनके पास से पुलिस को बड़ी तादाद में दवाइयां भी बरामद हुई है जिनका इस्तेमाल यह फर्जी डॉक्टर मरीज का इलाज करने के लिए करते थे।
डिंडोली और पांडेसरा से 16 फर्जी डॉक्टर गिरफ्तार
पकड़े गए डॉक्टरों में कोई नौवीं क्लास पढ़ा है कोई दसवीं क्लास पढ़ा है तो कोई 12वीं क्लास पढ़ा है। लेकिन मेडिकल प्रैक्टिस करने के लिए के उनके पास कोई डिग्री नहीं है। पकड़े गए डॉक्टर पहले किसी एमबीबीएस के डॉक्टर के वहां जॉब करते थे कोई हेल्पर था कोई कंपाउंडर था। तो इस समय उनको पता चल गया था कि जो बीमारी के लक्षण होते हैं उन्हें कौन सी दवा दी जाती है और कौन सी बोतल चढ़ाई जाती है। इस जानकारी के बाद उन्होंने अपना अपना क्लीनिक खोल दिया था। सूरत शहर का जो पांडेसरा और डिंडोली इलाका है वहां पर ज्यादातर लोग मजदूरी करने वाले रहते हैं पढ़े-लिखे कम होते हैं उन्हें दवाइयां देते थे। जो पकड़े गए हैं वह सब फर्जी डॉक्टर हैं। यह लोग उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल और उड़ीसा के डॉक्टर शामिल है।
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