बेहद क़ाबिल साइंटिस्ट आफ़िया सिद्दीक़ी ऐसे जुड़ी थी अल क़ायदा से, यूं साबित की वफ़ादारी

कौन है आफ़िया सिद्दीक़ी (Aafia Siddiqui), अल क़ायदा (Al-Qaida) की आतंकी, लेडी क़ायदा (LADY QAIDA) नाम से है मशहूर, Read crime news in Hindi, क्राइम न्यूज़, साइबर क्राइम and वायरल वीडियो on Crime Tak.

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17 Jan 2022 (अपडेटेड: Mar 6 2023 4:12 PM)

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संगीन इल्ज़ामों की बेड़ियों में जकड़ी आफ़िया

WORLD CRIME NEWS IN HINDI:

अमेरिका में 10 घंटे तक चले बंधक प्रकरण के बाद यही बात सभी को परेशान कर रही है कि आखिर ये आफ़िया सिद्दीक़ी (Aafia Siddiqui) कौन है कहां से आई? क्यों बंधकों के पीछे बंदूक तानकर खड़ा वो बदमाश एक पाकिस्तानी नागरिक अल क़ायदा (Al-Qaida) की आतंकी से बात करने की ज़िद पर अड़ा हुआ था।

क्यों उस हथियारबंद बदमाश ने टेक्सास (Texas) की जेल में बंद आफ़िया सिद्दीक़ी को बाहर लाने की शर्त रखी और इससे भी बड़ी बात क्यों एक ब्रिटिश नागरिक को पाकिस्तान की इस लेडी साइंटिस्ट से बात करने की गरज हुई, जिसका ताल्लुक दुनिया के सबसे ख़तरनाक आतंकी संगठनों में से एक अल क़ायदा से होने के संगीन इल्ज़ाम लगे हैं।

क़ाबिल साइंटिस्ट का शानदार अतीत

TERROR NEWS IN HINDI: इन तमाम सवालों के जवाबों को समझने के लिए हमें आफ़िया सिद्दीक़ी को समझना होगा और उसके अतीत में झांकना होगा। जिसे न्यू यॉर्क (NEW YORK) की एक अदालत ने 86 साल की सज़ा सुनाई है। क्योंकि पाकिस्तान की इस वैज्ञानिक को अफ़ग़ानिस्तान में एक अमेरिकी फौजी अफसर की हत्या की कोशिश का दोषी पाया गया है, जिसकी सज़ा वो टेक्सास की एक जेल में काट रही है।

आफ़िया सिद्दीक़ी को अमेरिका में लेडी क़ायदा (LADY QAIDA)के नाम से भी जाना जाता है। क्योंकि उस पर दुनिया के सबसे ख़तरनाक आतंकी संगठन अल क़ायदा से रिश्ता रखने और इस संगठन के लिए काम करने का संगीन इल्ज़ाम न सिर्फ लगा बल्कि अमेरिकी अदालत में साबित भी हो चुका है।

MIT की स्कॉलर रह चुकी आफ़िया

UPDATE TERROR NEWS :मामूली सी शक्ल ओ सूरत वाली तीन बच्चों की माँ आफ़िया सिद्दीक़ी दिमाग़ी तौर पर और इल्ज़ाम के तौर पर कतई मामूली नहीं हैं। पाकिस्तान की रहने वाली आफ़िया सिद्दिक़ी पढ़ाई लिखाई में बेहद तेज़ है।

उसकी क़ाबिलियत का अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अमेरिका समेत दुनिया की सबसे आला यूनिवर्सिटी मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (Massachusetts Institute of Technology) जिसे MIT के नाम से भी जाना जाता है, और ब्रैंडीज़ यूनिवर्सिटी से उसने अपनी पढ़ाई पूरी की। वो पाकिस्तान की सबसे चर्चित और सबसे मशहूर न्यूरो सांइटिस्ट रह चुकी है।

लादेन के संपर्क में थी आफ़िया

TERROR NEWS FROM USA: लेकिन साल 2008 में अमेरिकी सेना ने आफ़िया सिद्दीक़ी को अफ़ग़ानिस्तान के ग़ज़नी शहर से गिरफ़्तार किया था। उस पर अमेरिकी सेना के एक कर्नल रैंक के अफसर की हत्या की कोशिश का इल्ज़ाम लगा था। और इल्ज़ाम ये भी था कि उसका ताल्लुक अल क़ायदा जैसे आतंकी संगठन के टॉप सरगनाओं से भी है, जिनमें ओसामा बिन लादेन (OSAMA BIN LADEN)और अल जवाहिरी भी शामिल हैं।

अमेरिका की फेडेरल अदालत में सामने लाए गए सबूतों और दलीलों के मुताबिक अमेरिका में रहकर न्यूरो साइंस (neuroscience) में रिसर्च करने वाली आफ़िया सिद्दीक़ी पर FBI की नज़र तभी से थी जब न्यूयॉर्क में 11 सितंबर को वर्ल्ड ट्रेड टॉवर पर आतंकी हमला हुआ था।

आफ़िया के लेटर में 'डर्टी बम' का 'कोड'

CRIME STORY IN HINDI:FBI के ज़रिये सामने लाए गए सबूतों के मुताबिक़ 2004 में ही जांच एजेंसी को आफ़िया सिद्दीक़ी की तलाश थी, क्योंकि मिले सुराग़ और सबूतों के आधार पर FBI ने दावा किया था कि आफ़िया सिद्दिक़ी अल क़ायदा के लिए न सिर्फ काम कर रही है बल्कि अल क़ायदा के आतंकियों को तमाम तरह की सुविधाएं मुहैया भी करवाती है।

अमेरिकी खुफ़िया एजेंसियों के मुताबिक 2008 में जब आफ़िया सिद्दीक़ी को अफ़ग़ानिस्तान से गिरफ़्तार किया गया था उस वक़्त उसके पास से एक लेटर मिला था, जिसमें एक ख़तरनाक़ डर्टी बम का ज़िक़्र था।

अफ़ग़ानिस्तान में खुली आफ़िया की साज़िश

LATEST CRIME NEWS:उसी लेटर को डी कोड करने के बाद अमेरिका के सैन्य अधिकारियों ने अंदाज़ा लगाया था कि ये एक गहरी साज़िश का हिस्सा है जिसके तहत अफ़ग़ानिस्तान में आतंकियों के ख़िलाफ चल रही अमेरिकी मुहिम को झटका देना है साथ ही वहां ऑपरेशन में शामिल किसी कर्नल रैंक के अफ़सर को जान से मारना भी शामिल है।

इसी लेटर के ज़रिए अमेरिकी खुफ़िया एजेंसियों ने आतंकियों की उस साज़िश का भी पर्दाफ़ाश कर दिया था जिसके तहत अफ़ग़ानिस्तान में किसी फ़िदाइन हमले के तहत अमेरिकी सेना के साथ साथ अफ़ग़ानिस्तान के आम लोगों को भी निशाना बनाकर बड़ी तबाही को अंजाम दिया जा सके।

न्यू यॉर्क की अदालत ने सुनाई सज़ा

TERROR NEWS IN HINDI:साल 2010 में आफ़िया सिद्दिक़ी को न्यू यॉर्क की अदालत ने दोषी करार दिया था। हालांकि अदालत में ये बात तो साबित नहीं हो सकी कि आफ़िया सिद्दिक़ी खुद आतंकवादी है। लेकिन इस बात के सबूत ज़रूर मिल गए कि उसके न्यू यॉर्क वाले घर में कुछ ऐसे ख़तरनाक रसायन और दस्तावेज़ थे, जिन्हें उसके पास नहीं होने चाहिए थे।

अदालत में दोषी साबित होने के बाद आफ़िया सिद्दिक़ी ने ऊपरी अदालत में फैसले को चुनौती देने से इसलिए इनकार कर दिया क्योंकि उसे ये महसूस होने लगा था कि अब अमेरिकी अधिकारियों के सामने खुद को बेगुनाह साबित कर पाना उसके लिए नामुमकिन है।

आफ़िया के पूर्व पति का ख़ुलासा

AFIA SIDDIQUI PROFILE NEWS:आफ़िया सिद्दिक़ी के बारे में एक बात उसके पूर्व पति ने जो कही वो भी उसके ख़िलाफ़ जाकर ख़ड़ी हो गई। क़रीब दो साल पहले एक निजी चैनल को दिए अपने इंटरव्यू में आफ़िया के पूर्व पति ने ये दावा किया था कि उसके दो बेटों की मौत के बाद आफ़िया पर जेहाद का भूत सवार हो गया था और वो किसी भी सूरत में आतंकी संगठन अल क़ायदा से जुड़कर काम करने की बात कहती रहती थी।

आरोप तो ये भी है कि आफ़िया सिद्दिक़ी ने अल क़ायदा के साथ अपनी वफ़ादारी साबित करने के लिए अल क़ायदा के एक आतंकवादी के साथ शादी भी कर ली थी। वो आतंकवादी इन दिनों ग्वांतानामो जेल में बंद है।

आफ़िया की रिहाई की मुहिम

Al Qaida OPERATIVE NEWS: आफ़िया सिद्दिक़ी के तीन बच्चों में से अब उसका तीसरा बेटा ही ज़िंदा है जो उसके रिश्तेदारों के घर पर है। साल 2018 में पाकिस्तान के विदेश मंत्री युसुफ़ रज़ा गिलानी ने आफ़िया सिद्दिक़ी को मुल्क़ की बेटी यानी डॉटर ऑफ द नेशन के ख़िताफ़ से नवाज़ा था।

सिर्फ इतना ही नहीं पाकिस्तान की हुकूमत ने कई बार आफ़िया को जेल से रिहा करने के लिए अमेरिकी सरकार और वहां के प्रशासन के सामने गुज़ारिश भी की है। अमेरिकी जज रिचर्ड बेरमन ने अपना फ़ैसला लिखते वक़्त ये कहा था कि बेशक शक़्ल ओ सूरत और शरीर देखकर ये अंदाज़ा न मिले कि आफ़िया ख़तरनाक आतंकी गतिविधियों में शामिल हो सकती है लेकिन जो सबूत और सुराग़ मेरे सामने आए हैं उसके आधार पर मैं ये फैसला करता हूं कि डॉक्टर सिद्दिक़ी को 86 साल तक जेल के भीतर रखा जाना चाहिए।

हालांकि पाकिस्तान में अमेरिका के इस फ़ैसला का जमकर विरोध हुआ और कई दफ़ा पाकिस्तान की तमाम मानवाधिकार संगठन और कुछ सियासी पार्टियों ने भी आफ़िया सिद्दिक़ी के समर्थन और अमेरिका के विरोध में प्रदर्शन भी किए।

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